फाल्गुन कृष्ण ४, कलियुग वर्ष ५११४
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लाहौर। पाकिस्तान की जेल में बंद भारतीय सरबजीत सिंह को निर्दोष साबित करने के लिए उनके वकील लगातार प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने कहा है कि सरबजीत के मामले में न्याय का गला घोंटा गया है। १९९० में लाहौर और फैसलाबाद में बम घमाकों में शामिल होने के आरोप में सरबजीत को मौत की सजा मिली हुई है। इस धमाके में १४ लोग मारे गए थे।
सरबजीत के वकील अवैस शेख की किताब ‘सरबजीत सिंह – ए केस ऑफ मिस्टेकन आइडेंटिटी’ हाल ही में रिलीज हुई है। ‘द एक्सप्रेस ट्रिब्यून’ में गत गुरुवार को छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक, १९९ पृष्ठों वाली इस किताब में शेख ने लिखा है कि सरबजीत सिंह गलती से पाकिस्तान की सीमा में घुस आया था और इसके बाद उसपर बम धमाकों के आरोप लगा दिए गए। इस किताब में सरबजीत मामले में जांच, मुकदमे और अपील में हुई गड़बड़ियों के बारे में भी बताया गया है। इसके अलावा इस किताब में भारत में उसके परिवार द्वारा लिखे गए खतों को भी शामिल किया गया है।
स्त्रोत – जागरण
लाहौर। पाकिस्तान की जेल में बंद भारतीय सरबजीत सिंह को निर्दोष साबित करने के लिए उनके वकील लगातार प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने कहा है कि सरबजीत के मामले में न्याय का गला घोंटा गया है। 1990 में लाहौर और फैसलाबाद में बम घमाकों में शामिल होने के आरोप में सरबजीत को मौत की सजा मिली हुई है। इस धमाके में 14 लोग मारे गए थे।
सरबजीत के वकील अवैस शेख की किताब ‘सरबजीत सिंह – ए केस ऑफ मिस्टेकन आइडेंटिटी’ हाल ही में रिलीज हुई है। ‘द एक्सप्रेस ट्रिब्यून’ में गत गुरुवार को छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक, 199 पृष्ठों वाली इस किताब में शेख ने लिखा है कि सरबजीत सिंह गलती से पाकिस्तान की सीमा में घुस आया था और इसके बाद उसपर बम धमाकों के आरोप लगा दिए गए। इस किताब में सरबजीत मामले में जांच, मुकदमे और अपील में हुई गड़बड़ियों के बारे में भी बताया गया है। इसके अलावा इस किताब में भारत में उसके परिवार द्वारा लिखे गए खतों को भी शामिल किया गया है।
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