लंदन : आतंकी संगठन आईएसआईएस के लिए सीरिया में लड़ रहे एक भारतीय मूल के आतंकी ने टि्वटर पर एक नजवात बच्चे और AK-47 राइफल के साथ तस्वीर पोस्ट की है। सिद्धार्थ धर उर्फ अबू रूमायसाह ने तस्वीर के साथ लिखा है कि उसे गर्व है कि उसके बच्चे ने इस्लामिक स्टेट में जन्म लिया है। बता दें कि सिद्धार्थ और 8 अन्य लोगों को सितंबर महीने में ब्रिटेन में गिरफ्तार किया गया था। इन पर आतंकी गतिविधियों को बढ़ावा देने का शक था। सिद्धार्थ को जमानत मिल गई। उसे दिसंबर में फिर से अदालत में पेश होना था, लेकिन वह फरार हो गया।
जमानत मिलने के 24 घंटे के भीतर सिद्धार्थ अपनी गर्भवती पत्नी और चार बच्चों के साथ बस से पेरिस पहुंचा। इसके बाद वह सीरिया चला गया, जहां उसने आईएसआईएस ज्वाइन किया। सिद्धार्थ ने पहले सार्वजनिक तौर पर एलान किया कि वह सीरिया पहुंच चुका है और इसके कुछ देर बाद टि्वटर पर लिखा कि वह एक बेटे का पिता बन गया है। उसने लिखा, ”यह इस्लामिक स्टेट के साथ बढ़िया जुड़ाव है। मेरा बेटा शर्तिया तौर पर ब्रिटिश नहीं है।”
सिद्धार्थ ब्रिटेन में टीवी पर दिखता रहा है। उसने एलान किया था कि वह इस्लामिक स्टेट में रहना चाहता है। एक चैनल को दिए इंटरव्यू में उसने कहा था कि वह सीरिया जाकर इस्लामिक स्टेट में रहने के लिए ब्रिटिश नागरिकता भी छोड़ने को तैयार है। उसने यह भी कहा कि उसे उम्मीद है कि एक दिन ब्रिटेन भी शरियत कानून के अंतर्गत आएगा। बता दें कि सुरक्षा एजेंसियों को शक है कि 500 से ज्यादा ब्रिटिश नागरिक आईएसआईएस ज्वाइन करने सीरिया और इराक पहुंचे हैं।
सरकार ने बुधवार को कहा कि ऐसी कोई खुफिया जानकारी नहीं है कि इस्लामिक स्टेट कश्मीर में युवाओं में पैठ बनाने की कोशिश कर रहा है।
गृह राज्य मंत्री किरण रिजिजू ने मोतीलाल वोरा के एक सवाल के लिखित जवाब में राज्यसभा को यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि ऐसी कोई खुफिया जानकारी नहीं है कि आईएसआईएस कश्मीर में युवाओं में पैठ बनाने की कोशिश कर रहा है। हालांकि, पिछले दो-तीन महीने के दौरान कुछ अवसरों पर श्रीनगर में कुछ युवाओं ने आईएसआईएस के झंडे लहराए हैं।उन्होंने कहा कि ऐसे मामलों में युवाओं से पूछताछ से पता चलता है कि उन्होंने सोशल मीडिया पर आईएसआईएस से संबंधित लेख देखे थे और उससे आकर्षित हो गए थे। इनमें से कोई भी युवा किसी उग्रवादी या आतंकवादी संगठन से जुड़ा हुआ नहीं था। उन्होंने कहा कि सरकार इस पर गहन निगरानी रख रही है और सभी खुफिया एवं सुरक्षा एजेंसियों को ऐसे तत्वों की पहचान करने तथा उनकी गतिविधियों पर नजर रखने का निर्देश दिया गया है।