दो अमेरिकी संग्रहालयों में प्रर्दिशत भारत से चुरायी गयीं हजारों डॉलर की दो प्राचीन मूर्तियां अमेरिका ने भारत को लौटा दी हैं। पहली मूर्ति लिंगोधभव मूर्ति’ १२ वीं सदी की है। भगवान शिव की ग्रेनाइट से निर्मित यह ऐतिहासिक मूर्ति चोल काल की है। फिलहाल इसकी कीमत २,२५,००० डॉलर आंकी गयी है। इसे तमिलनाडु से चुराया गया था और अलबामा के बर्घिमम संग्रहालय में प्रर्दिशत किया गया था। दूसरी मूर्ति बोधिसत्व ‘मंजूश्री’ की मूर्ति है। उसके हाथ में तलवार है और मूर्ति सोने के रंग में रंगी है। १२ वीं सदी की यह फिलाइट मूर्ति १९८० के दशक में बिहार में बोधगया के समीप के एक मंदिर से चुराई गयी थी। इसकी वर्तमान कीमत लगभग २,७५,००० डॉलर आंकी गयी है। इसे उत्तरी कैरोलीना विश्वविद्यालय के आकलैंड आर्ट संग्रहालय से हासिल किया गया है। ये मूर्तियां न्यूयार्क में वाणिज्य दूतावास में एक कार्यक्रम में भारत के महावाणिज्य दूत संदीप चक्रवर्ती को मैनहट्टन जिला आर्टनी साइरस वेंस जूनियर ने सौंपीं। उत्तराखंड के बैजनाथ के चक्रवर्तेश्वर मंदिर से १९६९ के बाद चोरी की गई थी।
गौरतलब है कि, इससे पहले न्यूयार्क के मेट्रोपोलिटन म्यूजियम ऑफ आर्ट ने भी भारत से चुराई गईं दो ऐतिहासिक धरोहरों को देहली आकर भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण को सौंपा है। इसमें दुर्गा महिषासुर मर्दिनी व देवता का सिर शामिल है। १० अगस्त को मेट्रोपोलिटन म्यूजियम ऑफ आर्ट के अधिकारी दो ऐतिहासिक मूर्तियों को अपने खर्च पर वापस ले आए। हालांकि इन मूर्तियों से पहले भी हमारे देश की धरोहर मूर्तियों को विदेश संग्रहालयों ने वापस लौटाया है।
स्त्रोत : जनसत्ता