केरल निवासी नन के परिजनों ने आरोप लगाया है कि, यौन उत्पीडन करने वाले बिशप ने उन्हें जमीन देने की बात कही है । परिजनों ने कहा है कि बिशप के विरोध में शिकायत वापस लेने पर उन्हें जमीन देने का लालच दिया गया है । रोमन कैथोलिक डाइकोसिस ऑफ जालंधर, पंजाब के बिशप के विरुद्ध एक नन ने मामला दर्ज किया है । आरोप लगाया गया है कि वर्ष २०१४ से बिशप ने १३ बार उसका उत्पीडन किया है । पुलिस में शिकायत तब की गई जब बिशप ने नन और पांच अन्य के विरुद्ध धमकी और ब्लैकमेल करने का मामला दर्ज किया ।
खुद का बचाव करते हुए बिशप मुलक्कल ने कहा कि नन के विरोध में जब अनुशासनात्मक कार्रवाई की गई तो उसने ब्लैकमेल करना शुरु कर दिया । उसका मौजूदा संस्था से ट्रांसफर किया गया । बिशप के अनुसार नन ने आदेश मानने से इनकार किया और उसके आरोप बेबुनियाद हैं ।
दूसरी ओर नन ने आरोप लगाया कि सायरो-मालाबार कैथोलिक चर्च ने बिशप के विरुद्ध शिकायत को नजरअंदाज कर दिया । नन के परिजनों की कथित तौर पर लीक किए गए एक ऑडियो क्लिप में यह बात सामने आई है कि पादरी ने एक वरिष्ठ नन को फोन किया था । यह वरिष्ठ नन पीडिता के पक्ष में है । ऑडियो क्लिप में शख्स ने खुद का परिचय पुजारी के तौर पर कराया है जो सुबह मिलने के लिए आया था । उसने सलाह दी कि अगर वह डाइकोसिस के खिलाफ मामला वापस लें तो उनके लिए जमीन खरीद दी जाएगी ।
पुजारी ने कहा, ‘डाइकोसिस के लोगों ने केवल यह सलाह दी है कि अगर आवश्यकता हो तो हम कुछ जमीन खरीद कर एक कॉन्वेंट बना देंगे और आप सभी को एक सुरक्षित जगह भेज देंगे । यह आज या कल में नहीं हो सकता, इसमें समय लगेगा । यह तभी होगा जब आप अपना मामला वापस ले लेंगी ।’
पुजारी यह सलाह दे रहा है कि ननों को मामला वापस लेने के बारे में सोचना चाहिए । पुजारी ने सिस्टर को बताया कि इस केस के साथ आगे बढने पर आपको जरूर सोचना चाहिए । उसने कहा, ‘आपको यह जरूर जानना चाहिए कि जिस नन ने यह शिकायत किया है, वह और उसका परिवार इसमें कुछ भी करने को तैयार होगा ।’ पुजारी ने कहा कि वह उन पर दबाव नहीं बना रहा है, आगे की दिक्कतों के लिए चेतावनी दे रहा है ।
स्त्रोत : न्युज १८