देशभर में शारदीय नवरात्रों की शुरुआत हो चुकी है और इसके साथ ही जगह-जगह पर रामलीला का मंचन भी शुरु हो चुका है। रामलीला का मंचन हमारी संस्कृति का अहम हिस्सा रहा है, यही वजह है कि आज भी इसमें लोगों की रुचि बरकरार है ! उत्तर प्रदेश के इटावा में सरसई में आयोजित होनेवाला रामलीला का मंचन तो भारत की गंगा जमुनी तहजीब का जीता-जागता उदाहरण है। यह रामलीला पिछले ३२ सालों से आयोजित हो रही है। खास बात ये है कि इस रामलीला में भगवान शंकर की भूमिका निभानेवाला व्यक्ति मुस्लिम है और उनका नाम है जहीरुद्दीन शाह !
Etawah: Zaheeruddin,resident of Sarsai Nawar,has been organising Ram Leela since last 32 yrs; says 'I offer both prayers&namaz. I've a portrait of Lord Shankar. I tell people while they see Shankar ji,I see Muhammad sahab in it.Paths may be different but all lead to one religion' pic.twitter.com/pEZMqzIf3C
— ANI UP (@ANINewsUP) October 11, 2018
जहीरुद्दीन शाह का कहना है कि उन्हें भगवान शंकर में मुहम्मद साहब दिखाई देते हैं ! जहीरुद्दीन ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि “मैं नमाज और प्रार्थना दोनों करता हूं। मेरे घर में भगवान शंकर की प्रतिमा भी है। जहीरुद्दीन शाह ने लोगों को बताया कि जैसे वो भगवान शंकर को देखते हैं, वहीं उन्हे भगवान शंकर में मुहम्मद साहब दिखाई देते हैं। रास्ते भले ही अलग-अलग हों, लेकिन सभी धर्मों का रास्ता एक ही है !” गौरतलब है कि जिस कमेटी में जहीरुद्दीन रामलीला का मंचन करते हैं, उसमें २ और मुस्लिम कलाकार रामलीला के विभिन्न किरदार निभाते हैं।
जहीरुद्दीन का मानना है कि जिस जीवन में कला का स्थान नहीं है वह जीवन अधूरा होता है। रामलीला में धर्म और अधर्म को दिखाया जाता है इसलिए मैंने रामलीला का चुनाव किया। जहीरुद्दीन बताते हैं कि उन्हें वेद, पुराणों और शास्त्रों के बारे में भी थोड़ी जानकारी रखते हैं। बता दें कि देशभर में शारदीय नवरात्रों के साथ ही रामलीला के मंचन का आयोजन शुरु हो जाता है, जो कि दशहरा के बाद तक चलता है। इस बार यह आयोजन १० अक्टूबर से शुरु हो चुका है। वहीं दशहरा पर्व का आयोजन १९ अक्टूबर को किया जाएगा।
स्त्रोत : जनसत्ता