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हिन्दू जनजागृति समिति के राष्ट्रीय मार्गदर्शक सदगुरु (डॉ.) चारुदत्त पिंगळेजी की नेपाल यात्रा

‘हिन्दुआें पर हो रहे आघात एवं हिन्दू राष्ट्र की स्थापना’ के संदर्भ में सदगुरु (डॉ.) चारुदत्त पिंगळेजी की बुटवल (नेपाल) के धर्मप्रेमियों के साथ विचार-विमर्श !

बुटवल (नेपाल) : हिन्दू जनजागृति समिति के संकेतस्थल को नियमितरूप से भेंट करनेवाले श्री. जीवन खनाल को जब हिन्दू जनजागृति समिति के राष्ट्रीय मार्गदर्शक सदगुरु (डॉ.) चारुदत्त पिंगळेजी के नेपाल आने का समाचार मिला, तब उन्होंने अपने मित्रों के साथ (डॉ.) पिंगळेजी से भेंट की। इस अवसर पर श्री. खनाल ने नेपाल में बडी संख्या में एवं तीव्र गति से हो रहे हिन्दुआें के धर्मांतर के संदर्भ में सदगुरु (डॉ.) पिंगळेजी को अवगत कराया एवं उन्होंने उनसे धर्मांतर करनेवालों को वैधानिक पद्धति से कैसे रोका जा सकता है ?, इस संदर्भ में जान लिया।

इस अवसर पर सदगुरु (डॉ.) पिंगळेजी ने अपने मार्गदर्शन में कहा, ‘‘भ्रष्टाचार सरकारस्वीकृत नहीं होता; परंतु वह चलता ही रहता है, उसी प्रकार से हिन्दू धर्म में किसी प्रकार से स्पृश्य-अस्पृश्य का भेद नहीं है और शास्त्र में भी वैसा कहींपर नहीं लिखा गया है। धर्म में निश्‍चित रूप से क्या है, इसे समझ लेने के लिए धर्मशिक्षा लेना एवं धर्माचरण करना हिन्दुआें के लिए आवश्यक है। प्रभु श्रीरामद्वारा अवतार धारण करने से पहले ही रामायण लिखा गया और भगवान श्रीकृष्ण के जन्म से पहले ही कंसवध की आकाशवाणी हो गई थी। हिन्दू धर्म में आगे क्या होनेवाला है, यह पहले ही बताया जाता है और उसके पश्‍चात इतिहास लिखा जाता है। जीतनेवाला मनगढंत पद्धति से इतिहास लिखता है !

बुटवल के मानव धर्म सेवा समिति के कार्यकर्ताआें से भेंट

बुटवल की मानव धर्म समिति के श्री. कविंद्र श्रेष्ठ ने अपने कार्यकताआें की सदगुरु (डॉ.) पिंगळेजी से भेंट करवाई। इस समय जब श्री. श्रेष्ठ ने सदगुरु (डॉ.) पिंगळेजी से यह पूछा कि नेपाल को पुनः हिन्दू राष्ट्र बनाने के लिए हम क्या कर सकते हैं ?, तब इस संदर्भ में मार्गदर्शन करते हुए सदगुरु (डॉ.) पिंगळेजी ने कहा, ‘हिन्दुत्व का कार्य प्रभावशाली होने हेतु पहले धर्म को जान लेना आवश्यक है। धर्म को जान लेने से ही हिन्दू राष्ट्र क्या होता है, यह समझ में आएगा। उसके लिए धर्मशिक्षा लेना एवं धर्माचरण आवश्यक है। धर्मविचारों का निरंतर प्रसार करना, हिन्दुआें का संगठन बनाना और आदर्श लक्ष्य को सामने रखकर प्रयास करते रहना आवश्यक है !लालच देकर किए जा रहे धर्मांतर के लिए सरकार उत्तरदायी है; क्योंकि जनता को सुविधाएं प्रदान करना सरकार का दायित्व होता है ! सरकार हिन्दुआें को सुविधाएं उपलब्ध नहीं कराती; इसलिए वे लालच पर बली चढते हुए धर्मांतरित होते हैं !’

इस समय श्री. कवींद्र ने सदगुरु (डॉ.) पिंगळेजी से यह अनुरोध करते हुए कहा कि हम अगली बार सभी युवकों को एकत्रित करेंगे और तब आप दिनभर हमारा मार्गदर्शन करें !

स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात

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