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जलगांव (महाराष्ट्र) में हिन्दू विधिज्ञ परिषदद्वारा आयोजित हिन्दू अधिवक्ता शिविर संपन्न !

वर्तमान में देशभर के अधिवक्ताओं को राष्ट्र एवं धर्म कार्य में सम्मिलित होना आवश्यक ! – श्री. भरत देशमुख, ज्येष्ठ विधिज्ञ, महाराष्ट्र-गोवा बार काऊन्सिल के भूतपूर्व अध्यक्ष

शिविर में गुटचर्चा के समय विचार-विमर्श करते हुए

जलगांव : हिन्दू विधिज्ञ परिषद एवं हिन्दू जनजागृति समितिद्वारा आयोजित हिन्दू अधिवक्ता शिविर में जेष्ठ विधिज्ञ एवं महाराष्ट्र -गोवा बार काऊन्सिल के भूतपूर्व अध्यक्ष श्री. भरत देशमुख ने कहा कि, भारत के स्वातंत्र्य संग्राम में राष्ट्रनिष्ठ अधिवक्ताओं का बहुत बडा योगदान था ! उन्होंने वर्तमान में राष्ट्र एवं धर्म की रक्षा के लिए केवल शिविर में उपस्थित अधिवक्ताओं के लिए ही नहीं, अपितु जलगांव जिले के एवं पूरे भारत के अधिवक्ताओं को इस कार्य में सम्मिलित होने का आवाहन किया ! इस शिविर का उद्धाटन जेष्ठ विधिज्ञ श्री. भरत देशमुख, जेष्ठ विधिज्ञ श्री. सुशील अत्रे, जेष्ठ विधिज्ञ श्री.प्रविणचंद्र जंगले, हिन्दू विधिज्ञ परिषद एवं संभाजीनगर के मुंबई उच्च न्यायालय के खंडपीठ में कार्यरत अधिवक्ता श्री. सुरेश कुलकर्णी एवं सनातन संस्था के श्री. दत्त्तात्रय वाघुळदे इन मान्यवरों के शुभहाथों दीपप्रज्वलन कर किया गया। यश लॉन, भिकमचंद जैन नगर में आयोजित इस शिविर का २५ अधिवक्ताओंने लाभ उठाया।

शिविर के आरंभ में शंखनाद कर शिविर का आरंभ किया गया। श्री. वाघुळदे ने सनातन संस्था के संस्थापक एवं हिन्दू राष्ट्र स्थापना के प्रेरणास्त्रोत परात्पर गुरु डॉ.आठवलेजी का संदेश पढकर सुनाया। इस अवसर पर ‘‘हिन्दू विधिज्ञ परिषद का धर्मकार्य में सहभाग’’ इस संदर्भ में एक विडियो दर्शाया गया। शिविर का सूत्रसंचालन हिन्दू जनजागृति समितिप्रणित रणरागिणी शाखा की श्रीमती क्षिप्रा जुवेकर ने किया। हिन्दू जनजागृति समिति के श्री. प्रशांत जुवेकर ने हिन्दू राष्ट्र स्थापना कार्य में कार्यरत हिंदुत्वनिष्ठ एवं हिंदुत्वनिष्ठ संगठनाओं को अधिवक्ताओं की सहायता एवं मार्गदर्शन कहां कहां अपेक्षित है, इस संदर्भ में विस्तृत जानकारी दी।

क्षणिकाएं

१. इस शिविर की सिद्धता के लिए जून २०१८ में गोवा में संपन्न अधिवक्ताओं के राष्ट्रीय अधिवेशन में उपस्थित जलगांव के दो अधिवक्ताओं ने (अधिवक्ता श्री. निरंजन चौधरी एवं अधिवक्ता श्री. योगेश पाटिल) प्रधानतापूर्वक दायित्व लिया !

२. यहां के जेष्ठ विधिज्ञ श्री.प्रविणचंद्र जंगले शिविर के दिन ही सवेरे मुंबई से प्रवास कर आए थे। फिर भी उन्होंने शिविर में आने में टालमटोल नहीं की ! वे उद्धाटन के अवसर पर भी उपस्थित रहे !

३. शिविर में संपन्न हुई गुटचर्चा में उपस्थित सभी अधिवक्ताओं ने नि:शुल्क वैधानिक सहायता करने की सिद्धता दर्शाई !

४. धर्मशिक्षा ग्रहण करने एवं वैधानिक मार्गदर्शन करने हेतु १५ दिन में एक बार एकत्रित आने का निश्चय किया गया !

५. एक अधिवक्ता ने उत्साह के साथ कहा कि अनेक वर्षों पश्चात जलगांव के हिन्दुत्वनिष्ठ विचार के ३ विधिज्ञों (अधिवक्ता श्री. भरत देशमुख, अधिवक्ता श्री. सुशील अत्रे एवं अधिवक्ता श्री. प्रविणचंद्र जंगले) से एकत्रित मार्गदर्शन प्राप्त हुआ, इसीके कारण आनंद हुआ !

स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात

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