गुरुग्राम में एक मस्जिद पर लाउडस्पीकर को लेकर शुरु हुए विवाद में शुक्रवार को हिन्दू संगठनों ने एसडीएम से मुलाकात की। बता दें कि इस विवाद की शुरुआत बुधवार से हुई थी, जब गुरुग्राम के सेक्टर-५ इलाके में कुछ लोगों ने मस्जिद पर बजनेवाले लाउडस्पीकर पर आपत्ति जतायी थी ! इसके बाद एसएचओ ने दोनों समुदाय के लोगों को बुलाकर इस शिकायत पर चर्चा की थी। अब शुक्रवार को हिन्दू ने इस मुद्दे पर एसडीएम से मुलाकात की। एसडीएम से मुलाकात करनेवाले और अखिल भारतीय हिन्दू क्रांति दल के राष्ट्रीय महासचिव राजीव मित्तल का कहना है कि “हमने एसडीएम संजीव सिंगला से मुलाकात कर मस्जिद में लाउडस्पीकर के उपयोग पर अपना विरोध दर्ज कराया है। इसके साथ ही हमने एक डिप्टी कमिश्नर को संबोधित करते हुए एक ज्ञापन भी सौंपा है !”
हिन्दू संगठनों से मुलाकात के बाद एसडीएम संजीव सिंगला ने कहा कि मैंने ज्ञापन जिलाधिकारी को सौंप दिया है। इसके साथ ही कुछ अफसरों को जल्द ही मौके पर भेजकर भी मामले की जांच करायी जाएगी। हिन्दू संगठनों ने कहां कि, विवादित स्थान पर नमाज पढने के लिए आज्ञा नहीं मांगी गई थी। इस पर एसडीएम का कहना है कि “जिस जगह नमाज पढ़ी जा रही है, वह एक निजी प्रॉपर्टी है, जिसके लिए प्रशासन से इजाजत की जरुरत नहीं है !”
क्या है पूरा मामला : मामला शहर की शीतला माता कॉलोनी का है। हिन्दू समुदाय के लोगों का आरोप है कि बीते ६ माह से एक निजी घर में मुस्लिम समुदाय के लोगों ने नमाज पढनी शुरु कर दी है और सैंकडों की संख्या में लोग वहां पहुंचकर नमाज पढ रहे हैं। हिन्दू समुदाय के लोगों का आरोप है कि सुबह और शाम के समय लाउडस्पीकर तेजी से बजाया जाता है, जिसके चलते लोगों को परेशानी होती है। वहीं मुस्लिम समुदाय के लोगों का कहना है कि बीते दिनों सेक्टर ५३ में भी कुछ लोगों ने जोर से नमाज पढने का विरोध किया था, जिसके बाद प्रशासन ने नमाज पढने के लिए ३७ जगहों का चयन किया था। मुस्लिम समुदाय के अनुसार, जिस मकान पर विवाद खडा किया जा रहा है, वह भी उन्हीं चिन्हित जगहों में से एक है !
स्त्रोत : जनसत्ता