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इस्लामिक शिक्षाविद का बडा बयान, ‘शरीयत को बदनाम करती है हलाला, इसका इस्लाम से कोर्इ संबंध नहीं‘

देश में इन दिनों तीन तलाक, हलाला और खतना जैसे धार्मिक प्रथाओं को लेकर बहस छिडी हुई है । वहीं, इस बीच उत्तर प्रदेश के बरेली की एक महिला के साथ ससुर और देवर के साथ हलाला निकाह को लेकर बयानबाजी तेज हो गई है । इस मुद्दे पर जमात इस्लामी हिंद बिहार के स्थानीय अध्यक्ष मौलाना रिजवान अहमद इस्लाही ने बडा बयान दिया है । उन्होंने कहा कि, हलाला का वर्तमान रूप शरीयत को बदनाम कर रहा है । इसका इस्लाम से कोई वास्ता नहीं है । उन्होंने कहा कि तीन तलाक के मामले को जिस गलत तरीके से बता और समझा कर पेचीदा बनाने का प्रयास किया जा रहा है, उसी तरह हलाला की प्रचलित व्यवस्था को इस्लाम से जोडकर शरियत को बदनाम करने का षडयंत्र रचा जा रहा है । उन्होंने कहा कि बरेली की जिस महिला ने पति पर जबरन ससुर व देवर से हलाला करवाने का आरोप लगाया है, वह हलाला नहीं बल्कि दुष्कर्म है । ऐसे गुनाह करने वाले लोगों को कानूनी सजा मिलनी चाहिए । आम लोगों के मन में हलाला का जो स्वरूप आम लोगों के दिमाग में है, वह हराम है । इसका इस्लाम से कोई संबंध नहीं है ।

इस्लाही ने कहा कि कुरान शरीफ में हलाल करने की नहीं, बल्कि हलाल होने की बात है । इसका साफ अर्थ है कि यह हलाला नहीं, हलाल है । हलाला के तहत जो तलाक व निकाह होता है, वह हराम है क्योंकि इसमें पति-पत्नी की मंशा ठीक नहीं होती । जिस तरह तीन तलाक शरीयत के खुले दरवाजे को बंद करना है, हलाला शरीयत के बंद दरवाजे को खोलना है । इन दोनों हरकत से अल्लाह नाराज होते हैं । तलाक होने के बाद पति-पत्नी दोनों एक दूसरे के लिए हराम हो जाते हैं । वैवाहिक जीवन गुजारने का दरवाजा बंद होता है । इसी बंद दरवाजे को खोलने के लिए दूसरी शादी होती है । यदि दूसरी शादी के बाद भी तलाक हो जाता है तो वह किसी और से शादी कर सकती है । किसी और में उसका पहला पति भी हो सकता है । लेकिन किसी समझी साजिश के तहत तलाक के बाद किसी और से शादी करना और फिर उसे तलाक देकर पहले पति से शादी करना, हलाला नहीं, दुष्कर्म है । यह हराम है और गुनाह है ।

वहीं, ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड, बिहार की समन्वयक डॉ. महजबी नाज का इस पूरे मसले पर कहना है कि इस्लाम कुअरानशरीफ से संचालित होता है । बरेली में जो हुआ, वह सामाजिक बुराई है । इसके आराेपियों को सख्त सजा मिलनी चाहिए । यदि महिला द्वारा कही गई बातों में सच्चाई है तो यह दुष्कर्म है । हराम है । बता दें कि उत्तर प्रदेश के बरेली में निकाह हलाला के खिलाफ पहली प्राथमिकी दर्ज की गई है । महिला ने अपने पति पर आरोप लगाया है कि उसने पहले तलाक देकर अपने पिता (महिला के ससुर) के साथ निकाह हलाला करवाया और अब दूसरी बार तलाक देकर अपने भाई (महिला का देवर) के साथ हलाला के लिए दबाव बनाया जा रहा है ।

स्त्रोत : जनसत्ता

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