आतंकी संगठन जैश ए मोहम्मद पाकिस्तान के बहावलपुर में १५ एकड में गुपचुप ट्रेनिंग सेंटर बना रहा है । इस सेंटर में हजारों बच्चों को जिहाद के लिए कुर्बानी देने की ट्रेनिंग दी जाएगी । फर्स्टपोस्ट की खबर के अनुसार, पंजाब सूबे के बहावलपुर के बाहरी इलाके में बडी बिल्डिंग बनाई जा रही है । तस्वीरों से पता चलता है कि नई बिल्डिंग जैश के वर्तमान मुख्यालय से पांच गुना बडी होगी । तीन महीनों से इसका निर्माण कार्य चल रहा है ।
देश में इमरान खान के उभरने और बाद में उनके चुनाव जीतने के समय में इस बिल्डिंग को बनाया जाना केवल एक संयोग नहीं हो सकता । जैश ने चुनावों में इमरान खान की पार्टी तहरीक ए इंसाफ को समर्थन दिया और नवाज शरीफ के खिलाफ जमकर प्रचार किया था । जैश ने शरीफ को पाकिस्तान व इस्लाम का गद्दार करार दिया था । सरकारी दस्तावेजों के अनुसार, बहावलपुर कॉम्प्लैक्स के लिए सीधे मसूद अजहर ने जमीन खरीदी है । जिस जगह जमीन खरीदी गई है वहां ८० से ९० लाख प्रति एकड के भाव हैं ।
इस जगह को देखने वाले सूत्रों ने बताया कि, इसमें रसोई, मेडिकल सुविधाएं और कमरे और जमीन के नीचे भी निर्माण किया जा रहा है । माना जा रहा है कि, यहां पर इंडोर फायरिंग रेंज भी बनाई जाएगी । फर्स्टपोस्ट की खबर के अनुसार, स्विमिंग पूल, तीरंदाजी रेंज और खेल का मैदान भी तैयार किया जाएगा ।
कॉम्प्लैक्स बनाने के लिए हज जाने वाले यात्रियों से नकद पैसे लिए गए । २०१७ में जमीन मालिकों से उशर के सहारे भी मदद ली गई । उशर फसल उत्पादन पर लगने वाला सरचार्ज होता है जो शहीदों, धार्मिक लडाकों की मदद के लिए लिया जाता है । अल रहमत नाम के ट्रस्ट के जरिए उशर देने का आह्वान किया गया था ।
जैश के स्थानीय नेताओं ने पंजाब में मस्जिदों के लिए पैसे उगाहे । पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के पैतृक शहर रायविंड के पास पट्टोकी में फारूक-ए-आजम मस्जिद में मौलाना अमार नाम के एक जैश नेता ने लोगों से पैसों की मदद करने का आह्वान करते हुए कहा था, ‘जिहाद शरिया का आदेश है ।’
बता दें कि जैश ए मोहम्मद का सरगना मसूद अजहर भारत की मोस्ट वांटेड लिस्ट में शामिल है । वह २००१ संसद हमले और २०१६ पठानकोट हमले का मास्टमाइंड है । भारत उसे वैश्विक आतंकी बनाने के लिए कोशिशें कर रहा है परंतु चीन इसमें रोडे अटका रहा है । नवाज शरीफ ने प्रधानमंत्री रहते हुए अजहर को गिरफ्तार करने के आदेश दिए थे । सूत्रों का कहना है कि अब सरकार बदलने के बाद जैश पहले से ज्यादा सक्रिय हो सकता है ।
स्त्रोत : न्युज १८