मार्गशीर्ष अमावस्या, कलियुग वर्ष ५११६्
कराची – पाकिस्तान के दक्षिणी सिंध प्रान्त में कुछ अज्ञात लोगों ने एक हिंदू मंदिर में तोड़फोड़ की। इस घटना के बाद वहां के हिंदुओं और स्थानीय राजनीतिक दलों ने अपना विरोध दर्ज कराया है।
पाकिस्तान हिंदू काउंसिल के नेता रमेश वाखवानी ने बताया कि हैदराबाद के बाहरी इलाके में स्थित तांडो मोहम्मद जिले में स्थित मंदिर पर हमला कर उपद्रवियों ने एक धार्मिक पुस्तक और एक मूर्ति को आग लगाकर उन्हें राख में तब्दील कर दिया। वाखवानी ने कहा, ‘हमें नहीं पता कि इसके पीछे कौन है लेकिन पुलिस ने हमारी शिकायत पर अज्ञात लोगों के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है। चश्मदीदों के मुताबिक उन्होंने चार लोगों को मंदिर को आग के हवाले करने के बाद मोटरसाइकिल से भागते देखा था।’
सीनियर पुलिस अधिकारी नसीम आरा पंवार ने कहा कि एक चश्मदीद बता रही थी कि उसने घटना के तुरंत बाद चार लोगों को दो मोटरसाइकिलों पर भागते देखा है। उसके मुताबिक वही लोग इस घटना के लिए जिम्मेदार थे। नसीम ने हमले को एक छोटी घटना के रूप में जाहिर करने की कोशिश करते हुए कहा कि सही रूप में देखा जाए तो यह मंदिर था ही नहीं।
उन्होंने कहा, ‘एक उंचे प्लेटफॉर्म जैसा था जिसपर कुछ मूर्तियां रखी हुई थीं। हमने इस मंदिर की देखरेख करने वाले से कहा भी था कि इसके आसपास एक बाउंड्री वॉव बना लें और वहां पर मूर्तियां और धार्मिक पुस्तकें न रखें, लेकिन उन्होंने मेरे सुझावों को नजरअंदाज कर दिया।’
हिंदू पंचायत के नेताओं डॉक्टर गिरधारीलाल गुल, बाबू पटेल और मोहन लाल ने इस हमले को दंगे फैलाने के लिए एक साजिश करार देते हुए कहा कि वह विरोध प्रदर्शनों के द्वारा ऐसी कोशिशों को बेकार कर देंगे। उन्होंने सरकार से इस मामले के दोषियों को कटघरे तक लाने की मांग की। इस मंदिर पर ज्यादातर कोली समुदाय के लोग ही जाते थे।
ऐसी ही एक घटना में इसी साल 28 मार्च को हैदराबाद में फतेह चौक के पास एक मंदिर को आग लगा दी गई थी। इस घटना के बाद पूरे पाकिस्तानी हिंदू समुदाय ने जोरदार प्रदर्शन किया था।
स्त्रोत : नवभारत टाइम्स