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ठाणे एवं डोंबिवली मे धर्मशास्त्र के अनुसार बहते पानी में श्रीगणेश मूर्ति के विसर्जन हेतु जनजागरण अभियान !

हिन्दू जनजागृति समिति का राज्यस्तरीय आदर्श गणेशोत्सव अभियान !

ठाणे : गणेशोत्सव में होनेवाली अप्रिय घटनाआें को रोकने के लिए एवं हिन्दू धर्म का पालन करते हुए शास्त्र के अनुसार आदर्श गणेशोत्सव किस प्रकार से मनाया जाना चाहिए, इस संदर्भ में हिन्दू जनजागृति समिति की ओर से अभियान चलाया गया। इसी अभियान के अंतर्गत अनंत चतुर्दशी के दिन ठाणे के उपवन तालाब परिसर में, तो डोंबिवली (पश्‍चिम) के रेल स्थानक के पास स्थित तृप्ति उपाहारगृह के बाहर समिति के कार्यकर्ताआें ने हाथ में फलक लेकर एवं हस्तपत्रिकाआें का वितरण कर नागरिकों को गणेशमूर्तियों का विसर्जन बहते पानी में करने से होनेवाले लाभ का महत्त्व समझाकर उद्बोधन किया। श्रद्धालुआें ने भी इसे अच्छा प्रतिसाद दिया। इन दोनों स्थानों पर चलाए गए अभियानों में ४० कार्यकर्ताआें ने सहभाग लिया।

अभियान चलाते समय प्राप्त हुए अनुभव . . .

१. उद्बोधन के पश्‍चात ६ घरेलु गणेशमूर्तियों का विसर्जन बहते पानी में किया गया !

२. एक व्यक्ति ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि धर्म को टिकाने हेतु हम अगली बार बहते पानी में ही विसर्जन करेंगे !

३. कुछ श्रद्धालुआें ने कहा, ‘‘आपने यदि पहले ही यह बताया होता, तो हम यहां आते ही नहीं !’’

४. एक व्यक्ति समिति के फलक पढ कर हरएक कार्यकर्ता को नमस्कार करते हुए आगे जा रहा था !

५. एक नागरिक ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि, बुद्धिजीवियोंद्वारा किया जानेवाला बुद्धिभ्रम, अशास्त्रीय प्रचार एवं धर्मशिक्षा के अभाव के कारण ही लोग कृत्रिम कुंडों में मूर्तिविसर्जन कर रहे हैं !

डीजे बजाने पर प्रतिबंध होने से डोंबिवली के एक गणेशोत्सव मंडल ने बडी गणेशमूर्ति का विसर्जन दूसरे दिन करने की बात कही ! (धर्मशास्त्र के अनुसार अनंत चतुर्दशी के दिन विसर्जन करने का महत्त्व है ! इससे समाज में धर्मशिक्षा देना कितना आवश्यक है, यही ध्यान में आता है ! – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात) हिन्दू जनजागृति समिति के कार्यकर्ताआेंद्वारा इस मंडल के पदाधिकारी का उद्बोधन किए जानेपर उसने मूर्ति का विसर्जन अनंत चतुर्दशी के दिन ही करने की बात मान ली !

स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात

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