केरल के सबरीमाला मंदिर में हर उम्र की महिलाओं को सुप्रीम कोर्ट ने प्रवेश की अनुमती दी है। इस निर्णय का शिवसेना ने विरोध किया है । शिवसेना ने इस निर्णय पर विरोध जताते हुए १ अक्तूबर को १२ घंटे की हडताल का आह्वान किया है।
शुक्रवार को अपने निर्णय में सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हमारी संस्कृति में महिला का स्थान आदरणीय है। यहां महिलाओं को देवी की तरह पूजा जाता है और मंदिर में प्रवेश से रोका जा रहा है। चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा ने फैसला पढ़ते हुए कहा, ‘धर्म के नाम पर पुरुषवादी सोच ठीक नहीं है। उम्र के आधार पर मंदिर में प्रवेश से रोकना धर्म का अभिन्न हिस्सा नहीं है।
ज्ञात हो कि शीर्ष कोर्ट में दाखिल की गई याचिका में उस प्रावधान को चुनौती दी गई है, जिसके तहत मंदिर में १० से ५० वर्ष आयु की महिलाओं के प्रवेश पर अब तक रोक थी। कहा गया कि, यदि महिलाओं का प्रवेश इस आधार पर रोका जाता है कि वे मासिक धर्म के समय अपवित्र हैं तो यह भी दलितों के साथ छुआछूत की तरह है।