हिन्दू जनजागृति समिति का ‘आदर्श गणेशोत्सव अभियान !
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हिन्दू जनजागृति समिति की ओर से ‘सार्वजनिक उत्सव समन्वय शिविर’ का आयोजन
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ऐसी एक भी घटना दिखाएं जहां श्री गणेश मूर्ति विसर्जन के कारण एक भी मछली मृत हो गई हो ! – श्री. प्रकाश चौगुले, विधाता गणेशोत्सव मंडल
सांगली : यहां ११ अगस्त के दिन हरिदास भवन में सार्वजनिक उत्सव समन्वय शिविर का आयोजन किया गया था। उस समय सांगली के विधाता गणेशोत्सव मंडल के कार्यकर्ता श्री. प्रकाश चौगुले ने अपना मनोगत व्यक्त करते समय बताया कि, ‘कृष्णा नदी के किनारे पर गत अनेक वर्षों से घरों के साथ अनेक गणेशमंडलों की गणेशमूर्तियां भी विसर्जित की जाती हैं; किंतु आजतक कभी एक मछली भी मृत नहीं हुई है ! तथाकथित पर्यावरणवादी एवं पुरोगामी नालियों का गंदा पानी, कारखानों से निकलनेवाला दूषित पानी के संबंध में कभी एक शब्द भी नहीं निकालते ! शासन एवं प्रशासन विभिन्न नियम, न्यायालय के आदेश दिखाकर निरंतर केवल हिन्दुओं के उत्सवों पर बंधन डालने का प्रयास करते हैं !’ इस शिविर के लिए जिले के विभिन्न मंडलों के कार्यकर्ता, पदाधिकारी, श्री गणेश मूर्तिकार सम्मिलित हुए थे।
प्रारंभ में शंखनाद हुआ। तत्पश्चात वेदमूर्ति श्री. दत्तात्रय बापट गुरुजी, हिन्दू विधीज्ञ परिषद के सदस्य अधिवक्ता श्री. संदीप अपसिंगेकर एवं हिन्दू जनजागृति समिति के कोल्हापुर जिल्हा समन्वयक श्री. किरण दुसे के शुभहाथों दीपप्रज्वलन किया गया। दीपप्रज्वलन के समय वेदमूर्ति अनिल पुजारी ने वेदमंत्रपठन किया। उनके वेदमंत्रपठन के कारण वातावरण में चैतन्य निर्माण हुआ। हिन्दू जनजागृति समिति की कु. प्रतिभा तावरे ने शिविर का उद्देश्य स्पष्ट किया। श्री. प्रशांत चव्हाण ने सूत्रसंचलन किया। तत्पश्चात अधिवक्ता श्री. संदीप अपसिंगेकर एवं हिन्दू जनजागृति समिति के श्री. किरण दुसे ने उपस्थितों को मार्गदर्शन किया। शिविर के पश्चात गुटचर्चा हुई। उसमें अधिवक्ता श्री. संदीप अपसिंगेकर ने गणेश मंडलों को आनेवाली वैधानिक एवं अन्य समस्याओं के संदर्भ में शंकानिरसन किया।
आदर्श गणेशोत्सव मनाने की पद्धती यहां देखें :
कार्यकर्ताओं ने इस प्रकार व्यक्त किया मनोगत ….
१. धुळगांव के दुर्गादेवी नवरात्रोत्सव मंडल की अध्यक्षा श्रीमती राजश्री सुतार ने कहा कि, ‘‘हम हर उत्सव धार्मिक पद्धति से मनाते हैं। प्रातः की आरती से पूरे दिन की हरएक कृती आदर्श पद्धति से मनाने का प्रयास किया जाता है। चित्रपट गीतों की अपेक्षा भूपाळी, भजन प्रसारित करते हैं !’’
२. कौलगे (तासगांव) के विजयंता युवा मंडल के श्री. राजू पाटिल ने कहा कि, ‘‘गत ४ वर्षों से हम उत्सव में केवल भक्तिगीतों का प्रसारण करते हैं !’’
३. खडिया मिट्टी (शाडु) की सात्त्विक गणेशमूर्ति सिद्ध कर उसका वितरण करनेवाले मिरज के श्री. नितीन कुलकर्णी ने कहा कि, ‘‘गत ८ वर्षों से शाडु की मूर्ति सिद्ध कर उसका वितरण करते हैं। प्रारंभ में केवल १५ संख्या से आरंभ की गई ये मूर्तियां अब सांगली, कोल्हापुर, सातारा, बेलगांव, लातुर में ९०० से अधिक संख्या में वितरित होती हैं। मखर एवं अन्य सजावट के लिए व्यय करने की अपेक्षा हम सात्विक मूर्ति के लिए व्यय कर सकते है, ऐसा श्रद्धालुओं प्रबोधन करने के पश्चात वे शाडु की मूर्तियां खरीदने लगे !’’
४. पै. भारतभीम कला क्रीडा एवं सांस्कृतिक मंडल के कार्यकर्ता कु. सौरभ रमेश तांबडे, श्री. प्रवीण पवार एवं श्री. ऋषिकेश नितीन माळी ने कहा कि, ‘‘हिन्दू जनजागृति समिति के मार्गदर्शनानुसार गत चार वर्षों से हम गणेशोत्सव मनाते हैं। शोभायात्रा एवं अन्य व्यय करनेवाली बातों को दूर रखकर हम श्रद्धालुओं को प्रसाद वितरित करते हैं !’’
विशेष
१. श्रीमती राजश्री सुतार एक महिला होकर भी धुळगांव में मंडल के कार्यक्रम सात्त्विक पद्धति से मनाने के लिए अग्रेसर रहती हैं। इस शिविर के लिए १८ किलोमीटर की दूरी से वे अकेली आई थी एवं शिविर में पूरी लगन से संमिलीत हुई थी !
२. हिन्दू जनजागृति समिति के कार्यकर्ताओं ने केवल तीन दिन पूर्व किए संपर्क से ५० किलोमीटर की दूरी से कवठेमहाकांल गांव के राजा विद्यानगर गणेशोत्सव मंडल के कार्यकर्ता श्री. संतोष कळंत्री एवं श्री. विजय जाधव सम्मिलित हुए थे। उन्होंने हरएक सूत्र उत्साह एवं अभ्यासपूर्ण पद्धति से प्रस्तुत किया !
३. पै. भारतभीम कला क्रीडा एवं सांस्कृतिक मंडल का १७ वर्ष का कार्यकर्ता कु. सौरभ रमेश तांबडे सबसे छोटा होकर भी उसने इस गुटचर्चा में सहभागी हुआ। उसने ‘‘स्वतंत्रता दिवस के पश्चात सडक पर बिखरे राष्ट्रध्वज इकट्ठा करने के लिए मैं दोस्तों के साथ अग्रेसर रहूंगा,’’ ऐसा बताकर उपस्थितों का मन जीत लिया !
महापालिका गणेशोत्सव मंडलों को अनुमती देने के लिए ‘एक गवाक्ष योजना’ आरंभ करती है; किंतु प्रत्यक्ष में यह अनुमती एकत्रित प्राप्त नहीं होती ! सांगली जिले के अनेक स्थानों पर मंडलों को अनुमती प्राप्त करने के लिए विभिन्न समस्याओं का सामना करना पडता है। उनका निवारण करने के लिए क्या कर सकते हैं, यह बताने के पश्चात अधिवक्ता श्री. संदीप अपसिंगेकर ने कहा कि, ‘‘एक गवाक्ष योजना’ के संदर्भ में होनेवाले कष्ट टालने के लिए प्रसंगी पत्रकार परिषद आयोजित करें एवं इस विषय का पृष्ठपोषण प्रसिद्धीमाध्यमों की ओर करें !’’
इस वर्ष गणेशोत्सव में मोहरम आता है, अपितु कुछ स्थानों पर हिन्दू दोनों उत्सव संगठित रूप से मनाते हैं। उस संदर्भ में अधिवक्ता श्री. संदीप अपसिंगेकर ने कहा कि, ‘‘कभी इसे ‘मुस्लिम-हिन्दू एकता’ नहीं कहा जाता, ‘हिन्दू-मुस्लिम एकता’ कहा जाता है ! इसी ‘एकता’ के कारण ‘लव जिहाद’ जैसी समस्या निर्माण होती हैं ! हिन्दुओं ने इस भ्रामक एकता की कल्पना को त्याग देना चाहिए !’’
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात