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हिन्दू राष्ट्र स्थापना के लिए अधिवक्ताओं ने साधना करने की आवश्यकता ! – अधिवक्ता श्री. नीलेश सांगोलकर

लक्ष्मणपुरी (लखनौ) के उच्च न्यायालय में हिन्दू विधीज्ञ परिषद की ओर से मार्गदर्शन

मार्गदर्शन करते हुए (१) अधिवक्ता श्री. नीलेश सांगोलकर, साथ में (२) अधिवक्ता श्री. हरि शंकर जैन, (३) अधिवक्ता श्री. सुरेश कुलकर्णी एवं उपस्थित अन्य अधिवक्ता गण

लक्ष्मणपुरी (लखनऊ) : यहां के उच्च न्यायालय में हिन्दू विधीज्ञ परिषद की ओर से अधिवक्ताओं की एक बैठक आयोजित की गई थी। उस समय हिन्दू विधीज्ञ परिषद के अधिवक्ता श्री. नीलेश सांगोलकर ने कहा कि, ‘धर्मनिरपेक्षता के नाम पर हिन्दुओं पर निरंतर अन्याय हो रहे हैं। उसके लिए हिन्दू राष्ट्र स्थापना अनिवार्य हुई है। यदि हिन्दुओं में धर्मबंधुत्व निर्माण हुआ, तो ही हिन्दू संगठित होंगे ! साधना करने से ही धर्मबंधुत्व निर्माण होता है। उसके लिए अधिवक्ता ही समाज में जागृति निर्माण कर हिन्दू समाज को उचित दिशा दे सकते हैं ! हिन्दू राष्ट्र स्थापित करने के लिए अधिवक्ताओं का संगठन करने की अत्यंत आवश्यकता है !’

इस अवसर पर हिन्दू विधीज्ञ परिषद के संस्थापक सदस्य अधिवक्ता श्री. सुरेश कुलकर्णी एवं हिन्दू फ्रंट फॉर जस्टिस के अध्यक्ष अधिवक्ता श्री. हरि शंकर जैन उपस्थित थे। इस बैठक का आयोजन अधिवक्ता श्री. जैन ने किया था। इस बैठक के लिए १२० अधिवक्ता उपस्थित थे।

१. अधिवक्ता श्री. सुरेश कुलकर्णी ने कहा कि, ‘देश को स्वतंत्र करने में अधिवक्ताओं का महान योगदान था। उसी प्रकार हिन्दू राष्ट्र स्थापित करने के लिए अधिवक्ताओं के योगदान की अत्यंत आवश्यकता है !

२. हिन्दू महासभा के अधिवक्ता श्री. शिशिर चुतर्वेदी ने कहा कि, ‘प्रतिदिन लव जिहाद के चंगुल में फंसनेवाली हिन्दू युवतियां विवाह करने के लिए न्यायालय में आती हैं। उन्हें उस चंगुल से मुक्त करने के लिए अधिवक्ताओं ने अग्रेसर होना चाहिए !

३. बैठक के अंत में अनेक अधिवक्ताओं ने इस कार्य में सम्मिलित होने की इच्छा व्यक्त की !

स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात

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