अमरावती : नालासोपारा प्रकरण के पश्चात कुछ संगठन एवं राजनीतिक दल सनातन संस्था पर प्रतिबंध लगाने की मांग कर रहे हैं। सनातन संस्था समाजसहायता एवं राष्ट्ररक्षा का कार्य करती है, साथ ही हिन्दू समाज को धर्मशिक्षा देती है। सनातन संस्था के मार्गदर्शन में साधना कर अनेक लोगों का जीवन आनंदमय बन गया है; ऐसा होते हुए भी हिन्दुत्व का आधारस्तंभ ऐसी सनातन संस्था पर प्रतिबंध लगाने का अर्थ धर्म पर ही प्रतिबंध लगाने जैसा है एवं इसी सूत्र की गंभीरता को ध्यान में लेकर अमरावती जिले के श्रीराम सेना, योग वेदांत सेवा समिति, श्री शिवप्रतिष्ठान हिन्दुस्थान, अखिल भारत हिन्दू महासभा एवं भगवा सेना इन ५ संगठनों की ओर से अतिरिक्त जिलाधिकारी श्री. खुशालसिंह परदेसी को सनातन संस्था पर प्रतिबंध लगाने की मांग के विरोध में ज्ञापन प्रस्तुत किया गया।
इस समय श्रीराम सेना के जिलाध्यक्ष श्री. विजय दुबे, नगर अध्यक्ष श्री. अनिल शुक्ला, जिला सचिव श्री. शिवकुमार छांगाणी, साथ ही कार्यकर्ता श्री. ओम हंसवार, श्री. संतोष यादव; विश्व हिन्दू परिषद के जिलाध्यक्ष डॉ. सुरेश चिकटे, योग वेदांत सेवा समिति के श्री. मानव बुद्धदेव; श्री शिवप्रतिष्ठान हिन्दुस्थान के श्री. निषाद जोध, अखिल भारत हिन्दू महासभा के श्री. विक्रांत अलगुजे, श्री. संग्रामसिंह परिहार, धर्मप्रेमी श्री. विवेक जाडे, श्री. विमल पांडे, श्री. ज्ञानेश्वर दंदे, श्री. उमेश मोवळे, हिन्दू जनजागृति समिति के श्री. नीलेश टवलारे, श्री. आनंद डाऊ एवं श्रीमती अनुभूति टवलारेसहित १८ धर्मप्रेमी उपस्थित थे।
क्षणिका : ८ सितंबर को किए गए आंदोलन में स्वयंस्फूर्ति से उपस्थित रहे अपाहिज श्री. ज्ञानेश्वर दंदे ज्ञापन प्रस्तुत करने के समय भी उपस्थित थे ! उनको चलना नहीं आता; इसलिए वे अपनी तीनपहिया साईकिल को बाहर ही रखकर भूमि पर बैठते-बैठते जिलाधिकारी कार्यालय के अंदर तक आए !
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात