धर्मान्धोंकी धमकियोंकी चिन्ता न कर एकता दिखानेवाले हिन्दुओंका अभिनन्दन !
धर्मान्धोंके समक्ष जानबूझकर सहस्रों हिन्दुओंकी उपस्थिति
महाआरती करते समय श्री. सुरेश चौहानके
सम्भाजीनगर– महाराष्ट्रके सुपुत्र एवं नई देहलीके प्रखर हिन्दुनिष्ठ ‘सुदर्शन न्यूज’ समाचारप्रणाल (चॅनेल)के सम्पादक श्री. सुरेश चव्हाणकेने निरन्तर विविध कार्यक्रमोंद्वारा पूरे देशमें हिन्दुओंमें जागृति उत्पन्न की है । उन्होंने पिछले माहमें धर्मान्ध मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुसलमीन (एमआईएम) पक्षके प्रमुख विधायक अकबरुद्दीन ओवैसी एवं सांसद ओवैसीके कुकृत्योंके विरुद्ध उपक्रम चलाया था । इस अवसरपर भाजपाके ज्येष्ठ नेता डॉ. सुब्रह्मण्यम् स्वामीने ध्वनिचित्रीकरण(दृक्श्राव्यचक्रिका) देखकर ओवैसी बन्धुओंपर कार्यवाही करनेका आश्वासन दिया । इसे करोडों भारतीयोंका भव्य प्रतिसाद मिला । श्री. चव्हाणकेको सम्भाजीनगरमें न आने देनेकी धमकी दी गई थी; परन्तु २६ नवम्बरको वहांके हिन्दुनिष्ठोंद्वारा श्री. चव्हाणकेका भव्य स्वागत किया गया । भगवान श्रीगणेश मन्दिरके विविध कार्यक्रमोंमें वे अत्यन्त उत्साहित होकर सम्मिलित हुए ।
१. श्री. चव्हाणकेके २६ नवम्बरको सम्भाजीनगरमें आए, उस समय विमानतलपर भगवे ध्वज लेकर सहस्रों हिन्दुओंने उनका स्वागत किया ।
२. उन्होंने छत्रपति शिवाजी महाराजकी प्रतिमापर पुष्पहार अर्पण कर अभिवादन किया ।
३ तदुपरान्त भगवान श्रीगणेशका पूजन कर महाआरती की गई । प्रसाद वितरण किया गया । इस अवसरपर वारकरी सम्प्रदायके ह.भ.प. श्याम महाराज राठोड भी उपस्थित थे ।
४. तदुपरान्त उनके भाषणके लिए भी सहस्रों हिन्दू उपस्थित थे ।
५. पूरे कार्यक्रममें एम.आई.एम.का कोई भी व्यक्ति इस कार्यक्रमकी ओर नहीं आया ।
स्रोत : दैनिक सनातन प्रभात
महाराष्ट्र : धर्मान्ध MIMद्वारा ‘सुदर्शन चॅनेल’के मुख्य सम्पादकको संभाजीनगरके (आैरंगाबाद) प्रवेशपर विरोध प्रदर्शित
हिन्दुओंके देशमें घूमनेके लिए हिन्दुओंको अस्वीकृत करनेके लिए क्या यह पाकिस्तान है ? सर्वत्रके हिन्दुओंको धर्मांध एमआइएमके इस आदेशके विरोधमें संगठित होकर दृढतापूर्वक सुरेश चव्हाणकेका साथ देना चाहिए !
