नई देहली : जम्मू-कश्मीर में पुलिसकर्मियों के अपहरण के बाद उनकी हत्या पाकिस्तान समर्थित आतंकी संगठनों के खतरनाक योजना का हिस्सा है ! सरकार को सुरक्षा एजेंसियों से मिली खुफिया रिपोर्ट के अनुसार आईएसआई ने ही जम्मू-कश्मीर में पुलिस पर हमले की योजना बनाई, जिसे अंजाम हिजबुल मुजाहिदीन, लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्म्द जैसे आतंकी संगठन दे रहे हैं ! आईएसआई की ही योजना है कि पुलिस के खिलाफ बर्बर हिंसा कर उसे प्रचारित करे, ताकि डर का माहौल बने !
दरअसल, आइएसआई और आतंकी संगठन की चिंता है कि अगर पंचायत चुनाव में लोगों की भागीदरी बढ़ गई, तो उनका अस्तित्व पूरी तरह समाप्त हो जाएगा ! वे पहले ही सुरक्षा बलों के निशाने पर हैं। सुरक्षा एजेंसियों का कहना है कि आतंकियों का लगातार पुलिसकर्मियों पर हमला करना उनकी बैचेनी ही दिखा रहा है। जम्मू-कश्मीर में तैनात सेना के एक सीनियर अधिकारी ने कहा कि आतंकी इस तरह की हरकत बौखलाहट में कर रहे हैं क्योंकि वह किसी भी कीमत में लोकल सपोर्ट को अपने हाथ से जाने नहीं देना चाहते !
सेना के एक सीनियर अधिकारी के अनुसार आतंकियों की स्थानीय लोगों को धमकाने के लिए पुलिसकर्मियों को अगवा करने या हत्या करने की रणनीति उन्हींके खिलाफ जाएगी ! उन्होंने कहा कि इससे आतंकियों का लोकल सपोर्ट और कम होगा, जिसे पाने के लिए वे तडप रहे हैं। उनके अनुसार, आतंकी इस तरह की हरकतें कर जितना खौफ उत्पन्न करने की कोशिश करेंगे, लोकल लोग उनसे दूर होंगे और सुरक्षा एजेंसी पर ज्यादा भरोसा करने लगेंगे !
बचे रहने के लिए एक हो गए
पंचायत चुनाव से पहले आतंकियों की इस नापाक हरकत के पीछे यह मकसद भी माना जा रहा है कि पाकिस्तान फिर से कश्मीर का मसला इंटरनैशनल फोरम में लाना चाह रहा है। पाकिस्तान की कोशिश है कि वह कश्मीर में माहौल इतना अशांत कर दे कि वहां चुनाव की लोकतांत्रिक प्रक्रिया ना हो पाए और दुनिया फिर शांति के लिए भारत-पाकिस्तान से बात करे या थर्ड पार्टी हस्तक्षेप हों ! सूत्रों के अनुसार इस कोशिश में अब फॉरेन टेररिस्ट हिजबुल मुजाहिद्दीन के लोकल टेररिस्ट के साथ मिलकर काम कर रहा है। हिजबुल साउथ कश्मीर में ज्यादा एक्टिव है और लश्कर नॉर्थ कश्मीर में। अल बदर भी जितना भी बचा है, वह नॉर्थ कश्मीर में है। लेकिन अब सर्वाइवल की जंग में ये मिलकर काम कर रहे हैं, जो सुरक्षा एजेंसियों के लिए चुनौती तो बन ही रहा है !
स्त्रोत : नवभारत टाईम्स