जन्माष्टमी का त्यौहार पूरे भारत में बडी धूमधाम से तथा उत्साह से मनाया जाता है। लोगों का यह उत्साह सोशल मीडिया पर भी देखने मिलता है । इस त्यौहार के अवसर पर लोग सोशल मीडिया पर एक-दूसरे को शुभकामनाएं देते है, कृष्णजी के विषय में जानकारी शेअर करते है । इन सबके बीच कुछ संगठना तथा कुछ लोग एेसे भी होते है जो हिन्दू त्यौहारों पर लाेगों के मन में गलत धारणा उत्पन्न करते है । इसका ताजा उदाहरण है PETA का अाज का ट्वीट । पेटा ने ट्वीट किया है, ‘जन्माष्टमी के शुभ अवसर का उत्सव शाकाहारी घी और अन्य गैर-डेयरी उत्पादों का उपयोग करके मनाइए, इससे गाय भी खुश रहेंगी।’
Celebrate the joyous occasion of #Janmashtami by using vegan ghee and other non-dairy products to keep cows happy too! https://t.co/UicIxiJ9RO pic.twitter.com/EuBm0fZhFa
— PETA India ?❤️ (@PetaIndia) September 1, 2018
भेड-बकरियों को काटने पर भारत की पीपुल्स फॉर दि एथिकल ट्रीटमेंट ऑफ एनिमल्स संगठना (PETA) कभी भी कुछ भी नही कहती परंतु हिन्दू त्यौहारों के समय यही संगठना अपना ज्ञान बांटना नही भूलती। हम बात कर रहे है PETA के आज के यानी श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के अवसर पर किए गए ट्वीट की। इस साल भारत में जब र्इद मनार्इ गर्इ तब कर्इ प्राणियों की कुरबानी दी गर्इ, खास तौर पर गाय आैर बकरे की, तब PETA ने कुछ नहीं कहा आैर न ही कोर्इ प्रेसनोट निकाली। बता दे कि, कुछ साल पूर्व सन २०१४ में भोपाल में PETA के कार्यकर्ता जब बकरीर्इद के समय पर शाकाहार का प्रचार कर रहे थे, तब समुदाय विशेष के कुछ लोगों ने उनके उपर हमला बाल दिया। उस समय पुलिस ने PETA के कार्यकर्ताआें के ऊपर धारा ३९५ए के तहत मामला दर्ज किया था। परंतु आज जन्माष्टमी के शुभ अवसर पर अपने अज्ञान आैर हिन्दूद्वेष की सीमा लांघते हुए PETA ने भारतवासियों को यह बताया कि, दूध तथा दूध से बने पदार्थों का सेवन मत करों इससे गाय खुश होगी।
उनका यह कहना था कि, जानवरों से बने पदार्थों को त्यागने का यह अवसर है। PETA के इस सलाह पर ट्वीटर युजर्स ने उन्हें धर्मसंस्थापना के देवता गोपालक भगवान श्रीकृष्णजी के अवतारी कार्य से अवगत करते हुए यह प्रश्न पूछा कि, क्या उनका प्राणी प्रेम हिन्दू त्यौहारों तक ही सीमित है ? क्या अन्य धर्मियों के त्यौहारों के समय उनकी प्राणी दया उभर के नहीं आती ?
लोगों ने PETA को जमकर लताडा
मकरंद परांजपे ने लिखा कि, लेकिन क्या तुम्हें नहीं पता कि वनस्पति घी सेहत के लिए बुरा है। खैर… अचानक जन्माष्टमी के दिन शाकाहारी घी की याद कैसे आ गई ? मैं ये नहीं पूछूंगा कि, बकरीद के लिए तुम्हारे पशु प्रेम को क्या हो गया था ?
But don't you know that vanaspati is really bad for health unlike ghee? In any case, how did you suddenly turn vegan at #Janmashtami2018? I won't even ask what happened to your animal-love at #bakrid. https://t.co/RwdE4H3WFs
— Makarand R Paranjape (@MakrandParanspe) September 1, 2018
यशंवत देशमुख ने कहा कि, ऐसे ट्वीट करने के लिए बहुत अधिक पाखंड की आवश्यकता होती है। अब दूध और घी का उपयोग करना भी एनिमल राइट्स के खिलाफ हो गया। फिर तो अपने बच्चे को दूध पिलाना भी मानवाधिकारों के खिलाफ होगा। पेटा इंडिया तो यही कह रहा है।
Exactly which level of hypocrisy is required even to tweet such stuff. Now using milk and Desi Ghee is against Animal Rights of the Cow. So breastfeeding your kids must be against Human Rights of the Mother. Right?? Where exactly is this taking us @PetaIndia? https://t.co/x7tQ7DCSAl
— Yashwant Deshmukh (@YRDeshmukh) September 1, 2018
भगवान श्रीकृष्ण को गाय का मक्खन, दूध और घी बहुत पसंद है। सभी डेयरी उत्पादों का हिन्दू धर्म में बहुत अधिक महत्व है। पंचगव्य के बिना हिन्दू पूजा की कल्पना नहीं की जा सकती, ऐसे में PETA द्वारा उन पर सवाल करना हिन्दू धर्म का अपमान है।