श्री. सुरेश चव्हाणके
सुदर्शन चॅनेलके मुख्य सम्पादक श्री. सुरेश चव्हाणकेद्वारा एक प्रसिद्धिपत्रकके माध्यमसे यह सूचना प्राप्त हुई है कि सुदर्शन चॅनेलपर ओवैसीके विरोधमें कार्यक्रम प्रक्षेपित किया गया । इस बातसे सन्तप्त होकर संभाजीनगर-ऑल इण्डिया मजलीस-ए-इत्तेहादुल मुसलमीन, इस धर्मान्ध ओवैसी बंधुआेंके दलने मुझे वेरुळ परिसरमें आनेके लिए विरोध प्रदर्शित किया है । उन्होंने सुदर्शन चॅनेलके फेसबुकके पन्ने तथा चॅनेलके वैध जालस्थलपर (Official Website) विरोध करनेके सन्दर्भमें लिखा है । चॅनेलके कार्यालयमें धमकीका दूरभाष कर वेरुळमें प्रवेश करनेके लिए विरोध प्रदर्शित किया है । (हिन्दुओंके सहिष्णु एवं असंगठित होनेके कारण ही धर्मान्ध उन्हें इस प्रकारसे विरोध करनेका दुस्साहस करते हैं ! यदि आज सलमान खानके समान चित्रपट अभिनेताको धर्मान्ध ओवैसीके भाग्यनगरमें प्रवेश करनेके लिए कोई भी पाबन्दी नहीं लगा सका, तो संभाजीनगरमें प्रवेश करनेके लिए श्री. सुरेश चव्हाणकेको रोकनेका अधिकार ओवैसीको किसने दिया ? धर्माधोंकी बढती उद्दण्डता
रोकनेके लिए हिन्दू राष्ट्रकी स्थापना करना अनिवार्य है ! – सम्पादक, दैनिक सनातन प्रभात)
श्री. चव्हाणकेने इस पत्रकमें आगे यह भी प्रस्तुत किया है कि यदि एमआइएमद्वारा विरोध प्रदर्शित किया गया, तो भी मैं निश्चित समयपर प्रवेश करूंगा ही ! मेरी धार्मिक स्वीकृति विरोध करनेका अधिकार किसीको भी नहीं है । मुझे स्वतन्त्र हिन्दुस्थानका स्वतन्त्र नागरिकके इस रूपमें देशमें कहीं भी जानेका अधिकार है । मैं प्रसिद्धिमाध्यमोंको तथा समाजको मेरी संवैधानिक अधिकारकी रक्षाके लिए सहायता करनेका आवाहन करता हूं । (हिन्दुओ, श्री. चव्हाणकेके इस आवाहनका सक्रियरूपसे प्रतिसाद दीजिए ! – सम्पादक, दैनिक सनातन प्रभात)
१. श्री. चव्हाणके २६ नवम्बरको देहलीसे दोपहर ४ बजे संभाजीनगर हवाई अड्डेपर आएंगे । सायंकाल ५ बजे शहीददिवसके (हुतात्मादिनके) निमित्त संस्थान गणपति मन्दिरकी पूजा तथा महाआरतीके पश्चात सायंकाल ७ बजे उनके धार्मिक गुरु जगत्गुुरु जनार्दन स्वामीजी महाराजकी १०० वीं जयंती तथा २५ वीं पुण्यतिथि समारोहके लिए एलोरा एवं वेरुळ जाएंगे । २७ नवम्बरको दोपहर १२ बजे पुनः देहली जानेके लिए प्रस्थान करेंगे ।
२. सुदर्शन चॅनेलपर २४ अक्तूबरसे २१ नवम्बरकी कालावधिमें ‘‘ओवैसीका नंगा नाच कब तक ?’’ यह कार्यक्रम प्रसारित किया गया था । २९ वें दिन भारत शासनने बताया कि कार्यक्रममें अंतर्भूत प्रमाणोंके आधारपर अकबरूद्दीन ओवैसीपर कार्यवाही करेंगे । शासनके इस वक्तव्यपर श्री. चव्हाणकेने यह बताया कि शासनकी इस बातसे क्रोधित ओवैसी समर्थकोंने वेरुळ आनेके लिए ऐसा विरोध प्रदर्शित किया होगा । (धर्मान्धोंके विरोधमें कार्यक्रम प्रसारित किया गया, तो विरोध करनेके लिए धर्मांध त्वरित आगे बढते है; किन्तु चॅनेलोंपर प्रसारित किए जानेवाले हिन्दूद्रोही कार्यक्रमोंके विरोधमें निद्रिस्त हिन्दू कभी भी प्रतिकार व्यक्त नहीं करते ! – सम्पादक, दैनिक सनातन प्रभात) चॅनेलपर प्रसारित किया गया कार्यक्रम सर्व प्रमाणोंके आधारपर प्रस्तुत किए जानेके कारण ओवैसी कानूनकी दृष्टिसे उसका विरोध नहीं कर सकेंगे । अतः उन्होंने सम्पादकोंको बताया कि वे अवैधरूपसे व्यक्तिगत स्तरपर विरोध प्रदर्शित कर रहे हैं ।
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात