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पू. संभाजी भिडे गुरुजी समेत भाजपा नेताआें पर लगे आरोपों के ३ केस लिए वापस, नहीं मिला कोई सबूत !

हिंदुत्व को बदनाम करने वालों के मुह पर तमाचा ! – सम्पादक, हिन्दुजागृति

चाहे खुद को सेक्युलर कहने वाली शक्तियां हो, खुद को वामपंथी बताने वाली शक्तियां हो, जिहादी और मिशनरी शक्तियां हो, भारत में इन सबके निशाने पर हिन्दू ही है ।

और जब भी कोई हिन्दू अच्छा काम करता है, चाहे वो समाजसेवी हो, संत हो, नेता हो तो ये दुष्ट शक्तियां उसे बदनाम करने की कोशिश करती है, उसे ख़त्म करने की, उसे कानून के पचडे में फंसाने की कोशिश करती है, ताकि धर्मांतरण का धंधा, जिहाद इत्यादि आसानी से बिना रुकावट चल सके ।

महाराष्ट्र में हिन्दू संत है पू. संभाजी भिडे गुरुजी । इनके करोडो चाहने वाले है, ये हिंदुत्व को समर्पित हैं और समाज के लिए काम करते है, ये सेवा का कार्य करते है, बहुत ही ताकतवर शख्स है पर रहते एकदम साधारण व्यक्ति की तरह, ये धर्मांतरण को रोकने का कार्य भी करते है इसलिए सेक्युलर वामपंथी जिहादी और मिशनरी इनके खिलाफ लगी रहती है ।

पिछले दिनों वामपंथी मीडिया ने इनके खिलाफ खूब एजेंडा चलाया और वामी मीडिया और सेकुलरों के दबाव में भीमा-कोरेगांव केस में सरकार ने इनके खिलाफ FIR लिख लिया, उसके बाद जांच भी हुई और मीडिया सरकार ने सरकार पर संभाजी भिडे गुरुजी के खिलाफ कार्यवाही के लिए लगातार दबाव बनाए रखा ।

कोरेगांव भीमा हिंसा के आरोपी पू. संभाजी भिडे गुरुजी समेत कई भाजपा और शिवसेना के नेताओं पर दर्ज मामलों को वापस ले लिया है । एक आरटीआई कार्यकर्ता शकील शेख ने यह खुलासा किया है ।

शेख ने बताया, ‘मैंने यह जानने के लिए आरटीआई दाखिल की थी कि नेताओं और उनके समर्थकों पर २००८ के बाद कितने केस वापस लिए गए । इसमें यह पता लगा है कि, पू. भिडे गुरुजी पर ३ केस वापस लिए गए और ९ केस भाजपा और शिवसेना के नेताओं के खिलाफ वापस लिए गए।’

धारा ३२१ के अनुसार राज्य सरकार के पास यह अधिकार है कि वह छोटे अपराधों में केस वापस ले सकती हैं ।

मीडिया और वामपंथियों ने इस हिन्दू संत को बड़े पैमाने पर बदनाम करने और फंसाने की कोशिश की पर आखिरकार सच और हिंदुत्व की जीत हुई !

स्त्रोत : दैनिक भारत न्यूज

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