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कश्मीर मुद्दा हल करना भारत के हित में होगा !

फाल्गुन कृष्ण ४, कलियुग वर्ष ५११४

वाशिंगटन। अमेरिकी खुफिया एजेंसी सीआइए के पूर्व अधिकारी ब्रूस रीडेल का कहना है कि यह भारत के हित में है कि वह कश्मीर के मसले पर पाकिस्तान के साथ संघर्ष की स्थिति को समाप्त करे। वह राष्ट्रपति बराक ओबामा के पहले कार्यकाल में अफगानिस्तान और पाकिस्तान के लिए नीति बनाने वालों में शामिल थे।

रीडेल का दावा है कि १९९० के कारगिल युद्ध के बाद से भारतीय कश्मीर में अमेरिका की भूमिका को लेकर अधिक खुला दृष्टिकोण रखते हैं। भारतीय महसूस करते हैं कि अमेरिका इस मुद्दे के समाधान के पक्ष में है और भारत इसे स्वीकार कर सकता है। उनका कहना है कि कश्मीर मुद्दे के हल से पाकिस्तान में स्थिति अधिक सामान्य हो सकती है। इससे भारत के साथ उसका तनाव भी कम हो सकता है।

अपनी नवीनतम किताब ‘अवाइडिंग अर्मागेडन : अमेरिका, इंडिया एंड पाकिस्तान टू द ब्रिंक एंड बैक’ में रीडेल ने कहा है कि पाकिस्तान द्वारा भारत के खिलाफ संघर्ष प्रारंभ करने की इच्छा का त्याग करने से वह तालिबान, लश्कर-ए-तैयबा और अलकायदा के साथ मैत्रीपूर्ण संबंध बनाने से पीछे हटेगा। रीडेल इस समय प्रतिष्ठित ब्रूकिंग्स इंस्टीट्यूट में शोधार्थी हैं। रीडेल ने कहा है कि कश्मीर मुद्दे के हल से पाकिस्तान में राष्ट्रीय सुरक्षा के मामले में सेना की भूमिका भी कम होगी। इससे वहां वास्तविक लोकतंत्र टिकाऊ हो सकेगा।

स्त्रोत जागरण

वाशिंगटन। अमेरिकी खुफिया एजेंसी सीआइए के पूर्व अधिकारी ब्रूस रीडेल का कहना है कि यह भारत के हित में है कि वह कश्मीर के मसले पर पाकिस्तान के साथ संघर्ष की स्थिति को समाप्त करे। वह राष्ट्रपति बराक ओबामा के पहले कार्यकाल में अफगानिस्तान और पाकिस्तान के लिए नीति बनाने वालों में शामिल थे।

रीडेल का दावा है कि 1999 के कारगिल युद्ध के बाद से भारतीय कश्मीर में अमेरिका की भूमिका को लेकर अधिक खुला दृष्टिकोण रखते हैं। भारतीय महसूस करते हैं कि अमेरिका इस मुद्दे के समाधान के पक्ष में है और भारत इसे स्वीकार कर सकता है। उनका कहना है कि कश्मीर मुद्दे के हल से पाकिस्तान में स्थिति अधिक सामान्य हो सकती है। इससे भारत के साथ उसका तनाव भी कम हो सकता है।

अपनी नवीनतम किताब ‘अवाइडिंग अर्मागेडन : अमेरिका, इंडिया एंड पाकिस्तान टू द ब्रिंक एंड बैक’ में रीडेल ने कहा है कि पाकिस्तान द्वारा भारत के खिलाफ संघर्ष प्रारंभ करने की इच्छा का त्याग करने से वह तालिबान, लश्कर-ए-तैयबा और अलकायदा के साथ मैत्रीपूर्ण संबंध बनाने से पीछे हटेगा। रीडेल इस समय प्रतिष्ठित ब्रूकिंग्स इंस्टीट्यूट में शोधार्थी हैं। रीडेल ने कहा है कि कश्मीर मुद्दे के हल से पाकिस्तान में राष्ट्रीय सुरक्षा के मामले में सेना की भूमिका भी कम होगी। इससे वहां वास्तविक लोकतंत्र टिकाऊ हो सकेगा।

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