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वेटिकन : ननों ने बताया, ‘कैसे पादरियों ने किया यौन उत्पीडन’

Representational image (Photo : Reuters)

वेटिकन सिटी : यौन शोषण के खिलाफ शुरू हुए ऑनलाइन कैम्पेन #मी टू से अब नन भी जुड गई हैं । अब अपने साथ हुए यौन अपराध पर वे भी खुलकर सामने आई हैं ! एक नन ने बताया कि, २० साल पहले यूनिवर्सिटी के क्लासरूम में इटली के एक पादरी ने उनका यौन उत्पीडन किया था । उस समय सिस्टर ने अपने साथ हुई घटना का उल्लेख प्रांतीय सुपीरियर और अपने आध्यात्मिक निदेशक से किया था । हालांकि, वह कैथलिक चर्च की गोपनीयता की संस्कृति, उनकी आज्ञापालन के संकल्प, डर और शर्म के कारण से चुप रहीं !

उन्होंने असोसिएटेड प्रेस को बताया, ‘इसने मेरे अंदर मौजूद बडे घाव को खोल दिया । मैंने ऐसे दिखाने का प्रयास किया की जैसे कुछ हुआ ही नहीं है !’ उल्लेखनीय है कि भारत में भी हाल ही में एक नन ने बिशॉप के खिलाफ रेप का आरोप दर्ज कराया है, जिसके बारे में एक साल पहले तक सोचा भी नहीं जा सकता था !

एपी की रिपोर्ट के अनुसार, यूरोप, अफ्रीका, दक्षिण अमेरिका और एशिया में ननों के साथ यौन अपराध की घटनाएं सामने आई हैं, जिसने यह दिखाया है कि यह समस्या वैश्विक है ! इसकी वजह कैथलिक चर्च में सिस्टर का सेकंड क्लास का दर्जा और इसे चलानेवाले पुरुषों की दासता में काम करना है !

यह मामला बच्चों और वयस्कों के साथ हुए यौन अपराध और साथ ही एक प्रमुख अमेरिकी कार्डिनल थियोडोर मैकार्रिकद्वारा उनके अनुयायियों के यौन उत्पीडन के बाद से चर्चा में है । ननों के साथ किस हद तक ज्यादती हुई है यह अभी अस्पष्ट है, खासकर वेटिकन के बाहर ! पीडित अपने उत्पीडन को लेकर खुलकर नहीं बोल रहे क्योंकि उन्हें लगता है कि उनका कोई भरोसा नहीं करेगा !

हालांकि, इस सप्ताह आधा दर्जन सिस्टरों ने चीली में एक धार्मिक सभा के दौरान नैशनल टीवी पर पादरियों और अन्य ननोंद्वारा किए गए उत्पीडन पर खुलकर बोला और यह भी कैसे उनके सीनियर इस पर कुछ नहीं कर रहे !

वेटिकन की कार्रवाई

वेटिकन किस प्रकार ऐसे मामले को देखता है, या पीडिता का ख्याल रखता है या आरोपी को सजा देता है, इसको लेकर उसने कुछ भी कहने से इनकार कर दिया है । वहीं, एक वेटिकन ऑफिसर बताते हैं यह स्थानीय चर्च नेताओं पर है कि वह सिस्टरों के साथ बलात्कार करनेवाले पादरी पर प्रतिबंध लगा दे, परंतु अक्सर न्यायालय में चलनेवाले मामलों में कोई दंड नहीं मिलता ! अधिकारी का कहना है कि चर्चा का ध्यान बच्चों को सुरक्षा देने पर रहता है, परंतु वयस्क भी उसी प्रकार सुरक्षा पाने के हकदार हैं !

स्त्रोत : नवभारत टाईम्स

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