उत्तर प्रदेश के देवरिया जिले के सरकारी प्राइमरी विद्यालयों में दीनी तालीम देने का मामला अभी ठंडा भी नहीं हुआ था कि सिद्धार्थनगर जिले के एक सरकारी विद्यालय में दीनी तालीम देने का मामला सामने आया है । पता चला है कि ये विद्यालय ‘मदरसा’ की तरह चलाया जा रहा है । जिले के खेसरहा ब्लॉक के देवरी गांव के सरकारी विद्यालय में बच्चों के बैग्स में उर्दू भाषा की किताबें मिलने से हडकंप मचा हुआ है । मामले में विद्यालय के ही प्रधानाध्यापक और एक अन्य टीचर का नाम सामने आया है । बीएसए ने उनके खिलाफ कार्रवाई के आदेश दे दिए हैं ।
जब बच्चे उर्दू में लिखने लगे अपना नाम तो चौंके बीएसए
अचरज में डालने वाला यह खुलासा तब हुआ, जब जिले के प्राथमिक शिक्षा अधिकारी राम सिंह देवरी के प्राइमरी विद्यालय का औचक निरीक्षण करने पहुंचे । निरीक्षण के दौरान विद्यालय के विद्यार्थी उर्दू की किताबें पढते दिखे । जब उनसे नाम लिखने को कहा गया तो वह उर्दू भाषा में ही लिखने लगे । तब पता चला कि यहां शासन द्वारा निर्धारित सिलेबस को दरकिनार कर दीनी तालीम दी जा रही है । इस मामले को गंभीरता से लेकर बीएसए ने तत्काल विद्यालय के अभिलेखों को जब्त किया, जो उर्दू भाषा में लिखे गए थे ।
विद्यालय के प्रधानाध्यापक और एक शिक्षक का नाम आया सामने
सिद्धार्थनगर के जिला प्राथमिक शिक्षा अधिकारी ने बताया कि प्राथमिक विद्यालय देवरी में निरीक्षण के दौरान जब उन्होंने बच्चों के बैग चेक किए तो उसमें कुछ पुस्तकें उर्दू तालीम की पायी गयीं । इस संबंध में बच्चों से बात की तो उन्होंने बताया कि इन किताबों से शिक्षक पढाते हैं । इस दौरान दो शिक्षकों मतीउल्लाह और मोहम्मद अकमल का नाम सामने आया । इसमें मती उल्लह विद्यालय का प्रधानाध्यापक है और अकमल सहायक अध्यापक है । इन दोनों अध्यापकों के विरुद्ध नियमानुसार कार्रवाई की जा रही है ।
स्त्रोत : न्युज १८