पाकुड : झारखंड में पाकुड जिले के एक सरकारी पशु चिकित्सक को नाबालिग लडकी को ५०० रुपये का प्रलोभन देकर धर्मांतरित कराने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। पुलिस अधीक्षक शैलेंद्र प्रसाद बर्नवाल ने बुधवार को बताया कि लडकी के पिता की शिकायत पर कार्रवाई करते हुए पुलिस ने मंगलवार को सांवलापुर गांव में छापेमारी की, पशु-चिकित्सक दालू सोरेन को गिरफ्तार किया और १३ साल की लडकी को छुडाया। उन्होंने बताया कि उस वक्त वहां पर एक धार्मिक सभा चल रही थी। पशु चिकित्सा अधिकारी फिलहाल पलामू जिले के छतरपुर में तैनात है।
बर्नवाल ने कहा कि बीते सोमवार को लडकी के पिता के बयान के आधार पर पशु-चिकित्सक के खिलाफ आईपीसी और झारखंड धर्मांतरण निरोधक कानून-२०१७ की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया था। उन्होंने कहा कि आरोपी का बच्चों और ग्रामीणों को ईसाई मजहब में धर्मांतरित कराने का पिछला रेकॉर्ड है। लिट्टीपारा थाने में दर्ज कराई गई प्राथमिकी में रोडेगो गांव के किसान और लडकी के पिता ने कहा कि पशु-चिकित्सक ने उनकी बेटी को प्रलोभन दिया और ५०० रुपये की पेशकश करके अपनी गाडी में उसे साथ ले गया।
पुलिस अधीक्षक ने शिकायत के हवाले से कहा, आरोपी ने लडकी को बताया था कि धार्मिक सभा में उसका ईसाई मजहब में धर्मांतरण किया जाएगा। उसे यकीन दिलाया गया था कि मिशनरी अधिकारी उसकी पढाई-लिखाई और अन्य जरूरतों का ख्याल रखेंगे। लिट्टीपारा थाने के अधिकारी-प्रभारी बिमल कुमार सिंह ने कहा, ‘हम आरोपी के किसी खास मिशनरी संगठन के साथ संपर्क की जांच कर रहे हैं !’
सिंह ने बताया कि सोरेन सांवलापुर गांव में एक स्कूल चलाता है। सिंह ने बताया कि २०१५ में सोरेन के खिलाफ धर्मांतरण के आरोपों के बाद उसका छतरपुर तबादला कर दिया गया था। लडकी को परामर्श के लिए बाल कल्याण केंद्र भेज दिया गया है। पाकुड की एक न्यायालय ने मंगलवार को सोरेन को १४ दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया।
स्त्रोत : नवभारत टाईम्स