फाल्गुन कृष्ण ४, कलियुग वर्ष ५११४
धार (मध्यप्रदेश) में आज की उपस्थितिमें धर्मसभा
पू. आचार्य धर्मेंद्रजी |
धार (मध्यप्रदेश) – यहांकी भोजशालामें वसंतपंचमीको भाजपा सरकारकी पुलिसद्वारा हिंदुओंपर किए गए लाठी प्रहार एवं श्रीकाशीसुमेरू पीठाधीश्वर शंकराचार्य स्वामी नरेंद्रानंद सरस्वतीको प्रताडित करना इत्यादि घटनाओंके विरोधमें २८ फरवरी सुबह ११ बजे यहांके राजवाडा चौराहेमें धर्मसभाका आयोजन किया गया । भोजशाला मुक्तियज्ञ समितिद्वारा आयोजित इस सभामें पंचखंड पीठाधीश्वर पू. आचार्य धर्मेंद्रजी एवं श्री. विनय पानवलकर मार्गदर्शन करनेवाले हैं । भोजशाला मुक्तियज्ञ समितिके प्रदेश संयोजक श्री. दिनेश देवडाने धर्मसभामें हिंदुओंको अधिकसे अधिक संख्यामें उपस्थित रहनेका आवाहन किया है ।
मुसलमानोंके अधिकार कहांतक मान्य करने हैं ? – आचार्य धर्मेंद्र महाराजद्वारा प्रश्न
इंदौरमें २७ फरवरीको आयोजित पत्रकार परिषद्में आचार्य धर्मेंद्र महाराजने ‘मुसलमानोंके अधिकार कहांतक मान्य करने हैं’ ? ऐसा प्रश्न करते हुए कहा कि मुसलमानोंने ही इस देशका नाम ‘हिंदुस्थान’ रखा है । हिंदुओंने कभी ऐसा नहीं कहा था कि मुसलमान भारतमें न रहें । उन्होंने ऐसा भी नहीं कहा था कि वे यहां असुरक्षित हैं । हिंदुओंने कभी अपने लिए हिंदू राष्ट्रकी मांग नहीं की थी । तब भी मुसलमानोंने अपने लिए अलग राष्ट्र मांगा । इतना होनेके पश्चात भी मुसलमान हिंदुओंकी प्रत्येक वस्तुपर अधिकार जताते होंगे, तो हिंदुओंको उन्हें कहांतक मान्य करना है ? इस अवसरपर हिंदू जनजागृति समितिके समन्वयक श्री. विनय पानवलकर एवं ‘समर्थ’ संगठनके श्री. मनीष मंजुल परिषदमें उपस्थित थे ।
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात