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उद्बोधन के कारण श्रद्धालुआेंद्वारा गणेशमूर्तियों का बहते पानी में विसर्जन !
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मुलुंड में पुलिसकर्मियोंद्वारा जनजागरण करने के लिए प्रतिबंध !
मुंबई : यहां की दादर चौपाटी एवं मुलुंड में बनाए गए कृत्रिम कुंडों के पास हिन्दू जनजागृति समिति की ओर से १० दिनों की गणेशमूर्तियों के विसर्जन के उपलक्ष्य में धर्मशास्त्र के अनुसार श्री गणेशमूर्तियों का बहते पानी में विसर्जन करने के संदर्भ में जनजागरण अभियान चलाया गया। इस अभियान को सकारात्मक प्रतिसाद देते हुए श्रद्धालुआें ने गणेशमूर्तियों का बहते पानी में विसर्जन करने के लिए प्रधानता दी !
मुलंड में समिति के कार्यकर्ता जब हस्तफलक और हस्तपत्रिकाएं लेकर उद्बोधन कर रहे थे, तब वहां उपस्थित पुलिसकर्मियों ने कानून एवं सुरक्षा का कारण देकर उद्बोधन अभियान पर रोक लगाई !
दादर चौपाटी
यहां समुद्र होते हुए भी अनंत चतुर्दशी के उपलक्ष्य में बृहन्मुंबई महानगरपालिका की ओर से कृत्रिम कुंड बनाया गया था। महानगरपालिका ने शाडू मिट्टी से बने एवं २ फीट ऊंचाईवाली मूर्तियों का तात्कालीन तालाब में विसर्जन का आवाहन किया था। हिन्दू जनजागृति समिति, सनातन संस्था एवं समविचारी संगठनों की ओर से इसके विरोध में जनजागरण अभियान चलाया गया। इस समय समिति की ओर से ‘हिन्दू धर्मपरंपरा को संजोकर गणेशमूर्ति का विसर्जन बहते पानी में ही करें’, ऐसा आवाहन किया जा रहा था। इस अभियान में समिति के कार्यकर्ता और सनातन के साधकों को मिलाकर २५ धर्मप्रेमी सहभागी हुए थे।
सनातन संस्था के आवाहन को प्रतिसाद देते हुए श्रद्धालुआेंद्वारा गणेशमूर्तियों का बहते पानी में विसर्जन
सनातन संस्था की प्रवक्ता श्रीमती नयना भगत ने श्रद्धालुआें का गणेशमूर्तियों का बहते पानी में विसर्जन कर धर्माचरण का आवाहन किया। इस आवाहन को सकारात्मक प्रतिसाद देते हुए अधिकांश गणेशभक्तों ने भी गणेशमूर्तियों का बहते पानी में विसर्जन करना पसंद किया। पुलिसकर्मियों नें भी इस अभियान को अच्छा सहयोग दिया। कुछ पुलिस अधिकारियों ने अभियान का ध्वनिचित्रीकरण किया।
क्षणिका : सामाजिक कार्यकर्ती श्रीमती मनीषा कुलकर्णी ने सभी श्रद्धालुआें को अगले वर्ष के गणेशोत्सव मे शाडू मिट्टी से बनाई जानेवाली गणेशमूर्ति की स्थापना का आवाहन किया एवं गणेशोत्सव में बजाए जानेवाला डीजे एवं अन्य अप्रिय घटनाआें को रोक कर धन के अपव्यय को रोकें एवं उसी धन का उपयोग समाजसहायता के लिए करने का आवाहन किया।
दादर चौपाटी पर चलाए गए उद्बोधन अभियान से प्रभावित होकर श्रद्धालुआेंद्वारा व्यक्त किए गए मनोगत
१. आप बहुत दृढता के साथ अभियान चलाते हैं ! आपका कार्य बहुत अच्छा है। हमारे और तुम्हारे कार्य के लिए लोगों का समर्थन मिलना चाहिए। पर्यावरण की रक्षा करते हुए उत्सव मनाए जाने चाहिए ! – श्रीमती स्वाती सोनाळकर, आर्ट ऑफ लिविंग
