हिन्दू जनजागृति समिति का ‘आदर्श गणेशोत्सव अभियान !
वर्धा (महाराष्ट्र) में सार्वजनिक उत्सव मंडलों के पदाधिकारियों के लिए हिन्दू जनजागृति समिति की ओर से ‘सार्वजनिक उत्सव समन्वय शिविर’
वर्धा : हिन्दू जनजागृति समिति की ओर से यहां सार्वजनिक उत्सव मंडलों के पदाधिकारियों के लिए ‘सार्वजनिक उत्सव समन्वय शिविर’ का आयोजन किया गया था। उस समय हिन्दू जनजागृति समिति के विदर्भ समन्वयक श्री. श्रीकांत पिसोळकर ‘सार्वजनिक उत्सव मंडल का हिन्दू राष्ट्र-स्थापना में योगदान’ इस विषय पर संबोधित कर रहे थे। अपने संबोधन में उन्होंने ऐसा प्रतिपादित किया कि, ‘हिन्दू संगठन एवं राष्ट्रजागृति के लिए लोकमान्य टिळकजी ने सार्वजनिक गणेशोत्सव आरंभ किया। उसकेद्वारा देश स्वतंत्र तो हुआ; किंतु आज भी वो पाश्चात्त्य विकृती, भ्रष्टाचार, हिन्दुओं की धार्मिक बातों का हनन, अल्पसंख्यंकों की चापलूसी करने के कारण पारतंत्र्य में ही है ! स्वधर्म के प्रति अज्ञान, धर्मशिक्षा एवं संगठन का अभाव के कारण हिन्दुओं की अत्यंत हानी हुई है। आज बहुसंख्य हिन्दुओं की उनके ही देश में किमत शून्य हो गई है ! अतः राष्ट्रोपयोगी कार्य करनेवाले मंडलों को संगठित कर देश को पुनः एक बार सुराज्य की ओर लेकर जाने की आवश्यकता है !’
आदर्श गणेशोत्सव मनाने की पद्धती यहां देखें :
शिविर का उद्देश्य बताते हुए वर्धा की हिन्दू जनजागृति समिति समन्वयक श्रीमती भक्ति चौधरी ने कहा कि, ‘‘वर्ष १८९४ से लोकमान्य टिळकजी ने सार्वजनिक गणेशोत्सव आरंभ किया। अतः धर्म से दूर गए हिन्दू अधिक संख्या में संगठित हुए एवं हिन्दुओं में जागृति होकर देश स्वतंत्र होने के लिए सहायता प्राप्त हुई। स्वतंत्रता के पश्चात निधर्मीवाद के कारण हिन्दू धर्म अधिक मात्रा में पीछे रह गया। यह रोकने के लिए एवं हिन्दुओं पर आनेवाली आपत्ति दूर करने के लिए सार्वजनिक उत्सवोंद्वारा हिन्दुओं का संगठन करना आवश्यक है !
‘आदर्श गणेशोत्सव किस प्रकार मनाएं ?’ इस विषय पर सनातन संस्था की श्रीमती भार्गवी क्षीरसागर ने मार्गदर्शन किया। तत्पश्चात गुटचर्चा का आयोजन किया गया। दीपप्रज्वलन एवं शंखनाद से कार्यक्रम आरंभ हुआ। श्री. हितेश निखार ने सूत्रसंचलन किया। तत्पश्चात उपस्थितों को ‘गणेशोत्सव वास्तव एवं आदर्श’ इस ध्वनिचित्र-चक्रिका का प्रसारण दर्शाया गया।
गुटचर्चा में मंडलों के पदाधिकारियों का उत्स्फूर्त सहभाग !
गुटचर्चा में मंडलों के पदाधिकारी भी उत्स्फूर्त रूप से सहभागी हुए। इस गुटचर्चा में मंदिर एवं सार्वजनिक उत्सवों में रज-तमात्मक कार्यक्रमों की अपेक्षा राष्ट्र एवं धर्म पर आधारित कार्यक्रमों का आयोजन करने का निश्चय किया गया। सभी ने उनके मंदिर एवं उत्सवों में प्रबोधन करने के लिए हिन्दू जनजागृति समिति को आमंत्रित किया। जो जो गणेश मंडल उस समय वहां उपस्थित नहीं थे, उनसे भी भेंट कर आदर्श गणेशोत्सव किस प्रकार मनाएं, यह बताने के लिए संगठित रूप से उन मंडलों को भेंट देने का नियोजन किया गया।
उत्स्फूर्त सहभाग
केळकरवाडी के नवरात्रोत्सव मंडल के अध्यक्ष श्री. विनोद बांगलकर, बोरगांव शिवमंदिर उत्सव समिति के अध्यक्ष श्री. चंद्रशेखर यादव, सावता माळी मंदिर उत्सव समिति के अध्यक्ष श्री. मनोहरराव वाळके एवं सुदामपुरी नवरात्रोत्सव अध्यक्ष श्री. उदाराम करनाके इन सब का उत्स्फूर्त रूप से इस शिविर में सहभाग था !
क्षणचित्र : अभ्यंकर सभागृह के स्वामी श्री. मंदार अभ्यंकर ने सभी वस्तुओं के साथ वातानुकूलित सभागृह निःशुल्क उपलब्ध कराया एवं उपस्थितों को चाय-बिस्कीट का प्रबंध भी किया !
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात