जमशेदपुर : रक्षाबंधन पर लगार्इ गर्इ हाथों की मेहंदी अभी सूखी भी नहीं थी कि राजेंद्र विद्यालय साकची की ९० छात्राओं को स्कूल प्रबंधन द्वारा निलंबित कर दिया गया। सोमवार को ९० छात्राएं हाथों में मेहंदी लगा स्कूल पहुंची थी। प्रार्थना के बाद जब कक्षाओं में छात्राओं के हाथों की जांच की गई थी तो कक्षा सात से लेकर १२वीं तक की कई छात्राओं के हाथों में मेहंदी लगी हुई थी।
कुछ छात्राओं ने पांव में मेहंदी लगा रखी थी। इसकी जानकारी क्लास टीचर ने प्रिंसिपल राखी बनर्जी को दी। इसके बाद प्राचार्या ने सभी छात्राओं के अभिभावकों को फोन से इसकी जानकारी देने का आदेश दिया। स्कूल के प्रशासनिक कर्मियों ने कई अभिभावकों को फोन से जानकारी देकर बच्चे को ले जाने के लिए कहा। कई अभिभावक पहुंचे और अपने बच्चे को घर लेकर गए। उन्हें मंगलवार और बुधवार को घर में ही रहने को कहा गया है।
स्कूल पहुंचे अभिभावक
छात्राओं को सस्पेंड करने का समाचार दूरभाष पर प्राप्त होने के बाद कई अभिभावक गिरते पड़ते स्कूल पहुंचे। अभिभावक मनोज ने बताया कि यह कैसा फरमान है, ऐसे में तो किसी का त्योहार मनाना ही मुश्किल है। इसे अनुशासनहीनता नहीं कहा जा सकता। शिक्षा विभाग को स्कूल प्रबंधन पर अनुशासनात्मक कार्रवाई करनी चाहिए।
जानें, किसने क्या कहा
स्कूल में अनुशासन व विद्यार्थियों में एकरूपता रहे इस कारण छात्राओं को सस्पेंड किया गया है। जिन छात्राओं की समस्या है उनके अभिभावक आकर मिलें, उनसे बात करने के बाद कक्षाएं नियमित कर दी जाएगी। -राखी बनर्जी, प्रिंसिपल, राजेंद्र विद्यालय, साकची।
केवल मेहंदी लगाने के कारण छात्राओं को सस्पेंड करना अनुचित है। इस संबंध में जिला प्रशासन को रिपोर्ट किया जाएगा। – आरकेपी सिंह, जिला शिक्षा पदाधिकारी, पूर्वी सिंहभूम
निलंबन वापस, स्कूल जा सकेंगी छात्राएं
छात्राओं को स्कूल प्रबंधन द्वारा अनुशासनात्मक कार्रवाई कर निलंबित किए जाने के मामले में आपत्ति दर्ज कराते हुए शिक्षा सत्याग्रह के शिष्टमंडल ने स्कूल की प्राचार्या राखी बैनर्जी से मंगलवार को भेंट की।
इस दौरान छात्राओं के निलंबन वापस लेने तथा भविष्य में जनभावनाओं और आस्था का सम्मान करते हुए पर्व-त्योहारों पर छात्र-छात्राओं पर अनुशासनात्मक कार्रवाई नहीं करने की बात रखी। इस दौरान स्कूल प्रबंधन के सचिव सीपीएन सिंह भी मौजूद थे। प्रबंधन की ओर से त्वरित निलंबन वापस लेते हुए भविष्य में धार्मिक भावनाओं का सम्मान रखते हुए कार्रवाई नहीं करने का आश्वासन दिया गया।
स्त्रोत : जागरण