रक्का – बीते साल फरवरी में डच मूल की 19 वर्षीय लड़की आइचा इस्लामी चरमपंथ से प्रभावित होकर सीरिया भाग आई थी। उसने एक जिहादी से शादी कर ली थी। लेकिन हाल ही में लड़की की मां उसे वापस ले आई और उसे जिहादी पति से छुटकारा दिला दिया। लड़की ने आरोप लगाया है कि पति उसको गुलाम बनाकर रखता था।
लेकिन आइचा के पति ओमर यिलमज का कहना है कि वह बहुत अच्छी पत्नी थी। उसके साथ कभी भी बुरा बर्ताव नहीं किया गया। ओमर ने बताया कि उसकी पत्नी जिहादियों के लिए खाना बनाती थी और चाय पार्टी करती थी। वह बहुत खुश थी। आइचा और वह आपसी सहमति से ही अलग हुए हैं। यिलमज डच मिलिट्री का सदस्य रह चुका है। बाद में वह इस्लामी चरमपंथियों के साथ जिहाद की राह पर चल पड़ा था।
आइचा की नकाब पहने हुए तस्वीर।
यिलमज ने बताया कि आइचा से प्यार होने के बाद उसने शादी कर ली थी। वह एक हाउस वाइफ के तौर पर बहुत अच्छी जिंदगी बिता रही थी। वह ज्यादातर समय खाना बनाने, पड़ोसी महिलाओं के साथ बातें करने और महिलाओं वाले काम करने में बिताती थी। यिलमज के मुताबिक, उसने आइचा को कभी नुकसान नहीं पहुंचाया है। वह हर दिन अपने परिवार के संपर्क में रहती थी। वहीं, आइचा ने तुर्की मीडिया को बताया था कि उसके साथ गुलामों जैसा बर्ताव किया जाता था।
आइचा की मां मॉनिक वर्बट ने बताया कि उसे खबर मिली थी कि उसकी बेटी के साथ गुलामों जैसा व्यवहार हो रहा है। इसलिए वह सीरिया से उसे ले आई। आइचा के नीदरलैंड आते ही उसे गिरफ्तार कर लिया गया है। आतंकी संगठन में शामिल होने के लिए उसे 30 साल की सजा हो सकती है।
डच मिलिट्री का सदस्य रहा ओमर यिलमज इस्लामी जिहादी बन गया।
ऑनलाइन चैट से हुआ था संपर्क यिलमज से ऑनलाइन चैट करने के बाद आइचा बीते साल फरवरी में सीरिया भाग गई थी। उसकी मां ने बताया कि उनकी बेटी ने इस्लाम कबूल करने के बाद अपना नाम बदल लिया था और नकाब पहनना शुरू कर दिया था। जिहादी यिलमज से जुड़ा एक वीडियो इंटरनेट पर देखकर वह उस पर फिदा हो गई थी। उसकी मां के मुताबिक, आइचा यिलमज को रॉबिन हुड समझकर पर मुग्ध हो गई थी। वह उस दौरान असद सरकार के खिलाफ लड़ रहा था।
स्त्रोत : दैनिक भास्कर