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नेपालको पुनः ‘हिंदू राष्ट्र’ बनानेके लिए अंतरराष्ट्रीय सम्मेलनका आयोजन

फाल्गुन कृष्ण ६, कलियुग वर्ष ५११४


नेपाल पुनः ‘हिंदू राष्ट्र’ बने; इसलिए वहांके हिंदू तत्पर होते हैं ! इसके विपरीत भारतके हिंदू, निधर्मीवादसे उबकर ‘हिंदू राष्ट्र’की संकल्पनाकी अवमानना करते हैं !

हिंदू जनजागृति समितिका सहयोग

मुंबई, १ मार्च – दुनियाके एकमात्र हिंदू राष्ट्र नेपालको माओवादी शासनने ‘धर्मनिरपेक्ष’ राष्ट्र घोषित किया । नेपालको पुनः हिंदू राष्ट्र घोषित करनेका प्रयत्न करनेके लिए नेपालकी ‘हिंदूराष्ट्र नेपाल’ नामक संगठनकी ओरसे ११ मार्चको हिंदुओंके अंतरराष्ट्रीय सम्मेलनका आयोजन किया गया है । इस सम्मेलनमें हिंदू जनजागृती समितिका भी सहयोग होगा । यह सम्मेलन नेपालकी राजधानी काठमांडूमें संपन्न होनेवाला है । इस सम्मेलनमें हिंदुओंको बडी संख्यामें, उपस्थित रहनेका आवाहन संगठनके अध्यक्ष श्री. जगतबहादुर थापा जीकी ओरसे प्रसिद्ध किए गए पत्रकद्वारा किया गया है । ( नेपालके हिंदुओंसे भारतीय हिंदू जब कुछ बोध लेंगे, वह सुदिन होगा ! – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात )

नेपालमें हिंदू प्रतिकात्मक शासन स्थापना करे !

नेपालमें माओवादियोंद्वारा बनाई गई अंतरिम संविधान हिंदुओंको अस्वीकार है । हिंदू इस संविधान का विरोध करते हुए, हिंदू राष्ट्रकी स्थापनाकी दृष्टिसे अपने संविधानको कृतिमें लाएं । धर्मनिरपेक्ष शासनकर्ताओंके कानूनका बहिष्कार किया जाए । साथ ही शासनको लगान देना भी बंद किया जाए । हिंदुओंको चाहिए कि वे नेपालमें ‘हिंदू विद्वत् परिषद’, ‘हिंदू न्यायिक परिषद’ एवं ‘प्रतिकात्मक नेपाल शासन’ की स्थापना करे । शिवसेना, पशुपतिसेना एवं हिंदूसेना संयुक्तरूपसे सुरक्षादल बनवाकर हिंदू राष्ट्रकी स्थापना करे । इस कार्य हेतु हिंदू सहायता करे, ऐसा आवाहन उन्होंने इस पत्रकमें किया है ।

स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात

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