शरीर में ‘आत्मा’ का जितना महत्त्व है, उतना ही महत्त्व राष्ट्र में ‘धर्म’ का है ! – श्री. रमेश शिंदे, राष्ट्रीय प्रवक्ता, हिन्दू जनजागृति समिति
मुकुंदगढ (झुंझुनू, राजस्थान) : राजस्थान के मुकुंदगढ में हिन्दू जनजागृति समिति के हिन्दू राष्ट्र संपर्क अभियान के अंतर्गत एक बैठक का आयोजन किया गया। इसमें समिति के राष्ट्रीय प्रवक्ता श्री. रमेश शिंदे एवं समिति के राजस्थान एवं मध्य प्रदेश राज्य समन्वयक श्री. आनंद जाखोटिया ने हिन्दू राष्ट्र स्थापना के संदर्भ में भूमिका प्रस्तुत की।
श्री. रमेश शिंदे ने कहा, ‘‘शरीर में ‘आत्मा’ का जितना महत्त्व है, उतना ही महत्त्व राष्ट्र में ‘धर्म’ का होता है ! देश से यदि धर्म अलग किया गया, तो वह देश नष्ट हो जाता है। आज देश में यही हो रहा है। इस देश में अल्पसंख्यक अपने धर्म का आचरण करते हैं; परंतु बहुसंख्यक हिन्दू यदि तिलक लगाकर धर्माचरण करता हो, तो उसपर हंसा जाता है। विद्यालयों में गीता अथवा रामायण की शिक्षा नहीं दी जाती; क्योंकि भारत निधर्मी है, तो दूसरी ओर से मदरसों में कुराण एवं चर्च में बाईबल की शिक्षा दी जाती है ! अल्पसंख्यकों को उनके धर्म की शिक्षा की अनुमति है। देश को स्वातंत्र्य मिलने के समय से ही यह षड्यंत्र चल रहा है। इसे रोकने के लिए हिन्दुओं ने भारत को हिन्दू राष्ट्र घोषित करने की मांग करनी चाहिए !
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात
यदि देश का विभाजन ही धर्म के आधार पर हुआ है, तो भारत निधर्मी कैसे ? – श्री. रमेश शिंदे, राष्ट्रीय प्रवक्ता, हिन्दू जनजागृति समिति
रानोली (सीकर, राजस्थान) : राजस्थान के सीकर जिले के रानोली में सनातन धर्म संगठनद्वारा हिन्दू राष्ट्र संपर्क अभियान आयोजित किया गया था। इस अभियान के अंतर्गत आयोजित बैठक में हिन्दू जनजागृति समिति के राष्ट्रीय प्रवक्ता श्री. रमेश शिंदे वक्तव्य कर रहे थे। अपने वक्तव्य में उन्होंने यह आवाहन किया कि, ‘देश का विभाजन धर्म के आधार पर हुआ था। मुसलमानों को पाकिस्तान देने के पश्चात शेष भारत हिन्दुओं का हिन्दू राष्ट्र है; किंतु स्वातंत्र्य के समय नेताओं ने भारत को हिन्दू राष्ट्र घोषित नहीं किया ! साथ ही वर्ष १९७६ में थोंपे गए आपातकाल का लाभ ऊठाकर हिन्दुविरोधी कांग्रेस ने घटना में असंविधानिक रूप से संशोधन कर भारत को ‘धर्मनिरपेक्ष’ घोषित किया ! देश की राज्य घटना में अल्पसंख्यंकों की सुरक्षा हेतु विशेष प्रबंध है; किंतु हिन्दुओं के लिए इस प्रकार का कोई भी प्रावधान नहीं है !
सारांश में आज यह कहना पडेगा कि, ‘निधर्मीपन, अर्थात कानून बहुसंख्यंक हिन्दुओं के लिए एवं लाभ अल्पसंख्यकों के लिए !’ अब इसके लिए ही हिन्दुओं ने संगठित होकर हिन्दू राष्ट्र की मांग करनी चाहिए !’
इस अवसर पर हिन्दू जनजागृति समिति के राजस्थान एवं मध्यप्रदेश समन्वयक श्री. आनंद जाखोटिया भी उपस्थित थे। इस बैठक का लाभ अनेक धर्माभिमानियों ने ऊठाया।
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात