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नंदुरबार में हिन्दू जनजागृति समिति की ओर से सार्वजनिक उत्सव समन्वय शिविर !

हिन्दू जनजागृति समिति का ‘आदर्श गणेशोत्सव अभियान !’

सभी उत्सवों को आदर्श पद्धति से मनाने का मंडलों का निश्‍चय !

व्यासपीठ पर बाईं ओर से क्षत्रिय नवयुवक गणेश मित्रमंडल के अध्यक्ष श्री. श्रीराम मगरे, हिन्दू जनजागृति समिति के डॉ. नरेंद्र पाटिल एवं सनातन की श्रीमती निवेदिता जोशी

नंदुरबार (महाराष्ट्र) : नंदुरबार में हिन्दू जनजागृति समिति की ओर से सार्वजनिक उत्सव समन्वय शिविर यहां के दत्त मंदिर में २२ अगस्त को संपन्न हुआ। इस शिविर में सहभागी विविध मंडलों के पदाधिकारी एवं कार्यकर्ताओं ने सभी उत्सवों को आदर्श पद्धति से मनाने का निश्‍चय किया।

इस समय सनातन संस्था की श्रीमती निवेदिता जोशी ने ‘सामाजिक, राष्ट्रीय एवं धार्मिक उत्सवों को आदर्श पद्धति से मनाने की आवश्यकता’ इस विषय पर मार्गदर्शन किया। हिन्दू जनजागृति समिति के डॉ. नरेंद्र पाटिल ने ‘सार्वजनिक उत्सव आदर्श पद्धति से कैसे मनाए जाने चाहिएं ?’, इस विषय पर मार्गदर्शन किया। अंत में ‘आदर्श गणेशोत्सव कैसे मनाएं ?’, इस विषय पर गुटचर्चा ली गई। सूत्रसंचालन श्री. राजू चौधरी ने किया।

शिविर में सहभागी मंडलों के कार्यकर्ता एवं पदाधिकारी

गुटचर्चा की फलनिष्पत्ति

  • ‘आदर्श गणेशोत्सव कैसे मनाएं’, इस विषय की ४ सहस्र ५०० हस्तपत्रिकाओं की मांग की गई !
  • ‘श्री गणेशाय नमः’ नामजप की नामपट्टियों की मांग की गई।
  • आजोबा गणेश मंडल एवं सुवर्णकार गणेश मंडलों ने ‘आदर्श गणेशोत्सव कैसा होना चाहिए और कैसा नहीं होना चाहिए ?’, इस ध्वनिचित्रचक्रिका को दिखाने की इच्छा व्यक्त की !

मंडल पदाधिकारियोंद्वारा व्यक्त की गई प्रतिक्रियाएं

१. आज के इस शिविर में जो धर्मशिक्षा दी जा रही है, वह व्यापक स्तर पर होनी चाहिए। इस माध्यम से लोगों का उद्बोधन किया जाना चाहिए। गणेशमूर्ति की स्थापना, पूजा-अर्चना एवं मूर्ति का विसर्जन कैसे करना चाहिए, इस संदर्भ के उद्बोधक फ्लेक्स सभी ने लगाने चाहिए। साथ ही सभी मंडलों को गणेशमूर्तियों का विसर्जन निर्धारित समय में ही करना चाहिए। जो लोग हिन्दू धर्म की आलोचना करते हैं, वे संतोष के साथ धर्मपरिवर्तन कर दूसरे धर्म को अपना सकते हैं ! – श्री. प्रकाश जोहरी, अध्यक्ष, जोहरी गणेश मंडल

२. आजकल के गणेशोत्सवों में लोकमान्य तिलकजी का मूल उद्देश्य साध्य होता है ऐसा नहीं दिखाई देता ! दृश्य प्रस्तुत करते समय वे धर्मप्रबोधन करनेवाले एवं हिन्दू संस्कृति पर आधारित होने चाहिए एवं इस माध्यम से धर्महानि रोकने का प्रयास होना चाहिए ! – श्री. संतोष माळी, सचिव, अण्णा-गणेश मंडल

३. विसर्जन शोभायात्रा शीघ्र आरंभ कर गणेशमूर्ति का निर्धारित समय में विसर्जन करनी चाहिए ! – श्री. पंकज तांबोळी, सचिव, दत्त मंडल

४. गणेशोत्सव धार्मिक पद्धति से ही मनाया जाना चाहिए। हम संगठित हुए, तो ही धर्मरक्षा होगी ! गली-गली में गणेशोत्सव मनाने के स्थान पर न्यूनतम ‘एक चौक एक गणपति’ ऐसा होना चाहिए ! गणेशोत्सव में किसी भी प्रकार की अप्रिय घटना न हो, इसके लिए मंडलों ने सतर्क रहना चाहिए। उत्सव में प्रस्तुत किए जानेवाले दृश्य संस्कृति एवं धर्माचरण से सुसंगत ही होने चाहिए ! – श्री. अमन जोहर, हिन्दुत्वनिष्ठ कार्यकर्ता

वैशिष्ट्यपूर्ण

• उपस्थित पदाधिकारियों ने उत्स्फूर्त प्रतिसाद देते हुए कहा कि ‘आदर्श गणेशोत्सव कैसे होना चाहिए और कैसे नहीं होना चाहिए ?’, इसकी यदि युट्युब लिंक हमें मिली, तो हम उसे गांव-गांव पहुंचाएंगे !

• उपस्थित पदाधिकारियों ने कहा कि आज जिस प्रकार से इस शिविर से हमारा उद्बोधन हुआ, उसी प्रकार से तहसिल के सभी मंडलों के पदाधिकारी एवं कार्यकर्ताओं के लिए हम किसी बडे कार्यक्रम का आयोजन कर समिति को आमंत्रित करेंगे !

• कुछ मंडलों के पदाधिकारियों ने कहा कि हम मूर्तिकारों का उद्बोधन करने हेतु हिन्दू जनजागृति समिति के कार्यकर्ताओं को आमंत्रित करेंगे !

• श्री. प्रदीप जव्हेरी ने यह आश्‍वासन देते हुए कहा कि हम इसके आगे तळोदा में हिन्दू जनजागृति समिति के कार्यक्रमों के लिए ध्वनिवर्धक सामग्री निःशुल्क उपलब्ध करवाएंगे !

• जोहारी समाज गणेश मंडल के पदाधिकारी ने अन्य एक कार्यक्रम में न जाकर उन्होंने इस उद्बोधक शिविर में उपस्थित रहने के लिए प्रधानता दी !

• शिविर समाप्त होने के पश्‍चात एक मंडल के पदाधिकारी ने कहा कि सामान्यतः हम कहीं इतने समय तक नहीं बैठते; परंतु आज यहां ढाए घंटे कैसे बीत गए, यह समझ में ही नहीं आया और अभी भी यहां से उठने का मन नहीं कर रहा है !

स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात

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