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हिंदूद्वेषी ‘एनडीटीव्ही’के प्रणव रॉय एवं बरखा दत्तके विरोधमें याचिका प्रविष्ट करनेकी मांग !

फाल्गुन कृष्ण ५, कलियुग वर्ष ५११४


हिंदूद्वेषी ‘एनडीटीव्ही’ समाचारप्रणालके व्यवस्थापक प्रणव रॉय एवं पत्रकार बरखा दत्तके विरोधमें याचिका प्रविष्ट करनेकी लंदन स्थित धर्माभिमानियोंकी मांग !

लंडन – १७ फरवरीको ‘एनडीटीव्ही’पर  ‘राईट विंग टेरर ए थ्रेट टू इंडियन सेक्युलरिजम’ ( हिंदुत्ववादियोंका आतंकवाद भारतीय धर्मनिरपेक्षताके लिए धोखादायक ) इस शीर्षकके अंतर्गत प्रस्तुत किए गए ‘वी द पीपल’ कार्यक्रमकी निवेदिका बरखा दत्त तथा कार्यक्रमके संचालक प्रणव रॉयके विरोधमें याचिका प्रविष्ट करनेका आवाहन लंदन निवासी  धर्माभिमानी श्री देवाने किया है । इस कार्यक्रममें हिंदुओंकी आलोचना की गई थी । ( विदेशमें रहनेवाले एक धर्माभिमानीको जो करनेकी इच्छा है, वह भारतमें रहनेवाले धर्माभिमानी हिंदूओंको क्यों नहीं होती ? बलशाली हिंदुत्वनिष्ठ संगठन भी इस विषयमें निष्क्रीय कैसे रह सकते हैं ? हिंदूद्रोही प्रसारमाध्यम हिदुओंकी अपकीर्ती करनेका काम निरंतर करते रहते हैं, किंतु हिंदू उनके विरोधमें वैधानिक कार्यवाही नहीं करते, इसलिए वे सदैव हिंदुओंके विरोधमें प्रचार करते हैं । इन प्रसारमाध्यमोंको सही रास्तेपर लानेके लिए हिंदूओको वैधानिक रूपसे कृत्य करना चाहिए ! – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात )

भारतमेंभी इंग्लैंडके समान प्रसारमाध्यम परिवाद आयोगकी  स्थापना की जाए !

श्री. देवाने कहा है कि, बरखा दत्त एवं प्रणव रॉय हिंदूविरोधी, भाजपाविरोधी तथा भारतविरोधी हैं । वे कांग्रेसनिष्ठ, इस्लामसमर्थक तथा पाकिस्तानके पक्षमें हैं । सोनिया गांधी एवं राहुल गांधीका भ्रष्टाचार छुपानेमें इनका बडा सहयोग है । इंग्लैंडमें इस प्रकारका  कार्यक्रम प्रसारित किया जाता, तो ‘प्रसारमाध्यम परिवाद आयोग’में परिवाद किया जाता । यह आयोग  उन्हें दंडित कर क्षमायाचनाके लिए विवश करता; तथा आठ दिनोंके लिए उनपर प्रतिबंध लगाया जाता ।

स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात

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