मुंबई के मुलुंड में ‘राष्ट्रीय हिन्दू आंदोलन’।
मुंबई : केंद्र और राज्य में हिन्दुआें की सरकारें होते हुए भी हिन्दुआें को अनेक समस्याआें का सामना करना पड रहा है। हिन्दुआें को अपनी मांगों के लिए आंदोलनें करनी पडती हैं, यह देश का दुर्भाग्य है। धर्मप्रेमी श्री. गणेश पाटिल ने ऐसा प्रतिपादित किया। मुलुंड रेलस्थानक के सामने आयोजित राष्ट्रीय हिन्दू आंदोलन को संबोधित करते हुए वे बोल रहे थे।
श्री. गणेश पाटिल ने आगे कहा कि, हाल ही में चर्च में बलात्कार एवं यौन शोेषण के संदर्भ में जो घटनाएं सामने आई हैं, उसके लिए एक विशेष आयोग का गठन कर उसकी जांच की जाए। देश में चल रहे अश्लील संकेतस्थलों के विरोध में कार्रवाई की जाए; क्योंकि उससे छोटे बच्चे और युवा पीढी बहुत बुरी तरह से प्रभावित हुई है। एक ओर सोशल मीडिया पर ‘#MeToo’ अभियान चल रहा है, तो दूसरी ओर सरकार के पास बार-बार मांग कर भी अश्लील संकेतस्थलों पर प्रतिबंध नहीं लगाया जाता, यह विरोधाभास है। सरकार ने अभीतक हज यात्रा के लिए अनुदान दिया; परंतु कुंभमेले में जाने के लिए रेल टिकटोंपर अधिभार लगाया गया है। इस अधिभार को तुरंत रद्द किया जाए।
इस अवसर पर साईलीला मित्रमंडल के श्री. सचिन घाग एवं धर्मप्रेमी श्री. नीलेश देशमुख ने भी अपने विचार व्यक्त किए। इस आंदोलन में शिवसेनासहित श्री शिवप्रतिष्ठान हिन्दुस्थान एवं बजरंग दल के कार्यकर्ता भी सहभागी हुए थे।
प्रतिसाद
आपके द्वारा किया जा रहा कार्य बहुत अच्छा है। इससे हिन्दुआें को उनके अधिकार मिलेंगे। – श्रीमती कुसुम कुलकर्णी
आज हिन्दुस्थान में ही हिन्दू ही सुरक्षित नहीं हैं। मैं इस आंदोलन का समर्थन करती हूं। – श्रीमती हर्षा जोशी
हिन्दुआें में जागृति आनी चाहिए। अब हिन्दू जागृत नहीं हुआ, तो कब होगा ? – श्री. जी.वी. वेद
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात