घर में सुईं भी नहीं मिली; परंतु पुलिस अधिकारी बम मिलने का झूठा दावा कर रहे हैं ! – श्रीमती लक्ष्मी राऊत, श्री. वैभव राऊत की पत्नी
श्री. वैभव राऊत की पत्नी के इस स्पष्टीकरण के कारण आतंकवादविरोधी दल की कार्रवाई पर जनताद्वारा संदेह जताया गया, तो उसमें गलत क्या है ? – सम्पादक, दैनिक सनातन प्रभात
मुंबई : घर में विस्फोटक मिलने के आरोप में आतंकवादविरोधी दलद्वारा बंदी बनाए गए गोरक्षक श्री. वैभव राऊत के समर्थन में १२ अगस्त को वसई तहसिल के सैकडों ग्रामवासी उनके निवास स्थान पर संगठित हुए। इस समय २२ गांवों के ८०० से भी अधिक ग्रामवासियों ने संगठित होकर श्री. वैभव राऊत को अपना समर्थन घोषित किया। श्री. वैभव राऊत को अन्याय्य बंदी बनाए जाने के विरोध में ग्रामवासियों ने १७ अगस्त को मूक मोर्चा निकालना सुनिश्चित किया है ! (ऐसे कठीन प्रसंग में हिन्दुत्वनिष्ठों के साथ दृढता के साथ खडे रहनेवाले नालासोपारा के नागरिकों का अभिनंदन ! – सम्पादक, दैनिक सनातन प्रभात)
श्री. वैभव राऊत की पत्नी श्रीमती लक्ष्मी राऊत ने अपने पति को बंदी बनाए जाने के पीछे बीफ माफिया का षड्यंत्र होने का आरोप लगाया है !
श्रीमती राऊत ने कहा, ‘इस कथित विस्फोटकों का पीछा करते हुए पुलिस का कुत्ता घर में नहीं आया, तो पुलिसकर्मी उसे खिंचते हुए घर में ले आए ! आतंकवादविरोधी दल ने हमारे घर विस्फोटक होने का शोध लगाया कैसे ? पुलिसद्वारा की गई संपूर्ण तलाश में एक सुईं भी नहीं मिली ! यह दल ‘हमारे घर में ८ देसी बम मिलें’ ऐसा झूठ बोल रहा है और हमारे परिवार को अपकीर्त कर रहा है। पुलिस अधिकारी कहते हैं कि पडोस की साईदर्शन इमारत की दुकानों से विस्फोटक मिले, तो उन्हें अपने नियंत्रण में लेते समय श्री. वैभव राऊत को साथ क्यों नहीं ले के गये ? समाचार वाहिनियोंपर विस्फोटक मिले, ऐसा बोलते हुए घर के कमरे और थैलियां दिखाई गईं; परंतु क्या उसमें सचमुच विस्फोटक और बम थे, इसकी आश्वस्तता उन्होंने विस्फोटक प्रत्यक्ष में दिखा कर नहीं की ! उस रात्र यह जो घटना हुई, उससे हमारा परिवार ही भयभीत हुआ है ! १० अगस्त की सुबह ७ बजे पुलिसकर्मियों ने घर का सब समान बाहर निकाला। उनके साथ प्रसारमाध्यमों के प्रतिनिधि भी थे। वैभव का चेहरा ढककर उन्हें पुलिस अधिकारी मुंबई ले गए !’
वर्ष २०१५ में वैभव राऊत ने ६०० किलो गोमांस पकडवा दिया था; इसलिए धर्मांधोंद्वारा किया गया था भांडार आळी (भांडार गली) पर आक्रमण !
१२ फरवरी २०१५ को वैभव राऊत तथा उनके मित्रों ने भांडारआळी के निकट के धनंजय चित्रपट गृह के पास एक टेम्पो में ६०० किलो गोमांस पकडा था। उस टेम्पो का चालक कुरैशी टेम्पो सडक पर ही छोडकर भाग गया ! उससे गुस्साए बीफमाफियों ने शस्त्रोंसह भांडारआळी पर प्राणघातक आक्रमण किया । तब वहां की महिलाओंद्वारा सडक पर उतरकर इन धर्मांधों का प्रतिकार किया गया इसलिए आगे की संभावित अप्रिय घटना टल गई, अन्यथा बडा दंगा हो सकता था ! श्री. वैभव राऊत के इस कार्य से बीफमाफियों की पोल खुल गई ! उस समय श्री. वैभव राऊत के समर्थन में १३ फरवरी २०१५ को नालासोपारा बंद घोषित किया गया था !
श्री. वैभव राऊत के घर पुलिस की तलाशी पर स्थानीय लोगों ने लगाया प्रश्नचिन्ह !
पुलिस अधिकारियों ने श्री. वैभव राऊत के घर से नियंत्रण में ली गई सामग्री का ब्यौरा पंचो के समक्ष नहीं बनाया है; इसलिए आतंकवादविरोधी दल के अन्वेषण पर ही प्रश्नचिन्ह उपस्थित होता है !
स्थानीय लोगों ने समाचारवाहिनियों को निम्न प्रतिक्रियाएं दीं . . .
• पुलिसकर्मियों ने हमें कुछ नहीं दिखाया। वे घर से क्या लेकर जा रहे हैं, यह उन्हें दिखाना चाहिए। वे बम लेकर गए या वह कचरा था ? उसपर कपडा लपेटे जाने से हमें कुछ दिखाई नहीं दिया। वहां गांव के गणमान्य लोग उपस्थित थे; परंतु पुलिसकर्मियों ने किसी को कुछ नहीं दिखाया ! – स्थानीय महिला, नालासोपारा
• पुलिसकर्मियों ने साक्ष्यपत्र बनाते समय हमें कुछ नहीं दिखाया और उसपर किसके हस्ताक्षर लिए, यह भी हमें ज्ञात नहीं है ! – श्री. हर्षद राऊत, स्थानीय
• मैं वैभव को जानती हूं। गांव की समस्याओं के समाधान के लिए वैभव ने सदैव ही प्रधानता ली है ! – स्थानीय महिला
• पुलिसकर्मी जब श्री. वैभव के घर की जांच कर रहे थे, तब यह बात किसी को भी ज्ञात नहीं थी। उनके चचेरे भाई इत्यादि परिजनों को भी पुलिस अधिकारियों ने कुछ सूचित नहीं होने दिया ! – स्थानीय महिला
(संदर्भ : टीवी ९ मराठी समाचारवाहिनी)
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात