गुरुग्राम : हरियाणा के गुरुग्राम में खुले में नमाज का विरोध कर रहे अखिल भारतीय संत परिषद के राष्ट्रीय संयोजक यति नरसिम्हानंद सरस्वती समेत कुल १२ लोगों को पुलिस ने शुक्रवार को गिरफ्तार कर लिया गया है।
इन सभी लोगों को पुलिस उपायुक्त की न्यायालय में पेश किया गया, जहां से इन्हें जमानत पर रिहा कर दिया गया । यह सभी लोग बेरी वाला बाग में आत्मदाह की चेतावनी के साथ अनशन पर बैठे थे। पुलिस ने इन्हें शांति भंग की धाराओं के तहत गिरफ्तार किया था।
इस मामले में यति नरसिम्हानंद के समर्थकों ने पुलिस पर मुस्लिम समाज के दबाव में काम करने का आरोप लगाया। उनके अनुसार पुलिस और प्रशासन मुस्लिम तुष्टिकरण की नीति के चलते इन्हें बढावा दे रहा है। पुलिस अधिकारियों के अनुसार पुलिस ने यह कार्रवाई एहतियातन की है। सभी लोगों को जमानत पर रिहा कर दिया गया है।
दोनों संगठनों ने दी थी चेतावनी
नगर निगम ने ७ सितंबर को कथित मस्जिद को अवैध बताते हुए सील कर दिया था। उसके बाद मुस्लिम एकता मंच के चेयरमैन हाजी शहजाद खान आत्मदाह करने की चेतावनी देते हुए मस्जिद के बाहर खाली प्लाट में धरने पर बैठ गए थे। उनके साथ मुस्लिम समाज के २० से अधिक लोग धरने में शामिल थे।
दूसरी आेर हिन्दू संगठनों ने भी विवादित इमारत को गिराने और शहर के अन्य सार्वजनिक स्थानों पर नमाज बंद कराने को लेकर बेरी वाला बाग में अनशन और धरना-प्रदर्शन शुरू कर दिया था। यहां अनशन कर रहे यति नरसिम्हानंद सरस्वती ने भी शुक्रवार तक निर्णय नहीं होने पर अग्नि समाधि की चेतावनी दी थी।
यह है मामला
शीतला कालोनी स्थित एक ८५ गज के निजी मकान में कुछ समय से मुस्लिम समाज के लोग नमाज पढ़ रहे थे। हाल ही में इस इमारत की छत पर लाउडस्पीकर लगाकर इसे मस्जिद का रूप दे दिया गया।
इसके विरोध में हिन्दू संगठनों ने उपायुक्त के समक्ष आपत्ति की और विरोध प्रदर्शन किया। वहीं ७ सितंबर से विधिवत धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया। हालात को देखते हुए ७ सितंबर को ही नगर निगम की टीम ने इस इमारत को अवैध बताते हुए सील कर दिया। तब से मुस्लिम समाज के लोग भी इमारत के सामने खाली मैदान में धरने पर बैठ गए थे।
स्त्रोत : स्वतंत्र प्रभात