आसाम को विकास की बांग्लादेशी मुसलमान घुसपैठों द्वारा सुरक्षा चाहिए – रमेश शिंदे

‘हिन्दु युवा मंच, आसाम’ का सातवां वर्धापन दिन समारोह उत्साहपूर्ण वातावरण में

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बोंगाईगांव (आसाम) : हिन्दू जनजागृति समिति के राष्ट्रीय प्रवक्ता श्री. रमेश शिंदे ने यह वक्तव्य किया कि, ‘मोदी सरकार ने अर्थसंकल्प में आसाम के विकास हेतु विशेष प्रबंध कर अभिनंदनीय कृती की है; किंतु बांग्लादेशी मुसलमान घुसपैठों को राज्य से नहीं निकाला गया, वह निधी उनपर व्यय किया जाएगा । प्रधानमंत्री मा. मोदी ने लोकसभा चुनाव के समय आसाम में अपने वक्तव्य में यह आश्‍वासन दिया था कि, भाजपा का सरकार आया, तो १६ मई के पश्‍चात (लोकसभा निर्णय के दिन के पश्‍चात) बांग्लादेशी मुसलमान घुसपैठों को सर्व सामान के साथ भेजा जाएगा । उसे अब १ वर्ष पूर्ण होगा । अतः आगामी १६ मई से पूर्व बांग्लादेशी घुसपैठों के विरुद्ध कडा अधिनियम पारित कर अपनी वचनबद्धता सिद्ध करनी चाहिए । आसाम के नागरिकों को प्रथम सुरक्षा देनी चाहिए ।’ आसाम के हिन्दू युवा मंच’ के सातवे वर्धापनदिन निमित्त आयोजित कार्यक्रम में वे प्रमुख वक्ता के रूप में वक्तव्य कर रहे थे । भारत के २०११ के जनगणना ब्यौरे के अनुसार समाचार का आधार लेते हुए उन्होंने बताया कि, भारत में मुसलमानोंकी सर्वाधिक लोकसंख्या आसाम में बढ गई है । अतः सावध होना चाहिए । हिन्दू संस्कृति में १२ विद्या एवं ६४ कलाआें की देन है; तो इन घुसपैठों को केवल एक ही कला अवगत है, ‘लुटो-काटो-बाटो’। आसाम का तथा हिन्दू संस्कृति का प्राचीन संबंध है, श्रीकृष्ण की पत्नी रुक्मिणी आसाम की, साथ ही महाभारत की भीम की पत्नी हिडींबा भी आसाम प्रदेश की ही थी । सहस्त्रों वर्ष की हिन्दू संस्कृति यहां होते हुए भी आज मुसलमान बलपूर्वक भूमि पर अपना अधिकार प्राप्त कर तथा ईसाई धर्मपरिवर्तन कर अपना वर्चस्व निर्माण कर रहे हैं । हम सभी को हिन्दू राष्ट्र स्थापना की सिद्धता कर इसे प्रतिबंधित करना होगा ।

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इस कार्यक्रम के लिए गोरक्षापीठ के आसाम के मठाधिश पू. कैवल्यनाथ स्वामीजी, श्रीराम सेना के संस्थापक अध्यक्ष श्री. प्रमोद मुतालिक, तामिळनाडु के हिन्दू मक्कल कच्छी संगठन के उपाध्यक्ष श्री. देव गोविंद राजू, नागपुर के प्राचीन वस्तु संशोधन एवं संवर्धन के कार्य करनेवाले श्री. नितीन कुर्ये तथा अमरिका के (मूलतः इस्रायली ज्यू वंश की) श्रीमती झेमिरा एली नातन, ये विशेष अतिथी के रूप में उपस्थित थे ।

हिन्दुस्थान ही हिन्दुआें का एकमात्र अपने अधिकार का घर  –  प्रमोद मुतालिक

pramod-muthalik-for-mpश्री. प्रमोद मुतालिक ने उपस्थितों को यह बताकर अश्‍वस्त किया कि, ‘आप अपने को अकेले मत समझे, अपितु हम सभी आप के साथ हैं ।’ आगे उन्होंने यह भी बताया कि, शीघ्र ही हम ‘बांग्लादेशी भगाओ, देश बचाओ, यह अभियान आरंभ करनेवाले हैं । आज हिन्दुस्थान को बचाने की सर्वाधिक आवश्यकता है; क्योंकि यह हिन्दुआें का एकमात्र अपने अधिकार का घर है । शेष अन्य पंथों के अनेक देश हैं । अतः हिन्दू राष्ट्रनिर्मिति के कार्य में सम्मिलित हों ।

अमरिका से आए (मूलतः इस्त्रायली ज्यू वंश की) श्रीमती झेमिरा एली नातन ने बताया कि, भारत तथा इस्त्रायल इन देशों की संस्कृति एवं समस्या एक समान ही है, साथ ही धोखा भी भारत के हिन्दुआें को है । अतः इन दोनों देशों ने एक दूसरे का सहकार्य करना चाहिए । यदि भारतीय तथा ज्यू पर आक्रमण कर उन्हें समाप्त करने का प्रयास किया गया तथा यदि हम ने इस पर पाबंदी नहीं लगाई, तो विश्‍व की प्राचीनतम संस्कृति नष्ट होगी ।

श्री. नितीन कुर्ये ने आसाम के माजोली इस बेट पर प्राचीनतम हिन्दू संस्कृति एवं हस्तलिखितों की सुरक्षा हेतु उनके द्वारा किए गए कार्य के संदर्भ में जानकारी दी । साथ ही  श्री. देव गोविंद राजू ने सभी को तामिळनाडु में आने का निमंत्रण दिया । पू. कैवल्यनाथ स्वामीजी ने आशीर्वचन पर मार्गदर्शन करते हुए बताया कि, हम सब एक हुए, तो ही आसाम का अस्तित्व निभाएं रख सकते हैं, अन्यथा बांग्लादेशी मुसलमान बदरुद्दीन अजमल आज संसद सदस्य है; कल वह आसाम का मुख्यमंत्री बनेगें तथा दूसरे ही दिन आसाम में शरियत का अधिनियम पारित कर हिन्दुआें द्वारा जिझिया कर प्राप्त करना आरंभ करेंगा । हमारी लडकियों को मुसलमानों का वास्तव रूप बताकर लव जिहाद से बचाएं । हिन्दू युवा मंच के संगठक सचिव श्री. शिवशंकर कुंडू ने हिन्दू युवा मंच का उद्देश्य स्पष्ट किया । साथ ही मंच के सचिव श्री. तपन दास ने उपस्थितों का स्वागत किया । अंत में श्री. भंवरलाल पवार ने सभी का आभार प्रदर्शन किया ।

क्षणिकाएं

१. कार्यक्रम स्थल पर ४ ईसाई परिवारों को हिन्दू धर्म में पुर्नप्रवेश दिया गया । हिन्दू धर्म में धर्मपरिवर्तित हुए ४ परिवारों को हिन्दू मक्कल कच्छी के श्री. देव गोविंद राजू ने व्यासपीठ पर ही साष्टांग नमस्कार कर वंदन किया ।

२. कार्यक्रम स्थान पर हिन्दू जनजागृति समिति द्वारा धर्मजागृति पर प्रदर्शनी आयोजित की गई थी ।

३. संथाल वनवासी नृत्य समूह ने सभी वक्ताआें को नृत्य करते हुए व्यासपीठ तक लाया ।

४. बोडो वनवासी समूह ने भी अपना पारंपारिक नृत्य प्रस्तुत किया ।

५. व्यासपीठ के सामने वनवासी पारंपारिक शस्त्रं (धनुष्य-बाण) लेकर रक्षा हेतु सिद्ध थे ।

६. पुलिस को आनेवाले अतिथियों की पूर्वसूचना प्राप्त हो कर भी तथा संवेदनशील परिसर में कार्यक्रम का आयोजन होते हुए भी किसी भी प्रकार का सुरक्षा का प्रबंध नहीं था ।

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