मीटू अभियान की आंच अब पूर्वोत्तर तक पहुंच गई है। एक महिला ने सोशल मीडिया के जरिये शिलांग में एक कैथोलिक चर्च के दो पादरियों पर यौन शोषण के आरोप लगाए हैं। इस खुलासे के बाद कैथोलिक संगठन ‘क्रिश्चियन ब्रदर्स’ ने आरोपियों के खिलाफ जांच की घोषणा की है। कैथोलिक चर्च के नैतिकता आयोग के सोसायटी प्रोटेक्शन अधिकारी ब्रदर्स जे. जानसन ने अपने बयान में कहा कि ‘मीटू अभियान’ के तहत सोशल मीडिया के जरिये संगठन के दो सदस्यों पर यौन उत्पीडन के आरोप सामने आने के बाद मामले की जांच कराने का फैसला किया गया है। पीडिता ने पिछले सप्ताह अपनी फेसबुक पोस्ट में १९८० के दशक के दौरान दो पादरियों पर यौन शोषण का आरोप लगाया था।
फिलहाल, पश्चिम बंगाल में रह रही पीडित महिला ने कहा कि वह परिवार का एक घनिष्ठ मित्र था और धार्मिक व्यक्ति के तौर पर उसकी छवि प्रतिष्ठित थी। मुझे उसके पास ट्यूशन पढने के लिए भेजा गया था। लेकिन, उसने मेरा यौन शोषण किया। जब मैंने अपने परिजनों को यह घटना सुनाई तो किसी ने मेरी बात पर विश्वास नहीं किया। उल्टे मुझको डांट सुननी पडी और मेरी पिटाई हुई। ४० वर्षीय महिला ने अपने फेसबुक पोस्ट में कहा है कि कैथोलिक चर्च के दो पादरियों, फ्रांसिस गेल और मस्कट के हाथों यौन शोषण के बाद उसने तीन बार आत्महत्या करने की कोशिश भी थी।
पीडिता का आरोप है कि पादरियों ने पांच साल की उम्र से ही उनका यौन शोषण शुरू कर दिया था। यह सिलसिला १२ साल की उम्र तक जारी रहा। पीडिता ने बताया है कि बाद में उसने उन दोनों पादरियों से मिलने से मना कर दिया था। उसे गर्भवती होने का डर था। पीडिता ने उम्मीद जताई है कि देर से ही सही अब उसको न्याय मिलेगा।
स्त्रोत : अमर उजाला