अमरावती में हिन्दू जनजागृति समिति की ओर श्री गणेश विसर्जन अभियान !
अमरावती में हिन्दू जनजागृति समिति की ओर से लगाए गए उद्बोधन कक्ष को पुलिसकर्मियों ने हटाकर दूर जाकर लगाने के लिए कहा; परंतु वास्तव में श्रद्धालुआें ने इस उद्बोधन कक्ष को सकारात्मक प्रतिसाद दिया !
इस अवसर पर श्रद्धालुआेंद्वारा प्राप्त अभिप्राय इस प्रकार हैं . . .
१. मनोभाव से पूजित श्री गणेशमूर्ति को पानी में फेंक देते हैं, यह देखकर बहुत दुख हुआ ! इस प्रकार की व्यवस्था के कारण हमारी धार्मिक भावनाएं आहत हुईं !
२. हिन्दू जनजागृति समिति के कारण हमें इस विसर्जन व्यवस्था का सत्य समझ में आ गया। इसके आगे हम यहां विसर्जन के लिए नहीं आएंगे !
३. स्वयं को हिन्दुत्ववादी कहलानेवाली सरकार सत्ता में होते हुए भी किस प्रकार से हिन्दुआें के आस्थाकेंद्रों का अनादर किया जा रहा है ! क्या, इसके लिए ही हमें इस हिन्दुआें की सरकार को चुना है ? आपकेद्वारा किया जा रहा उद्बोधन आवश्यक और प्रशंसनीय है !
४. शासनद्वारा ही यदि बडी एवं प्लास्टर ऑफ पैरिस से बनी मूर्तियोंपर प्रतिबंध लगाया गया, तो लोग उन्हें लेंगे ही नहीं और उससे श्री गणेश का अनादर भी नहीं होगा !
५. एक समाजसेवी संस्था के पदाधिकारी श्री. गांधी ने कहा कि हम हिन्दू जनजागृति समिति के साथ कार्य करने के लिए सिद्ध हैं ! समितिद्वारा किए जा रहे हर कार्य में मुझे रूचि है ! मुझे आपकी उद्बोधन की पद्धति बहुत अच्छी लगी ! संपूर्ण वर्षतक होनेवाले प्रदूषण के संदर्भ में एवं नदी में छोडे जानेवाले धोवनजल के कारण होनेवाले प्रदूषण के संदर्भ में आपके पास कोई लेखन अथवा प्रमाण हों, तो मैं आगे जाकर समिति के साथ प्रशासनिक स्तर पर कार्य करने के लिए इच्छुक हूं !
६. सभी श्रद्धालु उद्बोधन कक्ष में लगाए गए फलकों को उत्साह के साथ पढकर उनके छायाचित्र खींच रहे थे !
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात