बरेली : तीन तलाक और हलाला की एक घटना ने पति पत्नी को अजीब मुसीबत में डाल दिया है। युवक ने गुस्से में आकर बीवी को तीन तलाक कह दिया। गुस्सा ठंडा हुआ तो बीवी को फिर से पाने के लिए ६५ साल के कुंवारे बुजुर्ग से हलाला कराया। हलाला के बाद बुजुर्ग ने बीवी को छोडने से इन्कार कर दिया है। अब तलाक से जुदा हुआ यह जोडा मदद के लिए मेरा हक फाउंडेशन की अध्यक्ष फरहत नकवी के पास पहुंचा।
मामला उत्तराखंड के खटीमा का है। एक युवक-युवती का निकाह वर्ष २०१० में हुआ था। निकाह के तीन साल बाद मियां-बीवी में अनबन हुई तो गुस्से में शौहर ने तलाक दे दिया। इनके दो बेटे हैं। दोनों ने एक-एक बच्चा ले लिया। वर्ष २०१६ में दोनों को पछतावा हुआ। बच्चों की खातिर गलती मानते हुए फिर एक होने का इरादा किया। मगर तलाक के बाद हलाला की रस्म आडे आ गई। इस पर लगभग २८ साल की महिला ने खटीमा के ही ६५ साल के एक शख्स से निकाह-हलाला किया। शर्त ये थी कि हलाला के बाद वह तुरंत तलाक दे देंगे, लेकिन अब बुजुर्ग शख्स इसके लिए तैयार नहीं हैं। हलाला के बाद उन्होंने महिला को तलाक देने से मना कर दिया। यह कहते हुए कि उन्हें हलाला की बात नहीं बताई गई थी। यह पता होता तो निकाह नहीं करते। अब बीवी को तलाक नहीं दूंगा। घर बचाने की गुहार तलाक और हलाला से जुदा हुआ यह जोडा शनिवार को मेरा हक फाउंडेशन की अध्यक्ष फरहत नकवी के पास पहुंचा और पूरा किस्सा सुनाया। फरहत नकवी ने जब निकाह-हलाला करने वाले बुजुर्ग से बात की तो उन्होंने कहा कि मेरे मियां-बीवी के रिश्ते नहीं बने हैं। मैं तलाक नहीं दूंगा। वहीं, जोडा अपने बच्चों की खातिर किसी भी सूरत में दोबारा एक होने के लिए बुजुर्ग से गुहार लगा रहा है, लेकिन वह राजी नहीं हो रहे।
मेरा हक फाउंडेशन की अध्यक्ष फरहत नकवी ने बताया कि अगर बुजुर्ग तलाक नहीं देंगे तो महिला के पास खुला का अधिकार है। खुला के जरिये उन्हें दूसरे शौहर से आजादी दिलाएंगे।
स्त्रोत : जागरण