प्रशासन बोला, ‘गोला-बारूद डिपो के प्रतिबंधित दायरे में हुआ निर्माण’
गुडगांव नगर निगम (एमसीजी) ने बुधवार (१२ सितंबर) को शीतला कॉलोनी इलाके में एक मस्जिद सील कर दी जिसके बाद स्थानीय लोगों ने अधिकारियों के खिलाफ विरोध में प्रदर्शन किए। एक अधिकारी ने बताया कि नवनिर्मित मस्जिद भारतीय वायुसेना के एक गोला-बारूद डिपो से ३०० मीटर के प्रतिबंधित दायरे में आती है। उन्होंने कहा कि नगर निगम ने डिपो के ३०० मीटर के दायरे में आनेवाले ११ अन्य नवनिर्मित ढांचों को भी सील किया है। बहरहाल, इस कदम से नाखुश लोग बडी संख्या में घटनास्थल पर इकट्ठा हो गए और एमसीजी एवं जिला प्रशासन के खिलाफ धरने पर बैठ गए। मुस्लिम एकता मंच के अध्यक्ष हाजी शहजाद खान ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि एमसीजी ने जानबूझकर यह आक्रोशित करने वाला कदम उठाया !
एमसीजी के एक प्रवक्ता ने सफाई दी कि शीतला कॉलोनी स्थित मस्जिद चार साल पुरानी है और इसलिए एमसीजी ने दावा किया कि यह ढांचा नवनिर्मित है और कानून का उल्लंघन है। प्रवक्ता ने बताया कि नगर निगम ने डिपो के ३०० मीटर के दायरे में आनेवाले ११ अन्य नवनिर्मित ढांचों को भी सील किया है।
दरअसल ये मामला शहर की शीतला माता कॉलोनी का है। यहां पर शीतला माता का एक मंदिर है। हिन्दू समुदाय के लोगों का कहना है कि पिछले ६ महीनों से मुसलमानों ने एक निजी घर में नमाज पढ़नी शुरू कर दी है ! हिन्दू समुदाय का कहना है कि यहां पर बड़ी संख्या में मुस्लिम पहुंचते हैं। इनका कहना है कि यहां पर सुबह और शाम के समय तेजी से लाउडस्पीकर बजाया जाता है जिससे लोगों को परेशानी होती है। वहीं मुस्लिम समुदाय के लोगों ने अपना पक्ष रखते हुए कहा है कि कुछ हफ्ते पहले सेक्टर-५३ में भी नमाज पढने का विरोध किया गया था, जिसके बाद प्रशासन ने नमाज पढने के लिए ३७ जगह चुने गये थे। मुस्लिम पक्ष के अनुसार जिस स्थान पर विवाद खडा किया जा रहा है, वह भी प्रशासनद्वारा चिन्हित जगहों में से एक है !
स्त्रोत : जनसत्ता