अमरावती
हिन्दू जनजागृति समिति की ओर से ८ सितंबर को यहां राष्ट्रीय हिन्दू आंदोलन संपन्न हुआ। इस आंदोलन में सनातन संस्था पर प्रतिबंध लगाने की मांग एवं हिन्दुत्वनिष्ठों के विरोध में की जा रही अनुचित कार्रवाई की एवं नक्सलियों के समर्थकों का विचारक, सामाजिक कार्यकर्ता आदि उल्लेख करनेवालों का भी तीव्र निषेध किया गया।
इस अवसर पर हिन्दू जनजागृति समिति के अमरावती जिला समन्वयक श्री. नीलेश टवलारे, श्रीमती अनुभूति टवलारे, साथ ही सनातन संस्था की श्रीमती विभा चौधरी ने अपने विचार प्रस्तुत किये। इस आंदोलन में ४५ धर्मप्रेमी उपस्थित थे।
फेसबुक लाईव के माध्यम से ५ सहस्र २०० धर्मप्रेमियों ने इस आंदोलन का लाभ उठाया !
क्षणिका : एक पैर से अपाहिज व्यक्ति तीनपहिया साईकल चलाते चलाते आंदोलन में आ गई थी। उसे आंदोलन का विषय अच्छा लगने से उसने साईकल के साथ फलक पकड कर आंदोलन में समापन तक सहभागी हुआ एवं उसने इसके आगे भी जैसा संभव होगा, उस प्रकार से सहभाग लेने की बात कही !
वणी (यवतमाळ)
वणी (यवतमाळ) : यहां के तहसिल चौक पर राष्ट्रीय हिन्दू आंदोलन किया गया। इस आंदोलन में योग वेदांत समिति, सनातन संस्था, हिन्दू जनजागृति समिति एवं हिन्दुत्वनिष्ठों के साथ ३० धर्माभिमानियों ने प्रत्यक्ष रूप से, तो २७५ धर्माभिमानियों ने ज्ञापन पर अपने हस्ताक्षर कर सहभाग लिया।
इस अवसर पर हिन्दू जनजागृति समिति के श्री. लोभेश्वर टोंगे ने कहा कि नक्सली एवं देशद्रोहियों का समर्थन करनेवाले एवं कथित बुद्धिजीवी, विचारक, आधुनिकतावादी एवं सामाजिक कार्यकर्ताओं के विरोध में भी कठोर कार्रवाई की जानी चाहिए ! नक्सलियों को समर्थन देने का अर्थ स्वयं नक्सली होना ही है, अतः उनके विरोध में भी कार्रवाई होनी चाहिए !
समिति के श्री. लहू खामणकर ने कहा कि प्रशासन हिन्दुत्वनिष्ठों का उत्पीडन करना बंद करें !
क्षणिका : गुप्तचर विभाग के पुलिसकर्मियों ने आंदोलन का चित्रीकरण कर छायाचित्र भी निकाले !
यवतमाळ
यवतमाळ के राष्ट्रीय हिन्दू आंंदोलन के लिए पुलिस व्यवस्था के कारण आंदोलन को पुलिस की छावनी का स्वरूप !
राष्ट्र एवं धर्म का कार्य करनेवाले हिन्दू जनजागृति समिति के कार्यकर्ताओं पर संदेह करनेवाले पुलिस प्रशासन ने क्या कभी धर्मांधों पर इतना ध्यान रखा है ? – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात
यवतमाळ : सनातन संस्था पर प्रतिबंध लगाने की की जा रही मांग एवं नक्सलियों का समर्थन करनेवालों का निषेध करने के लिए विविध हिन्दुत्वनिष्ठ संगठनों की ओर से स्थानीय पोस्टल प्रांगण की बाजू में तिरंगा चौक पर सायंकाल ४ से ६ बजे की कालावधि में राष्ट्रीय हिन्दू आंदोलन किया गया।
इस आंदोलन में श्रीराम जन्मोत्सव समिति के अध्यक्ष श्री. मनोज औदार्य, वैदिक ब्राह्मण संगठन के श्री. राम साखरे, युवा सेवा संघ के श्री. गणेश साठे एवं सनातन संस्था और हिन्दू जनजागृति के ४० कार्यकर्ता उपस्थित थे। इस संदर्भ में जिलाधिकारी कार्यालय के माध्यम से मुख्यमंत्रीजी को ज्ञापन भेजा जानेवाला है।
आंदोलन स्थल पर किसी भी प्रकार की संवेदनशील स्थिति न होते हुए भी बडी संख्या में पुलिसकर्मियों की नियुक्ति की गई थी। उसमें जिला पुलिस अधीक्षक कार्यालय के कर्मचारी, केंद्रीय अन्वेषण विभाग, शहर पुलिस, दामिनी पथक आदि २५ से ३० पुलिस कर्मचारियों की नियुक्ति की गई थी !
