झारखंड और बिहार से कथित रूप से तस्करी करके ३४ बच्चों को पंजाब के लुधियाना ले जाया गया। वहां बच्चों का कथित तौर पर धर्म परिवर्तन कर ईसाई बना दिया गया जिसमें अधिकतर बच्चे आदिवासी हैं। पश्चिमी सिंहभूम के पुलिस अधीक्षक जी क्रांति कुमार ने बताया कि लुधियाना में मिशनरी द्वारा संचालित किए जा रहे बच्चों के आश्रय स्थल के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। कुमार ने बताया कि चाईबासा में बाल कल्याण समिति की सदस्य ज्योत्सना तिर्की द्वारा २४ अगस्त को दर्ज शिकायत के बाद पुलिस हरकत में आई।
उन्होंने बताया कि बिहार और झारखंड के पश्चिमी सिंहभूम जिले में चाईबासा से ३४ बच्चों को लुधियाना में मिशनरी द्वारा संचालित किए जा रहे बच्चों के आश्रय स्थल में गैर कानूनी रूप से रखने का दावा करने वाली मीडिया की खबर पर यह शिकायत आधारित थी। अधिकारी ने बताया कि शिकायत के आधार पर पुलिस के दल को लुधियाना भेजा गया और झारखंड पुलिस ने पंजाब पुलिस के साथ मिलकर एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया। इसके बाद उसे ट्रांजिट रिमांड पर चाईबासा लाया जाएगा।
कुमार ने बताया कि पुलिस टीम के कथित मानव तस्करी की घटना के खुलासे के लिए वहां पहुंचने के बाद वापस सिंहभूम भेजे गए २० बच्चों में से १२ बच्चों से संपर्क किया गया। पुलिस बाकी बच्चों को तलाश करने की कोशिश कर रही हैं। पुलिस अधीक्षक ने बताया कि झारखंड और बिहार से लाए गये ३४ बच्चों को पहले लुधियाना में गैर कानूनी स्कूल में भर्ती कराया गया और बाद में शहर के एक अन्य स्कूल में दाखिल कराया गया।
कथित धर्म परिवर्तन के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि यहंirज जांच के बाद स्पष्ट हो सकेगा लेकिन प्रथम दृष्टया रिपोर्ट के अनुसार कुछ बच्चों का धर्म परिवर्तन कराया गया। उन्होंने कहा कि वह इस बारे में तभी कुछ कह सकते है जब गिरफ्तार व्यक्ति को यहां लाया जाएगा।
स्त्रोत : जनसत्ता