हिन्दुओ, धर्मपर होनेवाले प्रत्येक आक्रमणके समय ऐसी ही संगठित शक्ति दिखाएं !
नई मुंबई – दत्ता मेघे महाविद्यालयके समीप अवैधानिक रूपसे निर्माणकार्य किए जानेवाली मस्जिदपर त्वरित कार्यवाहीकी मांगको लेकर १ दिसम्बरको ऐरोलीके सर्वपक्षीय हिन्दू, ग्रामवासी तथा सामाजिक संस्थाओंद्वारा मोरचा निकालकर सिडको भवनपर धरणा दी गई । इस मोरचेमें महिला एवं पुरुष, इस प्रकार कुल मिलाकर १ सहस्रसे अधिक हिन्दू सम्मिलित हुए थे ।
१. इससे पूर्व २५ नवम्बरको भी ५०० से अधिक हिन्दुओंने मोरचा निकालकर नई मुंबई महानगरपालिका एवं सिडकोके अधिकारीको निवेदन देकर अवैधानिक मस्जिदके निर्माणकार्यपर कार्यवाहीकी मांग की ।
२. इस विषयमें सिडकोद्वारा मस्जिदके क्षेत्रमें साधारण कार्यवाही करते हुए हिन्दुओंको समझा कर छोड दिया; परन्तु मस्जिदपर कार्यवाही नहीं की गई थी । (हिन्दुओंके साथ ऐसी ठगबाजी होती रही, तो हिन्दुओंकी भावनाओंके भडकनेकी पूरी सम्भावना है एवं उसका दायित्व प्रशासनपर रहेगा !- सम्पादक, दैनिक सनातन प्रभात)
३. इसलिए संतप्त हिन्दुओंने १ दिसम्बरको मोरचा निकालकर कथित मस्जिदपर कार्यवाही कर हिन्दुओंको ढाढस बंधाने एवं कार्यवाही करने हेतु लिखित आश्वासन देनेकी निरंतर मांग की । यह मोरचा गावदेवी मैदानसे ऐरोली रेल्वेस्थानक एवं आगे सिडको भवनपर आया ।
४. इस अवसरपर सिडकोके अधिकारी अनिल पाटिल एवं मराठेने कहा कि शीतकालीन अधिवेशनके उपरान्त कार्यवाही करेंगे; परन्तु हिन्दु पीछे नहीं हटे । इसलिए उन्होंने अगले माहमें कार्यवाही करनेका आश्वासन दिया ।
५. इस अवसरपर हिन्दुनिष्ठोंद्वारा अधिवक्ता विशाल मोहितेने बताया कि यदि सिडकोद्वारा कार्यवाही नहीं की गई, तो हिन्दुनिष्ठ स्वयं वह अवैधानिक इमारत तोडेंगे एवं उसका दायित्व सिडको, नई मुंबई महानगरपालिका एवं पुलिसपर रहेगा ।
६. विश्व हिन्दू परिषदके श्री. उद्धव खराडेने कहा कि हिन्दू बहुसंख्यक क्षेत्रमें अवैधानिक रूपसे मस्जिदका निर्माणकार्य करना सामाजिक मनमुटावको निमन्त्रण देने समान है । अतः उसे हटाना ही चाहिए !
७. शिवसेनाकी नगरसेविका श्रीमती लताताई कोटकरने कहा कि इस मस्जिदसे हिन्दू महिलाओंकी सुरक्षाका प्रश्न उपस्थित हो गया है ।
८. हिन्दू जनजागृति समितिके श्री. सुनील कदमने कहा कि मस्जिदके क्षेत्रमें कुछ झोपडियोंमें बांग्लादेशी नागरिक रहते हैं । उनके पास नकली परिचयपत्र मिले हैं ।
९. सिडकोके अधिकारियोंद्वारा आश्वासन देनेके उपरान्त समस्त हिन्दुनिष्ठोंने अवैधानिक मस्जिदके विरुद्ध पूरी तरह कार्यवाही होनेतक जात-पांत तथा पक्षभेद भूलकर स्थायी रूपसे यह युद्ध करनेका निश्चय किया ।
मोरचेमें सम्मिलित संगठन, पक्ष एवं संस्था
शिवसेना, भाजपा, राष्ट्रवादी कांग्रेस, महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना, ऐरोली ग्रामवासी मण्डल, ऐरोली कोळीवाडा गोविंदा पथक, विश्व हिन्दू परिषद, बजरंग दल, सनातन संस्था एवं हिन्दू जनजागृति समिति
उपस्थित मान्यवर
धर्माभिमानी सर्वश्री उदय जोशी, किरन पाटिल, भोईर, रोहित जोशी (शाखाप्रमुख), निखिल बानखेल, मिलिंद पाटिल, सुनील एैब्रॉल, सूर्यकांत मडवी, श्रीमती सुषमा भोईर, नरेंद्र कोलकर
क्षणिकाएं :
१. मोरचा निकालनेके दिन पहले ही पुलिसने हिन्दुनिष्ठ युवकोंको आपराधिक (फौजदारी) दण्डसंहिता धारा १४९ के अनुसार सूचना (नोटिस) भेजी । (क्या धर्मान्धोंके विरुद्ध पुलिसने कभी ऐसी कार्यवाही की है ?, सम्पादक, दैनिक सनातन प्रभात)
२. पुलिसकर्मियोंने अवैधानिक मस्जिदके विरुद्ध मोरचेके सन्दर्भमें अनेक स्थानोंपर लगाए फ्लेक्स फलक निकालनेके लिए हिन्दुनिष्ठोंको विवश किया । (अवैधानिक मस्जिदके विरुद्ध रहनेवाले फलकोंके कारण पुलिसको क्रोध क्यों आता है ? पुलिसद्वारा ये फलक निकालनेको बाध्य करना अवैधानिक मस्जिदको समर्थन जैसा ही है । – सम्पादक, दैनिक सनातन प्रभात )
३. पतिकी मृत्युके पश्चात ८ माहसे घरसे बाहर न निकली श्रीमती शांताबाई पाटिल केवल धर्मकार्यके रूपमें इस मोरचेमें सम्मिलित हुर्इं । वे प्रखर हिन्दुनिष्ठ श्री. किरन पाटिलकी माताजी हैं ।
स्रोत : दैनिक सनातन प्रभात
मुंबर्इ : मस्जिदके अवैध निर्माणकार्यपर पाबन्दी लगानेके लिए पुलिसके विरोधकी ओर अनदेखा कर हिन्दुओंका भव्य मोर्चा
अवैध निर्माणकार्यपर कार्रवाई करने हेतु जनताको मोरचाका आयोजन करनेके लिए बाध्य करनेवाला विश्वका एकमात्र देश भारत !
मोरचामें सम्मिलित हुए धर्माभिमानी हिन्दू
नई मुंबई – ऐरोलीके दत्ता मेघे महाविद्यालयके निकट मस्जिदका अवैध निर्माणकार्य किया गया है । उसके विरोधमें यहांके हिन्दुओंने २५ नवम्बरको भव्य मोरचाका आयोजन कर निषेध व्यक्त किया । पुलिसने छुपकर इस मोरचाका विरोध किया; किन्तु हिन्दुओंने उनकी ओर अनदेखा किया । उस समय ५०० से अधिक हिन्दू मोरचामें सम्मिलित हुए थे । (पुलिसके विरोधकी ओर अनदेखा कर मोरचामें सम्मिलित हुए धर्माभिमानी हिन्दुओंका अभिनन्दन ! – सम्पादक, दैनिक सनातन प्रभात)
१. दत्ता मेघे महाविद्यालयके निकट ‘सिडको’ने मैदान एवं उद्यानके लिए क्षेत्र आरक्षित किया था; किन्तु धर्मान्धोंने उस भूमिको बलपूर्वक अधिकारमें लेकर वहां मदरसा आरम्भ किया । तदुपरान्त वहां धर्मांधोंकी बस्ती न होते हुए भी अवैध मार्गसे मस्जिदका निर्माणकार्य आरम्भ किया गया ।
२. इस निर्माणकार्यके कारण सामाजिक शान्ति भंग हो सकती है, इस बातको ध्यानमें रखते हुए हिन्दुओंने इसका विरोध करने हेतु भव्य मोरचाका आयोजन किया था ।
३. मोरचाका प्रारम्भ गांवदेवी मैदानसे ऐरोली स्थानकतक आयोजित किया गया था । उस समय महानगरपालिकाके विभागीय अधिकारी बाळकृष्ण पाटिल तथा सिडकोके अधिकारियोंको निवेदन प्रस्तुत किया गया ।
४. निवेदनमें हिन्दुओंने यह चेतावनी दी है कि यदि आगामी ६ दिनमें यह निर्माणकार्य गिराया नहीं गया, तो १ दिसम्बरको सहस्रों हिन्दू एकत्रित आकर तीव्र आन्दोलन करेंगे । उससे धार्मिक शान्ति भंग हुई, तो उसका दायित्व प्रशासनपर होगा । इस मोरचाके लिए शिवसेनाकी नगरसेविका लतादीदी कोटकर उपस्थित थीं ।
५. इन अधिकारियोंने इस निर्माणकार्यपर कार्रवाई करनेका आश्वासन दिया । (निवेदन प्रस्तुत करनेके पश्चात ही इन अधिकारियोंकी निद्रा कैसे खुल जाती है ? अवैध निर्माणकार्य आरम्भ होनेकी सूचना साधारण हिन्दुओंको प्राप्त होती है; किन्तु इन अधिकारियोंको क्यों नहीं प्राप्त होती ? क्या अधिकारी अंधे हैं अथवा जानबूझकर अनदेखा कर रहे हैं ? – सम्पादक, दैनिक सनातन प्रभात)
६. तदुपरान्त अधिवक्ता श्री. विशाल मोहितेने मोरचाको सम्बोधित करते हुए वक्तव्य दिया कि ऐरोलीकी संस्कृति एवं हिन्दुओंको इस इमारतके कारण आपत्ति आ सकती है । जबतक यह निर्माणकार्य गिराया नहीं जाएगा, तबतक हिन्दू चुप नहीं बैठेंगे ।
७. इस मोरचाके पश्चात गांवदेवी मन्दिरमें हिन्दुओंकी बैठक सम्पन्न हुई । उस समय हिन्दू जनजागृति समितिके श्री. सुनील कदमने बताया कि इसके पश्चात धर्मपर आई कोई भी आपत्ति हम सहन नहीं करेंगे । उसके लिए हिन्दुओंको संगठित होना होगा ।
मोरचामें सम्मिलित संगठन एवं दल
ऐरोली कोळीवाडा गोविंदा पथक, विश्व हिन्दू परिषद, बजरंग दल, जय भवानी जेष्ठ नागरिक संघ, हिन्दू जनजागृति समिति, सनातन संस्था ये हिन्दूनिष्ठ संगठन तथा शिवसेना, भाजपा, राष्ट्रवादी कांग्रेस तथा मनसे, ये राजनीतिक दल । (धर्मान्धोंकी बढती उद्दण्डता रोकनेके लिए हिन्दुओंको इसी प्रकारसे पद, दल संगठन आदिको दूर कर संगठित होना चाहिए । – सम्पादक, दैनिक सनातन
प्रभात)
पुलिसकर्मियोंकी हिन्दूद्रोही तत्परता तथा हिन्दुओंद्वारा उन्हें दिया गया प्रत्युत्तर !
इस मोरचाकी सूचना प्राप्त होते ही, उसे रोकने हेतु पुलिसकर्मियोंने त्वरित जमावबन्दी आदेश लागू किया, साथ ही मस्जिदके निर्माणकार्यको सुरक्षाका प्रबन्ध किया । (जिस अवैध निर्माणकार्यपर पुलिसको पाबन्दी लगानी चाहिए, उसीके लिए सुरक्षाका प्रबन्ध करनेवाली पुलिस कानूनकी रक्षा क्या करेगी ? – सम्पादक, दैनिक सनातन प्रभात) अपितु जमावबन्दीकी ओर अनदेखा कर बहुसंख्य हिन्दू इस मोरचामें उत्स्फूर्तरूपसे सम्मिलित हुए । उसमें प्रशंसनीय संख्यामें महिलाएं भी सम्मिलित हुई थीं । साथ ही सर्वदलके नागरिक केवल हिन्दूके रूपमें संगठित हुए थे ।
स्रोत : दैनिक सनातन प्रभात