क्षणिकाएं
१. गुप्तचर पुलिस शाखा के २ कर्मचारियों ने संपूर्ण आंदोलन का चित्रीकरण किया। पुलिस की गाडी पर कैमरा दिखाई दे रहा था। आंदोलन स्थल पर पुलिस की २ गाडियां थीं !
२. आंदोलन के समय गुप्तचर विभाग के कर्मचारी ज्ञापन की प्रतियां बार-बार मांग रहे थे !
३. आंदोलन का ज्ञापन किसे और कब देनेवाले हैं ?, इसकी पूछताछ गुप्तचर विभाग के पुलिसकर्मि कर रहे थे !
४. इस आंदोलन का वार्तांकन करने के लिए २ पत्रकार एवं २ समाचारवाहिनियों के प्रतिनिधि उपस्थित थे !
इन आंदोलनों में की गई मांगें !
१. अभिव्यक्ति की स्वातंत्र्य के नाम पर नक्सलियों का समर्थन करनेवाले, देशविरोधी घोषणाएं देनेवाले, ऐसे लोगों की आर्थिक एवं अन्य प्रकार से सहायता करनेवालों के विरोध में कठोर कार्रवाई करने के लिए एक कड़ा कानून बनाकर उसका प्रभावशाली क्रियान्वयन हो !
२. जिन राजनेताओं ने नक्सल समर्थकों से मिलने का प्रयास कर उन्हें समर्थन दिया, ऐसे नेताओं के चुनाव लडने पर प्रतिबंध लगाया जाए, साथ ही जिन राजनीतिक दलों ने नक्सल समर्थकों का खुला समर्थन किया, उन राजनीतिक दलों की मान्यता निरस्त की जाए !
३. प्रतिबंधित संगठन सीपीआई (माओवादी) के संपूर्ण देश में सक्रिय सदस्य, जंगलों में छिपे हुए नक्सली, साथ ही शहरी नक्सलवाद को बल देनेवाले सभी के जडों तक जाकर उन्हें उखाड दिया जाए !
४. सेना एवं पुलिसकर्मियोंपर आक्रमण कर नई व्यवस्था खडी करने का प्रयास देशद्रोह ही है ! ऐसे सभी लोगों के विरोध में देशद्रोह का अपराध प्रविष्ट किया जाए एवं नक्सलवाद को नष्ट करने के लिए सेना एवं पुलिस बल को सर्वाधिकार प्रदान किए जाए !
५. सनातन संस्था, हिन्दू जनजागृति समिति एवं अन्य समविचारी संगठनों को अपना लक्ष्य बनाने के षड्यंत्र का अन्वेषण कर इसकी व्यापक जांच की जाए !
६. सनातन संस्था एवं हिन्दू जनजागृति समिति पर प्रतिबंध लगाने की आधारहीन मांगें की जा रही हैं। शासन के पास यदि ऐसा कोई प्रस्ताव आता है, तो उसे अस्वीकार किया जाए !
७. अभियोगों को लटकते रख कर हिन्दुत्वनिष्ठों को बिना किसी कारण कारावास भुगतना पड रहा है ! इसलिए ऐसे सभी प्रकरणों की सुनवाई फास्ट ट्रैक न्यायालय में की जाए ! जिन अधिकारियों ने इन सुनवाईयों को जानबूझकर लंबित रखने का प्रयास किया, उन अधिकारियों के विरोध में कठोर का कार्रवाई की जाए !
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात