रझाकारी पुलिस !
सानपाडा (नई मुंबई) : यहां ८ सितंबर को नक्सलवादियों का समर्थन करनेवालों के विरोध में साथ ही हिन्दुत्वनिष्ठ संगठनों पर होनेवाले झूठे आरोपों का विरोध करने के उद्देश्य से हिन्दुत्वनिष्ठ संगठनों ने राष्ट्रीय हिन्दू आंदोलन आयोजित किया था। आंदोलन के समय एक पुलिस ने हिन्दू जनजागृति समिति के एक कार्यकर्ता को बुलाया एवं उसकी पूछताछ कर उस पर दबाव डालने का प्रयास किया। साथ ही उसे राष्ट्रकार्य करने से एवं आंदोलन करने से परावृत्त करने का प्रयास भी किया !
निरंतर के अनुसार आंदोलन के लिए आवश्यक अनुमती लेकर हिन्दू जनजागृति समिति ने सानपाडा में आंदोलन किया। आंदोलन के लिए पंद्रह लोग उपस्थित थे। आंदोलन आरंभ होने के पश्चात कुछ ही समय में वहां १५ से २० पुलिसकर्मी उनका वाहन लेकर आए। कुछ पुलिसकर्मी पुलिस वेश परिधान कर, तो कुछ साधारण वेश परिधान कर आंदोलन के आसपास खडे रहकर ध्वनिमुद्रण कर रहे थे। उस समय पुलिस ने कार्यकर्ताओं की पूछताछ की।
हिन्दू जनजागृति समिति का एक कार्यकर्ता एवं पुलिस में जो संवाद हुआ, वह इस प्रकार है …
पुलिस : कब से सनातन ‘जॉईन’ किया है ?
कार्यकर्ता : यह आंदोलन राष्ट्रीय हिन्दू आंदोलन है। सनातन संस्था का नहीं है !
पुलिस : तो तुम सनातन को ‘सपोर्ट’(सहायता) कर रहे हो !
कार्यकर्ता : हम यहां हिन्दुत्वनिष्ठ संगठनाएं एवं संस्थाओं पर आनेवाली आपत्तियों का विरोध करने हेतु उपस्थित हैं। सनातन का कार्य देखकर उन्हें ‘सपोर्ट’ करना हमें उचित प्रतीत होता है !
पुलिस : तुम सनातन के ध्वज का उपयोग क्यों नहीं करते ?
कार्यकर्ता : सनातन का ध्वज ऐसा कुछ नहीं है। यह राष्ट्रीय हिन्दू आंदोलन है एवं इस भगवे ध्वज का उपयोग हम हिन्दुत्व का ध्वज इस रूप में करते हैं !
पुलिस : कुछ नौकरी करते हो या नहीं ?
कार्यकर्ता : जी हां, मैं एक निजी आस्थापन में नौकरी करता हूं। मैं अपनी नौकरी संभालकर शेष समय देव-धर्म के कार्य में व्यतीत करता हूं !
पुलिस : यह सब छोड कर अपनी नौकरी पर ध्यान दो। अन्यथा सूखे के साथ गिला भी जल जाएगा !
कार्यकर्ता : यदि देव-धर्म एवं देश का कार्य करना अपराध है, तो मैं उसके परिणाम भुगतने के लिए सिद्ध हूं ! (ऐसे धर्माभिमानी कार्यकर्ता ही हिन्दू राष्ट्र की शक्ति है ! – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात)
पुलिस : ठीक है, फिर मिलेंगे !
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात