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साधना करने से समस्याओं का सामना करने के लिए आत्मबल प्राप्त होता है ! – सद्गुरु (डॉ.) चारुदत्त पिंगळेजी

हिन्दू जनजागृति समिति का ‘हिन्दू राष्ट्र संपर्क अभियान’ !

हरियाणा, राजस्थान, उत्तरप्रदेश एवं मध्यप्रदेश में विविध कार्यक्रमों का आयोजन !

ग्वालियर में संपन्न बैठक में उपस्थित धर्माभिमानी एवं सद्गुरु (डॉ.) चारुदत्त पिंगळेजी (१) एवं श्री. आनंद जाखोटिया (२)

ग्वालियर (मध्य प्रदेश) : आज हिन्दू समाज को धर्मशिक्षा न मिलने से उन्हें अपने जीवन के ‘लक्ष्य’ के संदर्भ में कोई जानकारी ही नहीं है ! स्वयं में विद्यमान दिव्य चेतना को जागृत करना यही जीवन का ‘लक्ष्य’ है और उसके लिए साधना ही करनी चाहिए। साधना से सभी समस्याओं का निराकरण हो सकता है, साथ ही उनका सामना करने के लिए आत्मबल प्राप्त होता है ! हिन्दू जनजागृति समिति के राष्ट्रीय मार्गदर्शक सद्गुरु (डॉ.) चारुदत्त पिंगळेजी ने ऐसा प्रतिपादित किया। वे यहां के डॉ. सेनगर के घर आयोजित की गई बैठक में संबोधित कर रहे थे।

इस अवसर पर समिति के राजस्थान एवं मध्य प्रदेश राज्य समन्वयक श्री. आनंद जाखोटिया भी उपस्थित थे।

इस बैठक में सद्गुरु (डॉ.) पिंगळेजी ने कुलदेवता एवं श्री दत्तात्रेय का नामजप करने से क्या लाभ मिलते हैं, इसकी भी जानकारी दी।

स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात 


हिन्दुओं पर होनेवाले अन्याय रोकने के लिए हिन्दुओं को प्रयास करने की आवश्यकता है ! – सद्गुरु (डॉ.) चारुदत्त पिंगळेजी

बाईं ओर से श्री. सुरेंद्र त्रिपाठी, डॉ. ज्ञानशंकर शर्मा, निवृत्त अध्यापक श्री. शांतिलाल शर्मा, वक्तव्य करते समय सद्गुरु (डॉ.) चारुदत्त पिंगळेजी एवं डॉ. संजय शर्मा

मुरैना (मध्यप्रदेश) : रोटरी क्लब के सदस्य श्री. सुरेंद्र त्रिपाठी ने यहां एक व्याख्यान का आयोजन किया था। उस समय हिन्दू जनजागृति समिति के राष्ट्रीय मार्गदर्शक सद्गुरु (डॉ.) चारुदत्त पिंगळेजी मार्गदर्शन कर रहे थे। अपने मार्गदर्शन में उन्होंने कहा कि, ‘भारतीय राज्यघटना में अन्य धर्मियों की सुरक्षा के संदर्भ में अधिनियम है। उन्हें धर्मशिक्षण देने की भी व्यवस्था है; किंतु हिन्दुओं को सुरक्षा देने की सुविधा नहीं है। साथ ही हिन्दुओं को तीर्थयात्रा के लिए लगान देना पडता है, किंतु सरकार अन्य धर्मियों को उनकी तीर्थयात्रा के लिए अनुदान देती है। इससे हिन्दुओं के साथ किया जानेवाला आपपरभाव स्पष्ट होता है ! अतः हिन्दुओं ने जागृत होकर उन पर होनेवाले अन्याय रोकने के लिए प्रयास करने चाहिए। इससे हिन्दुओं की सुरक्षा होगी, साथ ही हिन्दू जागृत भी होंगे !’

कार्यक्रम का सूत्रसंचलन एवं आभार प्रदर्शन श्री. सुरेंद्र त्रिपाठी ने किया। पतंजलि योग पिठ के श्री. प्रदीप व्यास एवं श्री. तरुण शर्मा ने कार्यक्रम का आयोजन करने में सहायता की।

सद्गुरु (डॉ.) चारुदत्त पिंगळेजी के प्रति प्रशंसोद्गार !

उस समय डॉ. ज्ञानशंकर शर्मा ने सद्गुरु (डॉ.) चारुदत्त पिंगळेजी के प्रति ऐसे प्रशंसोद्गार निकाले कि, ‘यदि कोई उच्चविद्याविभूषित डॉक्टर की पदवी प्राप्त करने के लिए १० वर्ष व्यतीत करें और उसके पश्चात डॉक्टरी व्यवसाय का त्याग कर, धोती एवं सदरा पहनकर पूरा जीवन हिन्दू धर्म का प्रचार एवं प्रसार करने के लिए अर्पण कर रहा है, तो उन्हें देखकर मन में उनके प्रति श्रद्धा निर्माण होती है !’

स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात


नामजप करते हुए भोजन ग्रहण करने से सहज यज्ञ होता है ! – सद्गुरु (डॉ.) चारुदत्त पिंगळेजी

पंचकुला (हरियाणा) : हिन्दू जनजागृति समिति के राष्ट्रीय मार्गदर्शक सद्गुरु (डॉ.) चारुदत्त पिंगळेजी ने पंचकुला में आयोजित कार्यक्रम में उपस्थित जिज्ञासुओं को अपने मार्गदर्शन में कहा कि, ‘नामजप करने से निर्माण होनेवाली ऊर्जा के कारण मन, बुद्धि एवं चित्त की शुद्धि होती है। साथ ही सप्तचक्रों का एवं त्रिगुणों का संतुलन होता है। नामजप करते हुए ग्रहण किया गया भोजन जठराग्नी में जाने से सहज यज्ञ होता है। अतः नामरूपी साधना करना अत्यावश्यक है !’

इस समय समिति के श्री. कार्तिक साळुंके, चंडीगड की श्रीमती सुखमणी गुप्ता उपस्थित थे।

इस अवसर पर सद्गुरु (डॉ.) पिंगळेजी ने ‘नामजप अपना कार्य किस प्रकार करता है’, इस संदर्भ में उपस्थितों को जानकारी देकर साधना का महत्त्व भी बताया।

स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात


यदि हिन्दुओं को धर्मशिक्षण प्राप्त हुआ, तो उनमें चैतन्य निर्माण होकर भारत पुनः एक बार गौरवशाली बनेगा ! – सद्गुरु (डॉ.) चारुदत्त पिंगळेजी

जोरा (मुरैना, मध्यप्रदेश) : यहां के निवृत्त मुख्याध्यापक श्री. रामविलास शर्मा ने जोरा के गायत्री मंदिर में शहर के धर्मप्रेमी, राष्ट्रप्रेमी एवं गायत्री उपासकों की एक बैठक का आयोजन किया था। इस बैठक में हिन्दू जनजागृति समिति के राष्ट्रीय मार्गदर्शक सद्गुरु (डॉ.) चारुदत्त पिंगळेजी ने मार्गदर्शन किया।

अपने मागदर्शन में उन्होंने कहा कि, ‘भारत को स्वातंत्र्य प्राप्त होकर अब ७० वर्ष हुए हैं, फिर भी यहां के बहुसंख्यंक हिन्दू धर्मशिक्षण से वंचित है ! हिन्दू समाज को धर्मशिक्षण प्राप्त न होने के कारण ही आज हिन्दुओं में चैतन्य का अभाव पाया जाता है; इसलिए हिन्दू आज भी भौतिक सुख में रत हैं !

यदि हिन्दुओं को धर्मशिक्षण प्राप्त हुआ, तो वे धर्माचरण कर ईश्वरी कृपा संपादन कर सकते हैं एवं उनमें चैतन्य भी निर्माण होगा ! इस चैतन्यवृद्धि के माध्यम से भारत का वास्तविक विकास हो सकता है ! उसकेद्वारा ही धर्माभिमानी हिन्दू समाज भारत को पुनः गौरवशाली कर सकता है; किंतु उसके लिए हिन्दुओं को धर्मशिक्षण देने के प्रयास करने चाहिए।

हिन्दू जनजागृति समिति गत १६ वर्षों से पूरे भारत में अविरत रूप से यही कार्य कर रही है !

स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात

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