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हुब्बळ्ळी (कर्नाटक) में सनातन संस्था पर बंदी लगाने की मांग के विरोध में, निषेध मोर्चा !

सनातन संस्था के समर्थन में हुब्बळ्ळी (कर्नाटक) में मोर्चा

तहसिलदार को ज्ञापन प्रस्तुत करते हुए श्री. गुरुप्रसाद गौडा (१) एवं मोर्चे में सम्मिलित धर्माभिमानी

हुब्बळ्ळी (कर्नाटक) : सनातन संस्था पर संभाव्य बंदी के विरोध में हुब्बळ्ळी में निषेध मोर्चा आयोजित किया गया था। शहर के दाजिबान पेठ के श्री दुर्गादेवी मंदिर से प्रारंभ हुआ यह मोर्चा तहसिलदार कार्यालय में समाप्त हुआ। मोर्चे में एस.एस.के. समाज, ज्ञानगंगा, बजरंग दल, विजयनगर महिला मंडल, गीतांजली परिवार के सदस्य, श्री. अमित बद्दी की मातोश्री, श्री. गणेश मिस्किन की मातोश्री एवं अन्य २७५ धर्माभिमानी सम्मिलित हुए थे।

१. प्रारंभ में सनातन संस्था की श्रीमती विदुला हळदीपुर ने मोर्चे का उद्देश्य बताया। तत्पश्चात मोर्चा तहसिलदार कार्यालय तक गया। वहां मान्यवरों ने अपने विचार व्यक्त किए।

२. हिन्दू जनजागृति समिति के कर्नाटक राज्य समन्वयक श्री. गुरुप्रसाद गौडा ने महाराष्ट्र के आतंकवादविरोधी दल एवं कर्नाटक के विशेष अन्वेषण दलद्वारा की जानेवाली अन्याय्य कार्रवाई के सदंर्भ में उपास्थितों को जानकारी दी। साथ ही हिन्दुत्वनिष्ठों पर किए गए आरोप अस्वीकार किए।

३. इस अवसर पर एस.एस.के. हितवर्धक संघ के अध्यक्ष श्री. हनुमंतसा निरंजन ने कहा कि, ‘‘सनातन संस्था समाज को अध्यात्म का पाठ देकर अच्छे मार्ग से जीवन किस प्रकार व्यतीत करें, इसकी जानकारी देती है। इस संस्था ने आजतक किसी की भी पिटाई करने की सूचना नहीं दी है। हिन्दू धर्माचरण के अनुसार जीवन व्यतीत करने से सुंदर एवं आनंद पूर्वक जीवन व्यतीत कर सकते हैं। इसी कार्य के लिए सनातन संस्था निरंतर प्रयास करती है। हमें इस बात का विस्मरण हुआ है कि, कुमकुम का महत्त्व, पूजापाठ का महत्त्व, गणेशोत्सव शास्त्रीय पद्धति से कैसे मनाएं ? किंतु यह बात सनातन संस्था निरंतर हमें बताती है ! इस संस्था पर झूठे आरोप कर उस पर बंदी लगाने के रचे गए षडयंत्र का हम तीव्र निषेध करते हैं !’’

तत्पश्चात भूतपूर्व महापौर श्रीमती सरळा भांडगे ने सनातन संस्था पर लाई जानेवाली संभाव्य बंदी का निषेध व्यक्त किया। साथ ही ऐसी चेतावनी भी दी कि, ‘यदि झूठे आरोपों के नीचे हिन्दू कार्यकर्ताओं पर होनेवाले अत्याचार त्वरित रोके नहीं गए, तो यह आंदोलन और अधिक तीव्र किया जाएगा !’

क्षणिकाएं

१. मोर्चे को प्रारंभ होने से एक घंटा पूर्व आकाश में बहुत काले मेघ छाये हुए थे ! किंतु परमेश्वर के आशीर्वाद के कारण वहां अत्यल्प मात्रा में वर्षा हुई ! साथ ही मोर्चे के समापन अवसर पर भी भगवंत की कृपाशीर्वाद के कारण अत्यल्प वर्षा हुई ! सभी लोग अंत में सभा होने तक उपस्थित रहे !

२. एक महिला मंडल ने मोर्चे के आयोजकों को ५ सितम्बर को संपन्न होनेवाले कार्यक्रम में यह विषय प्रस्तुत करने के लिए आमंत्रित किया। उसके लिए समय उपलब्ध करने की सिद्धता भी उन्होंने दर्शाई !

३. मोर्चे का समाचार संकलन करने के लिए १७ समाचार पत्रों के एवं १४ समाचारप्रणालों के पत्रकार उपस्थित थे।

स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात

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