२. आजकल समाज को भ्रमित करने के जो प्रयास हो रहें हैं, वह रुकने चाहिए एवं पारंपरिक पद्धति से उत्सव मनाए जाने चाहिए ! – श्री. सयाजी मोरे, रयत क्रांति संगठन
३. परंपरा के अनुसार शाडू की मिट्टी से बनी गणेशमूर्ति हिन्दू धर्म का प्रतीक है ! हिन्दुआें के त्योहारों पर बंधन डाले जाते हैं, यह उचित नहीं है। गणेशमूर्ति का विसर्जन बहते पानी में ही करना चाहिए ! – श्री. प्रमोद मुणगेकर
४. बहते पानी में विसर्जन करना, हमें ज्ञात था; परंतु हमें पर्यावरण के नाम पर भय दिखाया गया; इसलिए हमने गणेशमूर्ति का कृत्रिम कुंड में विसर्जन किया। आपकेद्वारा किए गए उद्बोधन के कारण हमें हमारी गलती ध्यान में आ गई। शाडू मिट्टी से बनाई गई मूर्ति ही वास्तविक धर्मशास्त्र है। हम इसके आगे गणेशमूर्ति का विसर्जन बहते पानी में ही करेंगे ! – श्रीमती चित्रा कदम
क्षणिकाएं
१. समिति के कार्यकर्ताआेंद्वारा किए गए उद्बोधन के कारण श्रद्धालुआें ने २ मूर्तियों का विसर्जन कृत्रिम कुंड में न कर उनका विसर्जन बहते पानी में ही किया !
२. मुलुंड पूर्व में महानगरपालिका की ओर से एक विद्यालय की बाजू में जमा किए गए कूढे को थोड़ा सा बाजू में हटाकर कृत्रिम कुंड बनाया गया था !
३. इस अवसर पर समिति के कार्यकर्ताआें ने ‘‘महानगरपालिका पूरे वर्ष समुद्र में धोवनजल छोडती है; परंतु उन्हें केवल गणेशमूर्ति विसर्जन के समय ही पर्यावरण रक्षा का स्मरण होता है ! भक्तिभाव से पूजित गणेशमूर्तियों का कुंडों में विसर्जन किए जाने के पश्चात इन मूर्तियों को खदानों में फेंक दिया जाता है और उससे श्री गणेश का घोर अनादर होता है’’, ऐसा बताकर श्रद्धालुआें का उद्बोधन किया। इस समय वहां आने-जानेवाले अनेक लोगों ने यह जानकारी समझ कर ली !
पुलिस प्रशासन ने मुलुंड के जनजागरण अभियान में बाधा उत्पन्न की !
धर्मांधोंद्वारा दिन में पांच पांच बार बजाए जानेवाले भोंपु साथ ही सार्वजनिक स्थानों पर पढी जानेवाली नमाज को न रोकनेवाले; परंतु शांति से जनजागरण अभियान चलानेवाले हिन्दुत्वनिष्ठों को रोकनेवाले पुलिसकर्मी ! – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात
मुलुंड में समिति के कार्यकर्ता शांति से एवं वैधानिक पद्धति से श्रद्धालुआें का कृत्रिम कुंडों में गणेशमूर्ति विसर्जन न करने के संदर्भ में उद्बोधन कर रहे थे। तब मुलुंड के सहायक पुलिस आयुक्त पांडुरंग शिंदे ने ‘आप के अभियान के संदर्भ में कुछ लोगों का विरोधी मत हो सकता है, साथ ही इससे कानून एवं सुरक्षा की समस्या आ सकती है’, ऐसा कारण बता कर कार्यकर्ताआें को श्रद्धालुआें का उद्बोधन करने से रोका !
तब मुुलुंड के भाजपा विधायक श्री. सरदार तारासिंह से संपर्क करने पर उन्होंने समिति के कार्यकर्ता जब शांति से जनजागरण कर रहे हैं, तब पुलिस को उन्हें रोकना नहीं चाहिए, ऐसा कहते हुए अपनी अप्रसन्नता व्यक्त की, साथ ही उन्हें उद्बोधन करने की अनुमति देने का निर्देश दिया। उसके कारण पुलिस प्रशासन ने कुछ समय तक उद्बोधन की अनुमति देकर उसके पश्चात इस अभियान को रोकने के लिए कहा !
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात