- स्पेन की मारिया टेरेसा ने काशी में पूरी की बेटे की अंतिम इच्छा
- मणिकर्णिका घाट पर बेटे की अस्थियों को किया विसर्जित
- बेटे ने हिंदू रीति-रिवाज से अंतिम संस्कार की जताई थी इच्छा
वाराणसी : मां गंगा हो या जन्म देनेवाली मां, मां की ममता का कोई मोल नहीं है ! शनिवार को वाराणसी के मणिकर्णिका घाटपर मां गंगा एक ऐसी मां की गवाह बनीं, जो अपने बेटे की अंतिम इच्छा पूरी करने के लिए उसकी अस्थियों को स्पेन से लेकर यहां पहुंची थीं। ७० की उम्र पार कर चुकीं मारिया टेरेसा ने जब वैदिक मंत्रों के बीच अस्थियों को गंगा में प्रवाहित किया तो उनकी पलकें भीग गईं, वहीं आसपास मौजूद देसी-विदेशी पर्यटक भी मां को दिल से प्रणाम करने से नहीं चूके !
स्पेन के बार्सिलोना शहर में रहनेवाली मारिया टेरेसा का जवान बेटा खोर्डी एक हादसे में बुरी तरह घायल हो गया था। काफी इलाज के बाद भी वह ठीक नहीं हुआ। १५ मार्च २०१८ को अंतिम सांस लेने से पहले बेटे ने मां से अपना अंतिम संस्कार हिंदू रीति-रिवाज के साथ करने और अस्थियों को भगवान शिव की नगरी काशी में प्रवाहित करने की इच्छा व्यक्त की। बेटे की अंतिम इच्छा सुनकर मां-बाप की आंखें बह पड़ीं। चंद घंटों के भीतर बेटा इस दुनिया को छोडकर चला गया। बेटे की अंतिम इच्छा पूरी करने के लिए मां ने स्पेन के टेरेसा में हिंदू रीति-रिवाज के साथ अंतिम संस्कार किया।
३६ साल के बेटे की अंतिम इच्छा पूरी करने के लिए मां फिर काशी के लिए निकल पडी । मुंबई के रास्ते शुक्रवार की शाम को काशी पहुंचीं मारिया ने शनिवार को मणिकर्णिका घाट पर बेटे की अस्थियों को प्रवाहित किया। टूरिस्ट गाइड संजय गुप्ता की मदद से मणिकर्णिका घाट पहुंचने के बाद वैदिक मंत्रों के बीच बेटे की अस्थियों को गंगा में प्रवाहित किया। एनबीटी से बातचीत में मारिया ने कहा कि मुझे उम्मीद है बेटे को भगवान शिव मोक्ष प्रदान करेंगे !
स्त्रोत : नवभारत टाईम्स