बात का बतंगड बनाना तो कोर्इ इनसे सिखे। स्कूलों में गायत्री मंत्र का पाठ अनिवार्य ना होते हुए भी गायत्री मंत्र का पाठ अनिवार्य है एेसा शोर मचानेवाले देहली अल्पसंख्यक आयोग कॉन्वेट स्कुलों में जब गैर र्इसार्इ चाहे वह हिन्दू हो या मुस्लिम बच्चों के धर्मपालन पर प्रतिबंध लगाती है तब क्यो नही कुछ बाेलती ?, एक सवाल इस आयोग से, क्या कॉन्वेट स्कुलों/कॉलेज में पढनेवाले अल्पसंख्यंक समुदाय के युवतीयों को बुरखा पहने दिया जाता है ? – सम्पादक, हिन्दुजागृति
नई देहली : देहली अल्पसंख्यक आयोग ने उत्तरी देहली नगर निगम को स्कूलों में गायत्री मंत्र का पाठ करने पर एक नोटिस जारी किया है। उत्तरी देहली नगर निगम (NDMC) ने शिक्षा विभाग द्वारा चलाए जाने वाले स्कूलों में गायत्री मंत्र का पाठ करने के लिए एक सर्कुलर जारी किया था। अब इस सर्कुलर को लेकर देहली अल्पसंख्यक आयोग (DMC) ने नोटिस जारी कर इसका कारण बताने को कहा है।
देहली अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष जफरूल इस्लाम खान ने कहा कि उत्तरी देहली नगर निगम के शिक्षा विभाग को हाल ही में नोटिस जारी किया गया है। नोटिस में शिक्षा विभाग से पूछा गया है कि स्कूलों में सुबह की प्रार्थना के दौरान छात्रों को गायत्री मंत्र का पाठ करने का सर्कुलर क्यों जारी किया गया है ? जफरूल इस्लाम खान ने पूछा कि क्या ये हमारी धर्मनिरपेक्ष पॉलिसी के विरुद्ध नहीं है। उन्होंने कहा, ‘क्या इससे छात्रों और शिक्षकों के रैंक में विभाजन नहीं होगा क्योंकि कई अल्पसंख्यक समुदायों से ताल्लुक रखते हैं जो किसी धार्मिक प्रकृति के मंत्रों को पढना पसंद नहीं करें।’
वहीं एनडीएमसी ने अपने इस सर्कुलर का बचाव किया है। एनडीएमसी अधिकारियों का कहना है कि गायत्री मंत्र का पाठ अनिवार्य नहीं किया गया था। एनडीएमसी ७५६ स्कूलों का संचालन करती है जिसमें करीब २.२ लाख छात्र पढते हैं। भाजपा शासित नगर निगम की शिक्षा कमेटी की चेयरमैन रितु गोयल ने कहा कि उन्हें नोटिस के बारे में कोई जानकारी नहीं है। उन्होंने आगे कहा कि स्कूलों में गायत्री मंत्र का पाठ अनिवार्य नहीं है।
स्त्रोत : वन इंडिया