यदि हमें कश्मीरकी रक्षा करनी है, तो यह करना ही पडेगा !
१. धारा ३७० निरस्त करें । यह केवल राष्ट्रपतिके अध्यादेशसे हो सकता है; क्योंकि संविधानमें लिखा हुआ है कि धारा ३७० एक अस्थाई धारा है ।
२. कश्मीर एवं जम्मूकी विधानसभामें पदोंकी संख्या असमान है । जम्मूके ३१ लाख नागरिकोंके लिए विधानसभामें ३७ पद एवं श्रीनगरके २९ लाख नागरिकोंके लिए ४७ पद दिए गए हैं । २९ लाखमें जाली मतदाताओेंंकी संख्या अधिक है । वास्तविक मतदाताओंकी संख्या न्यून हो जाएगी । जनसंख्याके अनुसार पदोंका बंटवारा करनेपर जम्मूको ४७ एवं श्रीनगरको ३७ पद मिलें, ऐसी पुनर्रचना करें । लद्दाखकी जनताका प्रतिनिधित्व भी लगभग दोगुना करनेकी आवश्यकता है । पाकव्याप्त कश्मीरके नामसे २४ पद रखे गए हैं । वे वर्तमानमें रिक्त हैं । आज विधानसभामें पाकको समर्थन देनेवाले विधायक भरे हुए हैं । यदि उसमें भारतप्रेमी विधायकोंकी अधिकता हो जाए, तो कश्मीर हडपनेकी पाककी मनोकामना धूलमें मिल जाएगी ।
३. कश्मीरमें सम्पत्ति क्रय करना, बाहरसे आए हुए लोगोंको निवास, घर क्रय करने हेतु लगाए गए प्रतिबन्ध पूर्णतः हटाकर वहां, विशेषतः सीमावर्ती क्षेत्रमें सेवानिवृत्त सैनिकोंका उपनिवेश करें । इससे घुसपैठकी समस्या न्यून होगी तथा सुरक्षा तन्त्र सुदृढ होगा ।
४. यह घोषित करें कि कश्मीरमें आगामी १० वर्षतक बाहरसे जानेवाले उद्योगपर कोई कर नहीं लगाया जाएगा, जिससे वहां बडी मात्रामें उद्योग प्रारम्भ हों । उद्योग प्रारम्भ होनेसे कश्मीरकी बेकारी घटेगी । उद्योगके साथ ही बडी संख्यामें हिन्दू श्रमिक भी वहां स्थलान्तरित होंगे । हिन्दुओंकी जनसंख्या बढे बिना वहां अलगाववादकी कार्यवाहियां न्यून नहीं होंगी ।
५. पाकने पाकव्याप्त कश्मीरमें जो ५२ आतंकवादी प्रशिक्षण केन्द्र प्रारम्भ किए हैं, कभी साहस दिखाकर उन्हें नष्ट करें । अमेरिका यदि उनके जबडेमें हाथ डालकर लादेनको कुचल सकती है, तो भारत भी निश्चित रूपसे आतंकवादी केन्द्र नष्ट करनेका पुरुषार्थ दिखा सकता है । इसके लिए सेनाको पूर्ण सहयोग करें ।
६. आतंकवाद कठोरतापूर्वक नष्ट करें । आतंकवादियोंको बन्दी बनाकर अनेक वर्षोंतक बिरयानी खिलाई जाती है तथा किसी हवार्इ जहाजका अपहरण होनेपर, उन आतंकवादियोंको काबुल ले जाकर छोड दिया जाता है । ऐसी नीतिका कोई उपयोग नहीं है । गोलीको गोलीसे ही समाप्त किया जाता है, यह जनताको दिखने दें । आतंकवादियोंको जनतासे मिलनेवाला परोक्ष समर्थन अपनेआप ही न्यून हो जाएगा ।
क्या है कलम ३७० : पढें — धारा ३७० लागू करनेवालोंको हिन्दू राष्ट्रमें आजन्म कारावासका दण्ड दिया जाएगा !
७. कश्मीरका हिन्दूकरण करनेसे ही कश्मीरकी रक्षा होगी, यह नीति बनाकर ठोस कृत्य करना चाहिए । पाडगांवकर समिति जैसे पाकका समर्थन करनेवालोंको बडा बनाकर जनताको भ्रमित न करें ।
८. यदि केन्द्र सरकार पाडगांवकर समितिके निमित्त आतंकवादियोंके समक्ष झुकती है तथा कश्मीरको स्वायत्त देनेकी दिशामें कदम उठाती है, तो देशभरमें उग्र आन्दोलन खडा होना चाहिए । भगवानद्वारा नरसिंहका रूप दिखाए बिना हिरण्यकश्यपुका मस्तक ठिकानेपर नहीं आएगा ।
(सन्दर्भ : एकता, अगस्त २०१२)
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात